जबलपुर: गर्मी में रुला रही ट्रेनों की लेट-लतीफी, परेशान हो रहे यात्री

गर्मी में रुला रही ट्रेनों की लेट-लतीफी, परेशान हो रहे यात्री
  • कहीं भी आउटर में खड़ी कर रहे गाड़ी, न पानी नसीब हो रहा और न खाना
  • रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों को राहत देने के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
  • करेली में करीब एक घंटे खड़ी रहने के बाद जब ट्रेन आगे रवाना हुई तो उसकी रफ्तार ने रुलाना शुरू कर दिया।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। गर्मी के दिनों में ट्रेन की लेट-लतीफी लोगों को रुला रही है। पहले तो सही समय पर रवाना न होना और फिर कहीं भी आउटर में ट्रेन के खड़ी होने के कारण यात्री परेशान हो रहे हैं। इस दौरान आउटर में न तो पानी नसीब होता है और न ही खाना मिलता है, ऐसे में यात्रियों की परेशानी देखते ही बन रही है। इन सब परेशानियों से रेलवे को शायद कोई सरोकार नहीं है।

विगत दिवस ट्रेन की लेट-लतीफी को लेकर यात्रियों ने काफी आक्रोश जाहिर किया मगर उनकी एक नहीं सुनी गई। बताया जाता है कि लोकमान्य तिलक टर्मिनस ट्रेन अपने गंतव्य से जो शाम 4 बजे रवाना होती है, वह करीब पौने तीन घंटे देरी से पौने सात रवाना हो सकी।

इस दौरान वह आउटर में खड़ी रही। इसके बाद जैसे-तैसे रवाना हुई तो यात्रियों ने थोड़ी राहत महसूस की। मगर ट्रेन की गति देखकर यात्रियों ने अंदाजा लगा लिया था कि यह ट्रेन समय पर तो जबलपुर नहीं पहुँचाएगी।

यात्रियों में काफी आक्रोश भी देखा गया, 5 घंटे देरी से पहुँची जबलपुर

बताया जाता है कि करेली में करीब एक घंटे खड़ी रहने के बाद जब ट्रेन आगे रवाना हुई तो उसकी रफ्तार ने रुलाना शुरू कर दिया। लोगों ने बताया कि यह ट्रेन इतनी धीमी गति से चल रही थी मानो कोई पैसेंजर ट्रेन हो। इस तरह से करीब पाँच घंटे देरी से पहुँचने पर लोगों ने राहत महसूस की।

आक्रोशित यात्रियों का कहना है कि रेलवे द्वारा पूरा किराया लेने के बाद भी जिस तरह से ट्रेनों की लेट-लतीफी करवा रहे हैं उससे तो रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों को राहत देने के सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

करेली पहुँचते ही फिर थमे पहिए

यात्रियों ने बताया कि लंबा सफर करने के दौरान हर वक्त यही लग रहा था कि जैसे-तैसे जबलपुर पहुँच जाएँ और राहत की सांस लें। मगर यात्रियों का यह सपना भी करेली पहुँचने पर टूट गया। करेली में ट्रेन दस बजे पहुँच गई थी मगर यहाँ आउटर में पहुँचते ही इसके पहिए थम गए। इस दौरान यात्रियों को यह बताने वाला कोई नहीं था कि आखिर ट्रेन आगे कब बढ़ेगी।

पानी तक को तरस गए लोग

कुछ यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में बुजुर्गों के साथ ही बच्चे भी सफर कर रहे थे, मुंबई से सफर करते हुए यहाँ पहुँचने के बाद अधिकांश लोगों के पास नाश्ता और पानी तक समाप्त हो गया था। लोगों ने यह सोचकर खरीदा भी नहीं था कि अब जल्द ही जबलपुर पहुँच जाएँगे, मगर करेली पहुँचने के बाद उनकी परेशानियाँ बढ़ गईं।

यहाँ आउटर में ट्रेन खड़ी हाेने से नाश्ता तो छोड़ो बच्चों को पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा था।

Created On :   6 May 2024 11:58 AM GMT

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