Chhindwara News: हमें राज्यमंत्री का दर्जा तो सरकार ने दिया है, लेकिन प्रोटोकाल कहां मिलता है?

हमें राज्यमंत्री का दर्जा तो सरकार ने दिया है, लेकिन प्रोटोकाल कहां मिलता है?
  • हमें राज्यमंत्री का दर्जा तो सरकार ने दिया है
  • लेकिन प्रोटोकाल कहां मिलता है?

Chhindwara News: महापौर सम्मेलन के बाद महापौर काउंसलि मध्यप्रदेश इकाई की तीसरी बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें महापौरों ने कार्यकाल में आ रही दिक्कतें और परेशानियां भी एक दूसरे के साथ साझा की। इनमें सबसे बड़ी बात प्रोटोकाल को लेकर थी। महापौरों का कहना था कि सरकार ने हमें राज्यमंत्री का दर्जा तो दिया है, लेकिन इसका प्रोटोकाल हमें नहीं मिलता है। एक गॉर्ड तक हमें नहीं दिया जाता है।

महापौरों की सामूहिक बैठक में लीज नामांतरण का मुद्दा भी उठाया गया। महापौरों का कहना था कि लीज नामंातरण की प्रक्रिया का अधिकार महापौर केे पास होना चाहिए, इससे शहर के विकास में पारदर्शिता आएगी। नगरीय निकायों में ऐसे मामले सामने आते हंै जब लोग ऐसी समस्या लेकर उनके पास आते है, लेकिन वे कुछ नहीं कर पाते। इसके बाद नगर निगम क्षेत्र में मौजूद नजूल की जमीन के उपयोग की बात भी बैठक में उठाई गई। महापौरों ने कहा कि शहर के विकास के लिए नजूल की जमीन के उपयोग का अधिकार महापौर के पास रहना चाहिए। इससे प्रोजेक्ट बनाने और शहर को डेवलपमेंट करने में काफी मदद मिलेगी। महापौरों ने बैठक में समय पर चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि मिलने आ रही दिक्कतों पर भी बात की। दरअसल, प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन इसी चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि पर निर्भर है, लेकिन लेटलतीफी की वजह से हर माह वेतन लेट होता है।

विनियमितिकरण का मिले अधिकार

बैठक के पहले हुए सम्मेलन में महापौरों की पीड़ा साफ दिखाई दी। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हमें निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक को विनियमित करने का अधिकार नहीं हैं। शनिवार की बैठक के एजेंडे में भी इसे शामिल किया गया था। जिसमें महापौरों ने मांग रखी कि मस्टरकर्मी, संविदा और अन्य अमले की नियुक्ति का अधिकार भी उन्हें दिया जाए।

वित्तीय अधिकार भी मिले महापौरों को

बैठक में महापौरों को वित्तीय अधिकार भी दिए जाने पर सहमति काउंसिल के बीच बनी। महापौरों ने मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम वित्त एवं लेखा नियम 2018 के नियम 11 का पालन पर चर्चा की और वित्तीय अधिकार महापौरों को दिए जाने का मुद्दा उठाया। इसके अलावा बैठक में 17 फरवरी को मुख्यमंत्री व नगरीय प्रशासन मंत्री को प्रेषित किए गए प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई। आयोजित काउंसिल की बैठक में कुल छह प्रस्ताव रखे गए थे।

Created On :   13 July 2025 3:46 PM IST

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