Jabalpur News: रेल बैरियर से टकराई एम्बुलेंस, पहले बच्चे को अस्पताल भेजा फिर चौकी में जब्ती बनाई

रेल बैरियर से टकराई एम्बुलेंस, पहले बच्चे को अस्पताल भेजा फिर चौकी में जब्ती बनाई
सगड़ा के पास ट्रेन आने से पहले बैरियर हो रहा था बंद, एक से निकली दूसरे में अटकी

Jabalpur News: 4 माह के बच्चे को लेकर मंडला से जबलपुर के मेडिकल अस्पताल जा रही 108 एम्बुलेंस गुरुवार की सुबह रेल फाटक पर लगे बैरियर से टकरा गई। हालांकि घटना के दौरान सिर्फ एम्बुलेंस के ऊपर लगा ब्लिंकर टूटा और रेलवे का बैरियर डैमेज हो गया। हालांकि इस मामले में रेलवे ने थोड़ी सहानुभूति दिखाई और एम्बुलेंस को पहले बच्चे को मेडिकल अस्पताल पहुंचाने कहा। इसके बाद ग्वारीघाट स्थित आरपीएफ चौकी पर एम्बुलेंस की जब्ती बनाई गई और आगे की कार्रवाई शुरू की गई।

इस संबंध में बताया गया है कि मंडला से 4 माह के बच्चे को निमोनिया होने पर एम्बुलेंस मेडिकल अस्पताल लेकर आ रही थी। एम्बुलेंस गढ़ा स्टेशन के पास स्थित लम्हेटा से सगड़ा रेल फाटक के पास पहुंची, तो रेल फाटक बंद होने वाला था। चालक को लगा कि वह एम्बुलेंस निकाल लेगा और बैरियर बंद हाेने से पहले एक बैरियर से तो वह निकल गई लेकिन जैसे ही दूसरे बैरियर से निकलने वाली थी उसके ऊपर लगे ब्लिंकर से वह टकरा गई। इसमें रेलवे का बूम बैरियर डैमेज हुआ।

इस मामले में रेलवे फाटक पर तैनात कर्मचारी ने इसकी सूचना रेलवे के अधिकारियों को दी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि अधिकारियों ने कहा कि बच्चे का इलाज जरूरी है। इसलिए उसे पहले अस्पताल पहुंचाया जाए। गढ़ा और ग्वारीघाट रेलवे स्टेशन एसईसीआर के बिलासपुर जोन में आते हैं, जबकि रेल मंडल कार्यालय नागपुर लगता है, तो कार्रवाई के दिशा निर्देश वहीं से मिले। वहीं गौरीघाट स्थित आरपीएफ चौकी प्रभारी ने एम्बुलेंस क्रमांक सीजी 04 एनएस 3254 को जब्त कर लिया है और प्रकरण दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

ट्रेन आने के पांच मिनट पहले ही बंद होता है रेल फाटक

ट्रेन आने के लगभग 5 मिनट पहले रेल फाटक बंद होता है। वैसे नियम यह है कि स्टेशन और रेल फाटक की दूरी के अनुसार तय होता है कि ट्रेन आने के कितने मिनट पहले बैरियर बंद होगा। सगड़ा फाटक पर हुई घटना में भी गेट कीपर अगर चाहता तो एम्बुलेंस को निकल जाने देता, क्योंकि ट्रेन आने में वक्त था। एम्बुलेंस चालक भी जल्दी में था क्योंकि बच्चे की स्थिति ठीक नहीं थी, यही कारण है कि यह घटना हुई। हालांकि अब रेलवे बैरियर कुछ जगह ही बचे हैं। रेलवे ज्यादातर बैरियर की जगह रेल ओवर ब्रिज बना रहा है।

Created On :   7 Nov 2025 6:24 PM IST

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