स्मार्ट सोलर डस्टबिन की जगह टाँगे प्लास्टिक के डिब्बे, कदम-कदम पर किया फर्जीवाड़ा

स्मार्ट सोलर डस्टबिन की जगह टाँगे प्लास्टिक के डिब्बे, कदम-कदम पर किया फर्जीवाड़ा
टेंडर जल्दबाजी में क्यों निकाला, अमल देर से क्यों हुआ, विज्ञापन के जरिए एजेंसी कर रही मोटी कमाई

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

शहर में स्मार्ट सोलर डस्टबिन लगाने के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। ठेका लेने वाली एजेंसी एसएस कम्यूनिकेशन ने स्मार्ट सोलर डस्टबिन की जगह प्लास्टिक के डिब्बे टांग दिए। स्मार्ट सिटी ने जब जाँच की तो स्मार्ट सोलर डस्टबिन केवल प्लास्टिक का डिब्बा निकला। इसके बाद टेंडर निरस्त कर दिया गया। कानूनी कवच का सहारा लेकर एजेंसी पिछले चार वर्ष से विज्ञापन के जरिए मोटी कमाई कर रही है।

एजेंसी को फायदा पहुँचाने निकाला अर्जेंट टेंडर

स्मार्ट सिटी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए शहर में 50 जगह स्मार्ट सोलर डस्टबिन लगाने के लिए 28 दिसंबर 2018 को 10 वर्ष के लिए अर्जेंट टेंडर निकाला। एसएस कम्यूनिकेशन को फायदा पहुँचाने के लिए टेंडर के लिए केवल 14 दिन का समय दिया गया। इससे दूसरी एजेंसी टेंडर में भाग नहीं ले पाई। इसके लिए केवल एक टेंडर आया। सिंगल टेंडर डालने वाली एजेंसी को ही ठेका दे दिया गया।

6 महीने बाद शुरू हुआ काम

स्मार्ट सोलर डस्टबिन लगाने के लिए अर्जेंट टेंडर इसलिए निकाला गया था कि जल्द से जल्द काम शुरू हो सके। चौंकाने वाली बात यह है कि एजेंसी ने डस्टबिन लगाने का काम 6 माह बाद शुरू किया। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि जब 6 माह बाद काम शुरू किया जाना था तो अर्जेंट टेंडर क्यों निकाला गया।

विज्ञापन के लिए दी गई 200 फीट जगह

बीओटी सिस्टम पर दिए गए ठेके में एजेंसी को विज्ञापन के लिए 200 फीट जगह दी गई। खास बात यह है कि स्मार्ट सोलर डस्टबिन कॉलोनियों में लगाना था। एसएस कम्यूनिकेशन ने शहर की प्राइम लोकेशन, सिविक सेंटर, मालवीय चौक, गोलबाजार, शास्त्री ब्रिज, कलेक्ट्रेट, सिविल लाइन्स जैसी जगहों पर डस्टबिन लगा दिए। इससे एजेंसी को विज्ञापन के जरिए मोटी कमाई हो रही है। वहीं एजेंसी 1050 रुपए वर्ष प्रति डस्टबिन की दर से राशि जमा कर रही है।

सोलर सिस्टम के साथ लगना था मोबाइल चार्जिंग पोर्ट

टेंडर की शर्तों के अनुसार स्मार्ट सोलर डस्टबिन में सोलर पाॅवर सिस्टम, गॉर्बेज कम्पोसर, इंफ्रारेड ऑटोमैटिक डोर, वाय-फाय कनेक्शन, स्टेरिलाइजेशन लोशन, एसएमएस अलर्ट और मोबाइल चार्जिंग पोर्ट लगाया जाना था। स्मार्ट सोलर डस्टबिन से सोलर से कम्पोस्ट होकर कचरा से खाद बनाई जानी थी। डस्टबिन में कचरा भरने पर एसएमएस के जरिए अलर्ट मिलने की व्यवस्था बनाई जानी थी। टेंडर में शर्त थी कि डस्टबिन से कचरा उठाने का काम एजेंसी को करना होगा, लेकिन इस शर्त से भी छूट दे दी गई।

Created On :   5 Jun 2023 8:30 AM GMT

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