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Amravati News: अमरावती जिले में 508 बाल मृत्यु , सर्वाधिक 141 कुपोषित मेलघाट में

- कुपोषित बच्चों की संख्या कम होने का दावा खोखला
- बाल मृत्यु थमने का नाम नहीं ले रही
Amravati News राज्य में कुपोषित बच्चों की संख्या कम होने का दावा महिला व बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने सोमवार को विधान परिषद में किया, लेकिन अमरावती जिले में इसकी जमीनी हकीकत भयावह है। कुपोषित बच्चों की संख्या सिर्फ मई में 5189 होने के बारे में दैनिक भास्कर 3 जुलाई 2025 को खुलासा कर चुका है। अब मंत्री के इस दावे के बाद बाल मृत्यु के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। वर्ष 2024-25 में अमरावती शहर समेत जिले में 508 बाल मृत्यु दर्ज की गई है। पिछले तीन वर्षों की तुलना में बाल मृत्यु की यह संख्या बढ़ी है।
वर्ष 2024-25 में मार्च तक अकेले आदिवासी बहुल क्षेत्र मेलघाट के धारणी में जीरो से छह वर्ष की आयु वाले 94 बाल मृत्यु दर्ज की गई है। चिखलदरा में बाल मृत्यु की यह संख्या 47 रिकॉर्ड की गई है। बाल मौतों का यह तांडव सिर्फ मेलघाट में नहीं बल्कि जिले की अन्य तहसीलों में भी पहुंच गया है। जो यहां समाचार के साथ दिए जा रहे प्रशासन के चार्ट में देखा जा सकता है।
हर संभव प्रयास : वैसे मेलघाट में बाल मृत्यु कम करने में काफी हद तक सफलता मिली है। पिछले पांच-दस वर्षों की संख्या भयावह थी। इसके लिए शासन की योजनाएं कारगर साबित हो रही है। जैसे मेलघाट के धारणी, चिखलदरा और चुरणी में शुरू पुनर्वास केंद्र में जीरो से छह वर्ष आयु वाले बच्चों को भर्ती रखकर उन्हें विशेष पोषाहार दिया जाता है। प्रतिदिन वजन किया जाता है। कम से कम 15 प्रतिशत वजन बढ़ने पर ही छुट्टी दी जाती है। जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। मेलघाट में अंधश्रद्धा भी बड़ी बाधा है। - डॉ. सुरेश असोले, डीएचओ
Created On :   16 July 2025 1:43 PM IST