नीरी की रिपोर्ट बताएगी आबोहवा में घुला है प्रदूषण से कितना जहर

नीरी की रिपोर्ट बताएगी आबोहवा में घुला है प्रदूषण से कितना जहर
जगह-जगह गंदगी व कंपोस्ट डिपो के व्यवस्थापन की ओर मनपा की अनदेखी

डिजिटल डेस्क अमरावती। वर्ष 2010 से 2019 तक अमरावती मनपा के सुकली कंपोस्ट डिपो में जमा कचरे के व्यवस्थापन की दिशा में मनपा द्वारा ठोस निर्णय नहीं लेने से शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है। मामले को लेकर राष्ट्रीय हरित लवाद ने मनपा को जिम्मेदार मानकर 47 करोड़ का जुर्माना ठोका था। मामले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकीय अनुसंधान संस्थान (नीरी) की टीम शहर पहुंचेगी। टीम कंपोस्ट डिपो पहुंचकर मनपा द्वारा किए गए व्यवस्थापन का निरीक्षण कर जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।

एक ओर कंपोस्ट डिपो से होनेवाले प्रदूषण के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट को राष्ट्रीय अनुसंधान की टीम को रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी देनी पड़ी है। फिर भी मनपा ने शहरवासियों को गंदगी से मुक्ति दिलवाने कोई ठाेस कदम नहीं उठाए। इससे नीरी की रिपोर्ट मनपा के व्यवस्थापन की खामियां उजागर करने के साथ ही शहरवासियों के स्वास्थ्य पर भी अपनी रिपोर्ट के माध्यम से मुहर लगाएगी।

2010 से 2019 तक सुकली कंपोस्ट डिपो के चलते शहर का प्रदूषण बढ़ने से वसुंधरा फाऊंडेशन के अध्यक्ष गणेश अनासाने ने हरित लवाद में शिकायत की थी। इस पर केंद्रीय हरित लवाद ने मनपा पर 47 करोड़ 25 लाख रुपए का जुर्माना ठोका। मनपा की आर्थिक स्थिति कमजाेर रहने का कारण आगे कर 2020 में मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में हरित लवाद के फैसले को चुनौती देते हुए जुर्माना रद्द करने की मांग की। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माने पर स्थगनादेश देते हुए इस मुद्दें पर आगे सुनवाई जारी रखी। उसके बाद मनपा ने कंपोस्ट डिपो में जमा कचरे पर प्रक्रिया करने बायोमायनिंग प्रकल्प शुरू किया। दिसंबर 2023 तक कंपोस्ट डिपो में जमा समुचा कचरा मनपा को खत्म करना है और उससे निकलनेवाले बायोमेडिकल वेस्ट का निपटारा भी करना है।

60 फीसदी कचरा अब भी डिपो में : वर्तमान में मनपा ने केवल 40 प्रतिशत कचरा ही नष्ट किया है और 60 प्रतिशत कचरे का बायोमायनिंग 4 महीने में करना है। इसी कारण मनपा ने सुप्रीम कोर्ट में जब हलफनामा पेश किया। तब कंपोस्ट डिपो से निकलनेवाले सॉलिडवेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 और बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स का कितना पालन किया गया। इसका निश्चित आंकड़ा नहीं दिया। जिसका अनुमान लगाने सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकीय अनुसंधान को नियुक्त करने के निर्देश मनपा को दिए।

Created On :   8 Aug 2023 3:43 PM IST

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