Chandrapur News: बाघ के हमले में एक और ने गंवाई जान, तीन बैल भी बने शिकार

बाघ के हमले में एक और ने गंवाई जान, तीन बैल भी बने शिकार
बाघ के निरंतर हमलों से भड़का जनाक्रोश

Chandrapur News चंद्रपुर जिले के चिमूर तहसील में बाघ का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार की रात को दो अलग-अलग घटनाओं में एक किसान की मौत हो गई और तीन बैलों का बाघ ने शिकार किया। इन घटनाओं के बाद शंकरपुर और नंदारा परिसर में ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। एक ओर शंकरपुर में मृतक किसान के शव के साथ रातभर रास्ता रोको आंदोलन चला, तो दूसरी ओर नंदारा गांव के किसानों ने चिमूर-मासल मार्ग पर चक्का जाम किया। वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघ को पकड़ने व मुआवजा देने का लिखित आश्वासन देने के बाद दोनों आंदोलन शांत हुए।

चिमूर . बुधवार रात शंकरपुर के किसान ईश्वर भरेड़े की बाघ के हमले में मौत हो गई। घटना की खबर फैलते ही पूरे क्षेत्र में दहशत और आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने शव भीसी-आंबोली मार्ग स्थित असोला बस स्टैंड पर रखकर आंदोलन शुरू किया। बाद में शव को शंकरपुर के भीसी कॉर्नर पर ले जाकर रास्ता रोको आंदोलन किया गया।

रात 9 से सुबह 6.30 बजे तक डटे रहे किसान : जब तक बाघ को मारने का आदेश नहीं मिलेगा, तब तक शव नहीं उठाया जाएगा। इस चेतावनी के बाद माहौल पूरी रात तनावपूर्ण बना रहा। सैकड़ों की संख्या में किसान और ग्रामीण घटनास्थल पर डटे रहे। आंदोलन बुधवार रात 9 बजे से लेकर गुरुवार सुबह 6.30 बजे तक चला। स्थिति गंभीर होते देख ब्रह्मपुरी के उपवनसंरक्षक कुमारस्वामी और सहायक उपवनसंरक्षक महेश गायकवाड़ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारियों से कई घंटे चर्चा की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका।

वन विभाग ने दिया लिखित आश्वासन : संबंधित बाघ को पकड़ने या मारने की कार्रवाई की जाएगी। मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी दी जाएगी। गांव से सटे जंगल क्षेत्र में तारबंदी (बांड़) की जाएगी। इस आश्वासन के बाद गुरुवार तड़के साढ़े 6 बजे आंदोलन समाप्त हुआ और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए चिमूर अस्पताल भेजा गया। आंदोलन के दौरान एएसपी ईश्वर कातकड, एसडीपीओ दिनेश ठोसरे, भिसी थानेदार महेश भोंगाडे, चिमूर पुलिस निरीक्षक दिनेश लबडे और नागभीड़, शेगांव पुलिस दल, कमांडो यूनिट और आरक्षित पुलिस बल की टुकड़ियां तैनात थीं, ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

शंकरपुर में पूरी तरह से बंद और मोर्चा : शंकरपुर बाजार पूर्ण रूप से बंद रहा। ग्रामीणों ने मृतक किसान के प्रति श्रद्धांजलि और बाघ के आतंक के खिलाफ मोर्चा निकाला, जो भीसी कॉर्नर पर जाकर समाप्त हुआ। मोर्चे का नेतृत्व पूर्व जिलापरिषद अध्यक्ष डॉ. सतीश वारजुकर ने किया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग ने अपने वादे पूरे नहीं किए, तो आंदोलन दोबारा शुरू किया जाएगा।


Created On :   7 Nov 2025 4:29 PM IST

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