Jabalpur News: गजब का फर्जीवाड़ा: एक ट्रक एक ही दिन मंे उज्जैन से चक्कर लगाता रहा, जबलपुर 4-4 बार आ गया और आंख मिच कर बिल भी पास होते रहे

गजब का फर्जीवाड़ा: एक ट्रक एक ही दिन मंे उज्जैन से चक्कर लगाता रहा, जबलपुर 4-4 बार आ गया और आंख मिच कर बिल भी पास होते रहे
चैक के माध्यम से जो बैंक गारंटी जमा कराई गई है, अब उनसे राशि की वसूली होगी


jabalpur News। गतदिवस उजागर हुए धान परिवहन घोटाले की परतें अब खुलनी शुरू हो चुकी हैं। राइस मिलर्स ने अधिकारियों के साथ मिलकर कई चौंकाने वाले फर्जीवाड़े किए। एक-एक ट्रक को जबलपुर से उज्जैन या जबलपुर से विदिशा तक के एक ही दिन में 4-4 फेरे दिखाए गए जो कि संभव ही नहीं है। जिन वाहनों में धान की ढुलाई दिखाई गई उनमें से कुछ वाहन उस समय या तो सीमेंट ढो रहे थे या उनमें लोहा लदा था। अच्छी बात तो यह है कि मिलर्स द्वारा गारंटी के तौर पर एफडी और चैक के माध्यम से जो बैंक गारंटी जमा कराई गई है, अब उनसे राशि की वसूली होगी। मिलर्स को ब्लैकलिस्ट भी किया जाएगा।

अंतर जिला मिलिंग के मामले में 30 करोड़ 14 लाख के फर्जीवाड़े में अब तक करीब एक दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पनागर थाना, मझगवां, थाना बेलखेड़ा, भेड़ाघाट, मझौली, पाटन और कुंडम थाने की पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि शासन को ठगने के लिए मिलर्स ने कई पेंतरे आजमाए लेकिन उन्हें सफल नहीं होने दिया गया।

अंधेरगर्दी ऐसी भी-

38 के लिए 98 किमी का चक्कर-

:- जबलपुर से मनेरी पहुंचने के लिए कुंडम निवास रुट का उपयोग किया गया। हवाला यह दिया गया कि रास्ता खराब है। बचाव में कहा गया कि कुंडम रोड पर टोल नहीं है जिस वजह से रिकार्ड भी नहीं दिया जा सकता।

:- इस पर अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग मार्ग उपसंभाग से जानकारी ली गई तो पता चला कि जबलपुर-बरेला-मनेरी 38 किमी का मार्ग वर्तमान में अच्छी हालत में है। जबकि जबलपुर-कुंडम-निवास-मनेरी मार्ग करीब 98 किमी है साथ में निर्माणाधीन हाेने के कारण अनुकूल नहीं है। आखिरकार मिलर्स का झूठ पकड़ा गया।

क्षमता 20 की परिवहन 50 टन का कैसे-

:- कुछ मिलर्स ने तो और भी चौंकाने वाले आंकड़ों से खेल किया। उनके द्वारा जिन वाहनों की जानकारी उपलब्ध कराई गई कि उन्होंने उनसे धान का परिवहन िकया, उनमें बड़ा अंतर पाया गया।

:- मिलर्स की ओर से जिस ट्रक का नम्बर दिया उसकी क्षमता 20 टन की है और उसी में 50 टन धान के परिवहन का दावा िकया। इससे उनका फर्जीवाड़ा पकड़ा गया क्योंिक दोगुने से भी अधिक माल का परिवहन नहीं हो सकता।

कुल 18 मिलर्स से अनुबंध

मप्र स्टेट सिविल सप्लाई काॅर्पोरेशन और 18 मिलर्स के बीच धान परिवहन का अनुबंध िकया गया था। इनमें मंडला, मनेरी, उज्जैन, विदिशा, ग्वालियर और रायगढ़ के मिलर्स शामिल थे। इनमें से कुछ मिलर्स ऐसे हैं जो पहले भी यहां से धान का परिवहन कर चुके हैं जबकि कुछ नए हैं।

सबसे ज्यादा धान मंडला-मनेरी गई

09: - धान के परिवहन के लिए सबसे अधिक 9 एजेंसिया मंडला और मनेरी की थी। इन्हें 1 लाख 69 हजार 303 क्विंटल के डिलिवरी ऑर्डर जारी िकए गए लेकिन उठाव 90 हजार 475 क्विंटल का उठाव िकया।

05:- दूसरे नंबर पर उज्जैन के 5 मिलर्स रहे। इन्हें 37 हजार 671 क्विंटल धान के डिलीवरी आॅर्डर जारी हुए और उठाव 33 हजार 537 क्विंटल का हुआ।

01:- इसके अलावा तीन एंजेंसियों को एक-एक डिलिवरी ऑर्डर दिए गए थे। इनमें आराजगढ़, ग्वालियर के अलावा विदिशा के मिलर शामिल रहे।

Created On :   21 March 2025 10:48 PM IST

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