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Jabalpur News: सारे नियम ताक पर, एंट्री फीस जमा करो और मनमर्जी से काट लो जंगल

- जंगलों से काटकर लाए जाने वाले पेड़ों को पहले अवैध आरा मशीनों में काट लिया जाता है
- आरटीओ या जिला प्रशासन की तरफ से कोई बड़ी कार्रवाई हो तो वाहन राजसात भी कराया जा सके।
Jabalpur News: करीब 10 दिन पूर्व नरसिंहपुर वन विभाग की टीम ने ट्रक क्रमांक एमपी-06 एचसी- 2466 को लकड़ियों के अवैध परिवहन करने के आरोप में जब्त किया था। ट्रक चालक के पास जंगल से काटकर लाई गई उक्त लकड़ी के संबंध में किसी भी तरह की अनुमति या परिवहन के दस्तावोज नहीं थे। ट्रक में करीब 5 टन से ज्यादा का माल लोड था, इसलिए मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान तक पहुंचा और जांच के निर्देश जारी किए गए।
जांच में पाया गया कि ट्रक क्रमांक एमपी 06-एचसी-2466 जिसे नरसिंहपुर की टीम ने पकड़ा था, वो कई महीनों से लगातार गाडरवारा से जबलपुर में हर सप्ताह कटे हुए पेड़ लेकर पहुंच रहा था, वो भी बिना परमिट या अनुमति के जांच में आए इस तथ्य ने खलबली मचा दी और मामला गर्मा गया।
इसके बाद की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए जिसमें ये पता चला कि आसपास के जिलों से सरेआम नियमों को ताक पर रखकर जबलपुर के कई टाल में इसी तरह अवैध रूप से जंगल की लकड़ियां काटकर लाई जा रही हैं। इस अवैध धंधे में वन विभाग के कई अधिकारियों की संलिप्तता भी सामने आई है। इस संबंध में जबलपुर डीएफओ ऋषि मिश्रा से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
20 गाड़ियां चिन्हित, जल्द होगा भांडाफोड़
सूत्रों के अनुसार संभाग स्तरीय जांच दल ने जंगलों से पेड़ों की अवैध कटाई करके लाने वाले 20 वाहनों को चिन्हित कर लिया है। इनमें ट्रक, पिकअप वैन, लोडिंग ऑटो शामिल हैं, जिनमें से कई के रजिस्ट्रेशन तक रद्द हो चुके हैं। ऐसा इसलिए कि अगर कभी आरटीओ या जिला प्रशासन की तरफ से कोई बड़ी कार्रवाई हो तो वाहन राजसात भी कराया जा सके।
हर चीज की एंट्री (फीस) तय
जंगलों से काटकर लाए जाने वाले पेड़ों को पहले अवैध आरा मशीनों में काट लिया जाता है, जिसके बाद उन्हें वाहनों में इस तरह व्यवस्थित तरीके से लोड किया जाता है कि पुलिस को शक नहीं हो पाए। इसके लिए वन विभाग की एक टीम भी तैनात है जो नाकों में मौजूद रहकर बॉर्डर से शहर तक इनका परिवहन बिना रोक-टोक करवाती है।
सूत्रों के मुताबिक हर वाहन की एंट्री तय है, छोटे वाहनों से 5 हजार और बड़े वाहनों से 20 हजार रुपए प्रति ट्रिप वसूला जाता है। इसके अलावा टाल मालिकों से भी 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह की वसूली होती है। इसमें कई ऐसे टाल वाले भी शामिल हैं, जो रात में कटाई के लिए रकम अलग से अधिकारियों तक पहुंचाते हैं।
Created On :   5 Jun 2025 5:51 PM IST