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Chhindwara News: पहुंच विहीन बसाहटों में नहीं पहुंचा शुद्ध पानी, बारिश में बीमारी फैलने का खतरा

- पहुंच विहीन बसाहटों में नहीं पहुंचा शुद्ध पानी
- बारिश में बीमारी फैलने का खतरा
- पीबीटीजी स्कीम से १२ गांवों की ३४ बसाहटों को जोड़ा गया
Chhindwara News: आदिवासी बाहुल्य तामिया ब्लॉक की पहुंच विहीन बसाहटों में घरों तक शुद्ध पानी नहीं पहुंच सका। निर्माण कार्य अधूरा होने की वजह से ग्रामीण प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर निर्भर हैं। बारिश के दौरान दूषित पानी पीने से बीमारी का खबरा बढ़ जाता है। पीएचई विभाग को निर्माण कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के साथ जल स्त्रोतों में क्लोरीनेशन की तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है। ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए भी प्रशासन को अभियान की शुरुआत करनी चाहिए।
गौरतलब है कि जिले के तामिया, जुन्नारदेव और हर्रई ब्लॉक में पहुंच विहीन बसाहटें ज्यादा हैं। दुर्गम इलाकों में बसे ग्रामीणों के लिए सरकार ने जल जीवन मिशन और पीबीटीजी स्कीम के तहत हर घर तक शुद्ध जल पहुंचाने निर्माण कार्य शुरु करा दिया है। लेकिन निर्माण कार्यों की रफ्तार बहुत धीमी है। ऐसे में तामिया ब्लॉक के पातालकोट में बसे 12 गांवों की 34 बसाहटों में समस्या सबसे ज्यादा है। यहां रहने वाले ग्रामीण प्राकृति जल स्त्रोतों पर निर्भर हैं। पीबीटीजी स्कीम के तहत घर तक शुद्ध जल पहुंचाने की स्कीम निर्माणाधीन है। निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण ग्रामीण अब भी झिरिया, तालाब का दूषित पानी पीने मजबूर हैं। ऐसे में बीमारी का खतरा बारिश में बढ़ जाता है।
इन गांवों के रहवासियों पर खतरा ज्यादा
पातालकोट के गैलडुब्बा, धनसाल कोढिय़ा, कारेआम रातेड़, चिमटीपुर, धुरनीमालनी डोमनी, जड़मादल हर्राकछार, झिरन, खमारपुर सेहरापचगोल, सुखाभांड हरमउ, घटलिंगा, गुडीछातरी, घोघरी गुज्जा डोंगरी गांव के साथ इनकी ३४ बसाहटों के ग्रामीण दूषित पानी पीने मजबूर हैं।
अफसरों को यह उठाने होंगे कदम
{ निर्माण कार्यों की रफ्तार बढ़ानी होगी।
{ जल स्त्रोतों का क्लोरीनेशन कराना होगा।
{ ग्रामीणों को जागरुक करना होगा, ताकि वे दूषित पीने से बचें।
{ पानी की रेंडम जांच करानी चाहिए।
{ जल स्त्रोतों के आसपास मौजूद खेतों में दवा का छिडक़ाव होता है, बारिश में यही दवा निचले जल स्त्रोतों में पहुंच जाती है, इससे रोकने के उपाए कराने होंगे।
इनका कहना है...
हाल ही में मैने चार्ज लिया है। निर्माण कार्यों की लगातार समीक्षा की जा रही है। तामिया क्षेत्र में ४ स्कीमें पूरी हो चुकी हैं। शेष की रफ्तार भी बढ़ाई जा रही है। जल स्त्रोतों का क्लोरीनेशन कराया जाएगा। ग्रामीणों को जागरुक करने भी हम प्रयास करेंगे।
-रवि शंकर वर्मा, ईई परासिया डिविजन
Created On : 22 Jun 2025 3:36 PM IST