गायनिक पेशेंट के परिजनों की लाचारी... रात में गरम पानी बीस रुपए और चाय दस रुपए में खरीदना पड़ रहा

डिलेवरी के बाद प्रसुता को काली चाय और गरम पानी दिया जाता है

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में रोजाना 30 से 40 सामान्य डिलेवरी होती है और दस से अधिक सीजर ऑपरेशन होते है। अक्सर गायनिक पेशेंट को काली चाय और गरम पानी दिया जाता है। गायनिक पेशेंट के परिजनों को गरम पानी और काली चाय की दोगुनी कीमत चुकानी पड़ रही है। सामान्य तौर पर पांच रुपए मेें मिलने वाली एक चाय रात के वक्त 10 रुपए और दिन में दस रुपए लीटर में गरम किए जाने वाले एक लीटर पानी की कीमत 20 रुपए हो जाती है।

यह कीमत सुनने में भले सामान्य लगे। लेकिन हर्रई, बटकाखापा, तामिया के दूरस्थअंचल से आने वाले ग्रामीणों के लिए यह कीमत बढ़ी है। कई बार देखने में आया है कि गांव से आते वक्त पेशेंट के परिजनों के पास महज दो सौ से पांच सौ रुपए होते है। इन्हीं रुपयों में उन्हें पेशेंट के भर्ती रहने के दौरान तीन से सात दिनों तक गुजारा करना होता है और वापस गांव भी लौटना होता है। जिला अस्पताल प्रबंधन के लिए भी यह सामान्य बात होगी, लेकिन रात के वक्त चाय और पानी के लिए भटकते लोगों के लिए यह बड़ी मुसीबत है।

अस्पताल में सुबह बांटी जाती है चाय-

जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से गायनिक वार्ड में काली चाय और नाश्ता बांटा जाता है। सुबह और शाम के वक्त खाद्य सामग्रियों का वितरण किया जाता है। रात के वक्त पेशेंट या परिजनों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जिसका फायदा दुकानदारों द्वारा उठाया जाता है।

असामाजिक तत्वों का लगा रहता है डेरा-

कोतवाली थाने के सामने जिला अस्पताल के गेट नम्बर तीन में स्टैंड संचालक और उसके आसपास घूमने वाले असामाजिक तत्वों से मरीज व उनके परिजन खासे परेशान है। सीएस परिसर में सो रहे मरीज के परिजनों से नशे में धुत बदमाश गाली-गलौच और अभद्रता करते है।

Created On :   4 July 2023 9:48 PM IST

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