उत्कृष्ट सेवा के छह दशक: पीढ़ियों से कर रहे यही काम, खुद बनाते हैं मसाले, खोवे की गुणवत्ता पर भी पूरा फोकस

पीढ़ियों से कर रहे यही काम, खुद बनाते हैं मसाले, खोवे की गुणवत्ता पर भी पूरा फोकस
  • न्यू इंदौर सेव भंडार बना मिसाल, क्वाॅलिटी के साथ स्वाद का कमाल
  • एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ कारोबार आज शहर ही नहीं, मप्र और छत्तीसगढ़ में ब्रांड बन चुका है।
  • फर्म के द्वारा वर्ष 1988 में गुड़ के लड्डू (जचकी वाले) बनाने शुरू किये गये, जो कि आज शहर में पहचान बन गए हैं।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। न्यू इंदौर सेव भंडार का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। बात चाहे नमकीन की हो, मिठाई की या फिर बेकरी उत्पादों की, पूरे महाकोशल में न्यू इंदौर सेव भंडार का जैसा कोई नहीं है।

बीते छह दशकों से पीढ़ी-दर-पीढ़ी नए-नए स्वाद इस प्रतिष्ठान द्वारा बाजार को दिए गए हैं। न्यू इंदौर सेव भंडार के संस्थापक स्व. श्री महीपाल दास साहू हैं एवं न्यू इन्दौर सेव भंडार फर्म के पारिवारिक सदस्य रामकुमार साहू कोरबा, दीपक साहू जबलपुर, श्रीमती स्वर्णा राकेश साहू जबलपुर द्वारा फर्म को चलाया जा रहा है।

संचालक कैलाश साहू ने कहा कि उन्होंने हमेशा गुणवत्ता पर ज्यादा जोर दिया है, क्योंकि हमारे उपभोक्ता हमारा परिवार हैं। श्री साहू ने बताया कि जबलपुर और समूचे महाकोशल को नए स्वाद और वैरायटी से रूबरू कराने में न्यू इंदौर सेव भंडार की भूमिका सदैव अग्रणी रही है।

उन्होंने बताया कि मिठाई का खोवा और नमकीन का सारा मसाला आज भी वे अपने कारखाने में ही तैयार करते हैं, ताकि उच्च गुणवत्ता के मानदंडों से समझौता न हो सके। एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ कारोबार आज शहर ही नहीं, मप्र और छत्तीसगढ़ में ब्रांड बन चुका है।

इंदौर स्वीट्स और हरिविंद बेकर्स इनकी सहायक फर्म हैं। बेटे सुलभ, सुयश, सत्यम साहू बिजनेस में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।

नाम में इंदौर क्यों किया शामिल

इस सुप्रसिद्ध प्रतिष्ठान के नाम के साथ इंदौर जुड़ने के पीछे एक कहानी है। श्री साहू ने बताया कि उनके पिता महीपाल दास साहू 1963 में इंदौर की एक नमकीन बनाने वाली शॉप में नमकीन बनाने का काम करते थे।

बाद के दिनों में जब उन्होंने जबलपुर में अपनी शॉप शुरू करने की योजना तैयार की तो उसका नाम न्यू इंदौर सेव भंडार रखा। श्री साहू ने बताया कि इंदौर से उनका दिली जुड़ाव इसकी खास वजह है। एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ कारोबारी सफर आज सात बड़े प्रतिष्ठानों के साथ विस्तारित हो चुका है।

शहर में सात जगह दुकानें

न्यू इंदौर सेव भंडार की शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में सात जगहों पर दुकानें हैं। फर्म की गंजीपुरा, लेबर चौक, रामपुर, अधारताल, सदर, चेरीताल और रसल चौक में दुकानें संचालित हो रही हैं। फर्म की मिठाई व नमकीन के साथ ही बेकरी की मैन्युफैक्चरिंग की यूनिट हरिविंद नाम से है।

जैसा मौसम, वैसा जायका

न्यू इंदौर सेव भंडार की एक सबसे प्रमुख विशेषता ये भी है कि यहाँ बदलते मौसम के साथ स्वाद और वैरायटी बदल जाते हैं। सर्दी के मौसम में मैथी के लड्डू उपभोक्ताओं की सेहत का ख्याल रखते हैं। गर्मी में रसमलाई का स्वाद अलग ही आनन्द देता है।

बारिश के मौसम में नमकीन के बेहतरीन जायके मौसम का मजा कई गुना बढ़ा देते हैं। श्री साहू के अनुसार, न्यू इंदौर सेव भंडार के गुड़ के लड्डू सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं। इस किस्म के लड्डू सबसे पहले इसी दुकान पर बनाये गए।

दूध से स्वयं तैयार करते हैं खोवा और नमकीन के मसाले

फर्म की खासियत यह है कि यहाँ पर स्वयं के द्वारा तैयार खोवा से ही मिठाइयों का निर्माण किया जाता है। इसके साथ ही नमकीन में मिलाने के लिए मसाले भी स्वयं के द्वारा तैयार किए जाते हैं।

फर्म के द्वारा वर्ष 1988 में गुड़ के लड्डू (जचकी वाले) बनाने शुरू किये गये, जो कि आज शहर में पहचान बन गए हैं। मैथी, ड्रायफ्रूट, मूँग, गोंद के साथ ही शाही गजक भी तैयार की जाती है। साथ ही करीब सौ प्रकार की मिठाइयाँ एवं 50 प्रकार के नमकीन बनाएं जाते हैं।

Created On :   19 March 2024 9:07 AM GMT

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