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स्कूल में डमी एडमिशन का खेल: निजी स्कूल में एडमिशन लेने के बाद कोचिंग सेंटर में पढ़ते मिले विद्यार्थी, जिला शिक्षा विभाग की टीम ने मारी रेड

- स्कूल मिले खाली, कोचिंग में पढ़ रहे थे सैकड़ों विद्यार्थी
- शिक्षा विभाग की टीम ने मारी रेड।
- स्कूल भवन सिर्फ सौ बैठने की क्षमता, 300से ज्यादा एडमिशन।
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। निजी स्कूलों में कक्षा ग्यारहवीं-बारहवीं में नियमित विद्यार्थी के एडमिशन के बाद स्कूल छोड़ पूरा समय कोचिंग में पढऩे का खेल चल रहा है। यहां डमी विद्यार्थी बनने के बाद विद्यार्थी स्कूल नहीं जाते है और निजी कोचिंग में स्कूल समय पर पढ़ाई करते है। इस बात की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मिलने के बाद सोमवार को चार सदस्यीय दल ने सौंसर विकासखंड के तीन निजी कोचिंग संस्थानों में रेड मारी और सैकड़ों की संख्या में डमी विद्यार्थियों को पढ़ता पाया गया। जांच टीम के सामने निजी स्कूलों के संचालक, विद्यार्थी और कोङ्क्षचग पढ़ाने वालों ने इसे स्वीकारा है। सौंसर में संचालित मिडास ताज काचिंग क्लासेस में सबसे ज्यादा ऐसे डमी विद्यार्थी पढ़ते मिले जिनका एडमिशन शहर के ही निजी स्कूलों में था लेकिन वह ट्यूशन में पढ़ाई कर रहे थे। बताया जा रहा है कि बड़े पैमाने में चल रहे डमी स्टुडेंट के इस खेल में निजी स्कूल के अलावा कुछ कोचिंग संचालक यह कर रहे है।
जांच टीम ने लिए बयान, सौपेंगे रिपोर्ट
सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय छिंदवाड़ा से प्राचार्य सुधीर मिश्रा, नमिता ठाकुर, बीईओ सौंसर विजय धोरडे, मान्यता कक्ष प्रभारी दिनेश वर्मा सौंसर जांच करने पहुंचे थे। यहां सबसे पहले निजी स्कूलों में जाकर दर्ज विद्यार्थियों का नाम देखा जो बाद में कोचिंग क्लासेस में पढ़ते पाए गए। यहां पर लिए बयान के अनुसार सुबह आठ से शाम पांच बजे या रात आठ बजे तक यह कोचिंग चलती है। स्कूलों के लगने का समय भी यहीं है जहां विद्यार्थी स्कूल ना जाकर कोङ्क्षचग में ही पढ़ रहे थे।
स्कूल भवन सिर्फ सौ बैठने की क्षमता, 300से ज्यादा एडमिशन
निजी स्कूलों के साथ चल रही सांठ-गांठ से बहुत से मामले सामने आए है। जांच टीम ने सौंसर के उन निजी स्कूलों में जांच की जो डमी स्टुडेंट बनाकर एडमिशन लेते है। यहां पर दो स्कूल तो ऐसे मिले है जिनके स्कूल भवन में अधिकतम 100 विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता है लेकिन यहां पर तीन सौ से ज्यादा का एडमिशन दर्ज है।
इनका कहना है
- सौंसर विकासखंड के मिडास ताज कोचिंग सहित दो अन्य कोचिंग संस्थानों में जांच करने पहुंचे थे। यहां पर स्कूलों में दर्ज विद्यार्थी स्कूल समय पर कोचिंग पढ़ते पाए गए है। निजी स्कूलों की भी जांच हुई है जहां स्कूल मेें डमी स्टुडेंट बनाकर एडमिशन दिया जा रहा है। जांच रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सौंपी जाएगी।
- सुधीर मिश्रा, प्राचार्य, जांच अधिकारी
जिला मुख्यालय में भी चल रहा खेल
सौंसर की तरह जिला मुख्यालय में इस प्रकार का खेल चल रहा है। शहर के दो से तीन ऐसे निजी स्कूल है जहां पर डमी स्टुडेंट बतौर एडमिशन आसानी से मिल जाता है। यहां भी नियमित विद्यार्थी रहते है और दिन भर कोचिंग में पढ़ाई होती है। कुछ विद्यार्थी ऐसे है जों जिले और प्रदेश के बाहर नियमित पढ़ाई कर रहे है।
Created On :   25 July 2023 10:24 PM IST