Chhindwara News: पातालेश्वर मोक्षधाम में एक शेड के नीचे जलानी पड़ रही दो-दो चिताएं

पातालेश्वर मोक्षधाम में एक शेड के नीचे जलानी पड़ रही दो-दो चिताएं
  • नियमित सफाई भी नहीं हो रही, छह महीने में पूरा करना था काम, तीन महीने में सिर्फ प्लिंथ के गड्ढे खोदे गए
  • पातालेश्वर मोक्षधाम का चार एकड़ का रकबा है, लेकिन इसका उपयोग ही नहीं किया जाता है।

Chhindwara News: निगम में अफसरशाही की हद हो गई है। मोक्षधाम जैसी जगहों में भी अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि ध्यान देेने के लिए तैयार नहीं हैं। पातालेश्वर मोक्षधाम में स्थिति ये है कि एक शेड के नीचे दो-दो चिताएं जलानी पड़ रही हैं। पिछले दिनों मोक्षधाम के एक शेड की दीवार गिर जाने के कारण यहां नए शेड बनाने का टेंडर चार महीने पहले निकाला गया था। 17 लाख में नए शेड को बनाया जाना था।

तीन महीने पहले वर्क ऑर्डर जारी हुआ, लेकिन इतने लंबे अंतराल के बाद भी निर्माण के नाम पर सिर्फ गड्ढे खोदे गए हैं। इधर, रोजाना शहर में औसतन 5 से 7 मौतें होती हैं, लेकिन वर्तमान में यहां सिर्फ 8 शेड ही हैं। जिसमें ही सभी का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इसमें भी हिंदू सभ्यता के मुताबिक तीसरे दिन ही खारी उठाई जाती है। बारिश के मौसम में यहां हालात और बदतर हो गए हैं।

जगह को लेकर विवाद

शेड बनाने में जगह को लेकर यहां विवाद बताया जा रहा है। यहां शेड निर्माण का काम शिवांशी कंस्ट्रक्शन को सौंपा गया है, लेकिन निर्माण शुरु हो पाता, इसके पहले ही समिति से जुड़े पदाधिकारी जगह को लेकर नाराज थे। जिसकी वजह से यहां काम रोकना पड़ गया था।

साढ़े 4 एकड़ का रकबा, लेकिन उपयोग नहीं

पातालेश्वर मोक्षधाम का चार एकड़ का रकबा है, लेकिन इसका उपयोग ही नहीं किया जाता है। पुराने स्ट्रक्चर के आसपास ही पूरा काम किया जा रहा है। बाकी स्थानों के उपयोग पर किसी का ध्यान ही नहीं है। जनप्रतिनिधि भी यहां कभी झांककर नहीं देखते हैं। जिस वजह से अफसर भी यहां ध्यान देने के लिए तैयार नहीं हैं।

सौंदर्यीकरण पर ध्यान नहीं

मोक्षधाम के अंदर सौंदर्यीकरण पर ध्यान ही नहीं है। जो पुराना शेड और निर्माण किया गया था। तात्कालिक कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह के समय यहां जितना काम किया गया था। उसके बाद सौंदर्यीकरण का कोई नया काम नहीं किया गया। मोक्षधाम का बड़ा रकबा आज भी खाली पड़ा है।

आवारा तत्वों का डेरा

मोक्षधाम के अंदर से लेकर आसपास तक आवारा तत्वों का जमघट रहता है। गांजे से लेकर शराब की चुस्कियां लेते युवा यहां साफ देखे जा सकते हैंं। पुलिस टीम भी यहां कभी झांककर नहीं देखती है। युवाओं की धमाचौकड़ी मोक्षधाम के अंदर सुबह से शुरु हो जाती है।

जगह-जगह गंदगी, सफाई तक नहीं होती

शहर में चंदनगांव,परासिया रोड सहित पातालेश्वर में मोक्षधाम है, लेकिन ज्यादातर शव पातालेश्वर मोक्षधाम में ही अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। यहां गंदगी इतनी है कि बैठना मुश्किल पड़ता है। आवारा मवेशी दिन भर यहां-वहां घूमते हैं। जिन्हें हटाया तक नहीं जाता है। गोबर और शवों में उपयोग होने वाले फूल यहां-वहां पड़े रहते हैं।

इनका कहना है...

तीन महीने पहले काम का वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। अभी तीन महीने का समय बाकी है, लेकिन काम जल्द ही पूरा हो जाए इसका प्रयास करेंंगे।

गीतेश धुर्वे उपयंत्री, नगर निगम

इनका कहना है...

मेेरे द्वारा कमिश्नर के संज्ञान में मामला लाया गया था। यहां साफ-सफाई की सही में बदतर स्थिति है। हम यहां समिति बनाकर सौंदर्यीकरण से लेकर साफ-सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी तय करेंगे।

-विजय पांडे पार्षद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता

शर्म की बात है कि मोक्षधाम जैसी जगहों पर भी अधिकारी व्यवस्था बनाने में फेल साबित हो रहे हैं। हम पहले भी यहां की अव्यवस्थाओं का मुद्दा उठाते रहे हैं। अभी भी सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।

हंसा अंबर दाढ़े, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम

Created On :   22 Aug 2025 1:14 PM IST

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