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Jabalpur News: डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था पटरी से उतरी, जगह-जगह लगने लगे कचरे के ढेर

- घरों तक नहीं पहुंच रही कचरा गाड़ी, हेल्परों को वेतन नहीं मिलने से बढ़ी समस्या
- नगर निगम का दावा है कि शहर से रोजाना 450 टन कचरा उठाया जा रहा है।
- नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का घरेलू 360 रुपए और व्यावसायिक 720 रुपए टैक्स वसूला जा रहा है
Jabalpur News: शहर में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है। लोगों के घरों में एक-एक हफ्ते कचरा गाड़ी नहीं पहुंच रही है। हालत यह है कि लोगों को सड़कों पर कचरा फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक रोजाना सैकड़ों शिकायतें पहुंच रही हैं, लेकिन शिकायतों का निराकरण नहीं किया जा रहा है।
संस्कारधानी की सड़कों पर जगह-जगह लगे कचरे के ढेर बता रहे हैं कि नियमित रूप से कचरा संग्रहण नहीं किया जा रहा है। इसके कारण लोगों को सड़कों पर कचरा फेंकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। शहर के पॉश इलाके विजय नगर, सिविल लाइन्स, कचनार सिटी, शारदा चौक, शक्ति नगर, रामपुर, गोरखपुर, गौरीघाट, बादशाह हलवाई मंदिर, मेडिकल कॉलेज, गुलौआ चौक, गढ़ा, मदन महल, अधारताल, कंचनपुर, शोभापुर, रद्दी चौकी, मदार टेकरी, राइट टाउन, नेपियर टाउन, घमापुर, कांचघर, सिद्धबाबा और रांझी क्षेत्र में एक-एक हफ्ते से कचरा गाड़ी नहीं पहुंच रही है।
रोज उठ रहा 450 टन कचरा
नगर निगम का दावा है कि शहर से रोजाना 450 टन कचरा उठाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ जानकारों का कहना है कि शहर से प्रतिदिन 600 टन कचरा निकलता है। इस तरह शहर से रोजाना 150 टन कचरा नहीं उठ पाता है। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं कर रहे हैं।
जरूरत 500 कचरा गाड़ियों की, चल रहीं 350
शहर के 79 वार्डों में प्रतिदिन 500 कचरा गाड़ियों की जरूरत है। इसके बाद भी नगर निगम द्वारा केवल 350 कचरा गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। इसमें से भी रोजाना 10 से 20 गाड़ियां खराब रहती हैं। इस वजह से लोगों के घर तक कचरा गाड़ी नहीं पहुंच पाती हैं।
निगम कर रहा टैक्स वसूली, नहीं आ रही कचरा गाड़ी
नगर निगम द्वारा डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का घरेलू 360 रुपए और व्यावसायिक 720 रुपए टैक्स वसूला जा रहा है, लेकिन कचरा गाड़ी एक-एक हफ्ते नहीं आती है। नागरिकों का कहना है कि जब नगर निगम डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व्यवस्था का संचालन नहीं कर पा रहा है तो टैक्स की वसूली भी बंद कर देनी चाहिए।
वेतन न मिलने पर 15 दिन पहले हेल्परों ने काम छोड़ा
कचरा गाड़ियों में चलने वाले हेल्परों को तीन महीने से वेतन भुगतान नहीं किया गया है। पिछले 15 दिन से हेल्पर काम नहीं कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कचरा गाड़ियों में हेल्परों का ठेका बर्फानी सिक्युरिटी के रीतेश टंडन का है। हेल्परों का भुगतान ठेकेदार को करना है, लेकिन ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे कर्मचारी परेशान हो गए हैं।
शहर में प्रतिदिन 350 कचरा गाड़ियों के जरिए कचरा संग्रहण किया जा रहा है। जिन क्षेत्रों से शिकायतें मिल रही हैं, उन क्षेत्रों में कचरा गाड़ी भेजी जा रही है। हेल्परों के वेतन भुगतान की समस्या को भी सुलझाया जा रहा है।
- अंकिता बर्मन, प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम
Created On :   23 Jun 2025 2:14 PM IST