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Jabalpur News: क्लेम फर्जीवाड़ा, मुआवजा वसूलने पुलिस से मिलकर गढ़ी झूठी व मनगढ़ंत कहानी

- डीजीपी खुद या अधीनस्थ सक्षम अधिकारी से कराएं मामले की जांच
- पुलिस ने एसपी के उक्त पत्र को चार्जशीट में शामिल ही नहीं किया।
- कोर्ट ने कहा कि कार्रवाई के संबंध में डीजीपी याचिकाकर्ता को बताएं।
Jabalpur News: सड़क दुर्घटना में बीमा कंपनियों से मोटी रकम वसूलने के बढ़ते मामले पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने गहरी चिंता जाहिर की है। ऐसे ही एक मामले में मप्र हाईकोर्ट ने पाया कि मुआवजा पाने के लिए पुलिस से मिलकर झूठी व मनगढ़ंत कहानी गढ़ी गई। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मामला पुलिस द्वारा शक्तियों के घोर दुरुपयोग का है। इस मामले में पुलिस ने घोर दमनकारी कार्रवाई कर याचिकाकर्ताओं को बिना किसी कानूनी सबूत के अपराध में शामिल करने का प्रयास किया है।
जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को स्वयं या अपने अधीन किसी सक्षम अधिकारी से पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश दिए। जांच के यदि पुलिस द्वारा कदाचरण करना पाया गया है और अपराध बनता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। कोर्ट ने इसके लिए दो माह की मोहलत दी है। कोर्ट ने कहा कि कार्रवाई के संबंध में डीजीपी याचिकाकर्ता को बताएं।
ऐसा नहीं होने पर वे डीजीपी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होंगे। सिविल लाइन्स में रहने वाले रूपांश खत्री व सलिल खत्री ने उनके खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट को चुनौती दी थी।
एसपी का फर्जी पत्र
ऋषभ जैन ने पुलिस में शिकायत की थी कि 26 मार्च 2017 को डुमना एयरपोर्ट रोड पर उसकी मोटर बाइक को रूपांश की बाइक ने टक्कर मार दी, जिससे वह घायल हुआ। उसके हाथ में फ्रैक्चर आया। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक ललवानी और अभिषेक सिंह ने बताया कि इस मामले में पहली बार तीन माह बाद रांझी पुलिस थाने में 19 जून 2017 को शिकायत की गई।
इस देरी को सही सिद्ध करने के लिए कहानी पुलिस अधिकारियों से मिलकर गढ़ी गई। दलील दी गई कि शिकायतकर्ता को क्षेत्राधिकार की जानकारी नहीं होने पर उसने पुलिस अधीक्षक को शिकायत की। बाद में एसपी ऑफिस से एक पत्र गोराबाजार पुलिस चौकी भेजा गया और मामला दर्ज हुआ। यह पत्र भी फर्जी पाया गया, क्योंकि उसमें एसपी के हस्ताक्षर नहीं थे।
पुलिस ने मामले की जांच कर रूपांश व सलिल के खिलाफ संज्ञेय अपराध का चालान पेश कर दिया। आश्चर्य की बात है कि पुलिस ने एसपी के उक्त पत्र को चार्जशीट में शामिल ही नहीं किया।
Created On :   7 Jun 2025 5:24 PM IST