Bhandara News: 96 वर्ष पुराने वैनगंगा नदी पर बने पुल को ढहाने की तैयारी

96 वर्ष पुराने वैनगंगा नदी पर बने पुल को ढहाने की तैयारी
  • जिला प्रशासन ने एनएचएआई को भेजा प्रस्ताव
  • खतरा टालने पुराने वैनगंगा नदी के पुल से यातायात बंद करने का लिया फैसला

Bhandara News जिले में वैनगंगा नदी पर वर्ष 1929 में बने ब्रिटिशकालीन पुल को ढहाने का फैसला लिया है। दशकों पुराने जर्जर पुल के ढहने की आशंका से जिला प्रशासन ने इस पुल से यातायात पूरी तरह से बंद करने के लिए पुल का कुछ हिस्सा या बीच से स्लैब हटाने का प्रस्ताव राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को भेजा है। इसे मंजूरी मिलते ही पुल का बाकी ढांचा जैसा है, वैसे ही रहेगा। लेकिन बीच से पुल को काट दिया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण की हामी का इंतजार हो रहा है।

गौरतलब है कि तीन दिन पहले पुणे जिले में कुंडमला के पास इंद्रायणी नदी पर बनाया पुराना पुल ढह जाने से चार पर्यटकों की मृत्यु हुई तो सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। इस तरह के हादसे की पुर्नवृत्ति टालने के लिए भंडारा जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को पहले ही प्रस्ताव भेजा है। 96 वर्ष पहले वैनगंगा नदी पर अंग्रेज शासन काल में पत्थरों से बनाया हुआ पुल अत्यंत जर्जर हो चुका हंै। इसके बावजूद आसपास के हजारों दोपहिया, साइकिल सवार प्रति दिन आवागमन के लिए इस पुल का उपयोग करते हंै। 2016 में रायगड़ जिले में महाड में ब्रिटिशकालीन पुल ढहने के पश्चात तत्कालीन जिलाधिकारी ने पुराने पुल पर लोहे के बैरिगेड्स लगाकर यातायात बंद कर दी थी। लेकिन नागरिकों की असुविधाओं को देखते हुए इस पुल को दोपहिया व साइकिल सवारों के लिए खुला रखा है।

यह यातायात पूरी तरह रोकने के लिए पुल को बीच से ढहाकर बाकी संपूर्ण पुल वैसे ही रखने के लिए जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण को प्रस्ताव भेजा है। इस बीच तीन दिन पहले पुणे जिले के कुंडमला में इंद्रायनी नदी पर पुल ढहने की घटना ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। इस घटना में कई लोगों की जान चली गई, तो सैकड़ों लोग घायल हो गए। ऐसे में भंडारा जिला मुख्यालय से लगभग दो किमी की दूरी पर वैनगंगा नदी पर ब्रिटिश शासन काल में बने पुल का आसपास के गांवों के मजदूर, कर्मचारी वर्ग प्रति दिन आवागमन के लिए इसी पुल का उपयोग करते है। सुबह व शाम के समय पुल पर यातायात बढ़ जाती है।

दोपहिया, साइकिल सवार इसी पुल से कारधा की दिशा में आवाजाही करते है। अंग्रेजों द्वारा पत्थरों से बना यह पुल कालबाह्य हो चुका हंै आैर कोई अनहोनी हो, इसके पहले जिला प्रशासन ने पुल को वर्ष 2016 में ही यातायात के लिए बंद किया था। लेकिन अभी भी पुल से आवाजाही जारी है। दशकों पुराना पुल ढहने की आशंका से जिला प्रशासन ने यातायात पूरी तरह से बंद करने के लिए पुल का कुछ हिस्सा या बीच से स्लैब हटाने का प्रस्ताव राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण को भेजा है। इसे मंजूरी मिली तो पुल का बाकी ढांचा जैसा है, वैसे ही रहेगा। लेकिन बीच से पुल को काट दिया जाएगा। इससे यातायात बंद करने का प्रयास जिला प्रशासन कर रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण की हामी का इंतजार हो रहा हंै।

एनएचएआई लेगा निर्णय : स्थानीय नागरिकों द्वारा इस पुल का बड़ी संख्या में उपयोग किया जाता है। दशकों पहले बना पुल एक ऐतिहासिक वास्तु है। इस पुल से यातायात बंद करने के लिए जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण को पुल बीच से काटने या स्लैब हटाने का प्रस्ताव भेजा है। जिस पर संबधित विभाग फैसला लेगा। - अभिषेक नामदास, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, भंडारा

एक ही वर्ष सात बार बाढ़ झेली : जिले के इस ऐतिहासिक पुल ने अब तक कई बार बाढ़ का सामना किया है। वर्ष 1994 में पुल ने एक के बाद एक सात बार बाढ़ झेली है। लगातार बारिश हुई तो प्रत्येक वर्ष पुल बाढ़ की चपेट में आ जाता है। कई दिनों तक पुल पानी के नीचे रह चुका हंै। इस लिए यह कमजोर हो गया है।



Created On :   18 Jun 2025 12:15 PM IST

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