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Jabalpur News: नोटिस के बाद भी बयान देने नहीं पहुंचे मंडी सचिव, अब बढ़ सकती हैं मुश्किलें
- व्यापारियों का आरोप करोड़ों के घाेटाले में कई शामिल, लीपापोती में जुटा प्रशासन
- मंडी प्रशासन ने 350 व्यापारियों द्वारा टेंडर के सीलबंद लिफाफे अपने पास रख लिए थे।
- मंडी प्रशासन के कई और लाेग जांच के घेरे में आ सकते हैं
Jabalpur News: औरिया बायपास पर नवीन कृषि उपज मंडी की दुकानों की निविदा प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी करने के आरोप में फंसे मंडी सचिव आरके सय्याम बयान देने नहीं पहुंचे। उन्हें मंडी बाेर्ड के डिप्टी डायरेक्टर हरिराम लारिया ने नोटिस जारी किया था, जिसके तहत उन्हें मंगलवार को बोर्ड कार्यालय पहुंचना था। इधर शिकायत करने वाले व्यापारी संघ के लोगों ने अपने बयान तो दर्ज करवा दिए हैं लेकिन ये आरोप भी लगाया है कि मंडी सचिव सय्याम द्वारा किए गए कृत्य पर विभाग के अफसर लीपापोती करने की तैयारी कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार इस मामले में मंडी प्रशासन के कई और लाेग जांच के घेरे में आ सकते हैं, जिसको लेकर राजनैतिक स्तर पर भी आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो चुके हैं। ऐसे में मंडी सचिव सय्याम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि विगत शुक्रवार काे व्यापारियों ने विजय नगर थाने में शिकायत भी दी थी, जिसको लेकर पुलिस भी जांच कर रही है।
इधर कृषि उपज मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष व मुख्य शिकायतकर्ता अजीत साहू ने बताया कि वे मंगलवार को मंडी बोर्ड डिप्टी डायरेक्टर के नोटिस पर बयान दर्ज करवाने पहुंचे थे। जब उन लोगों ने दोनों पक्षों के एक ही समय में बयान दर्ज कराने की बात रखी तो डिप्टी डायरेक्टर हरिराम लारिया ने ये तक कह दिया कि टेंडर का लिफाफा खोलना कोई अपराध नहीं है।
श्री साहू के अनुसार श्री लारिया की बातें सुनकर उन्होंने इस बात को लिखित में देने के लिए कहा तो वे गोलमोल जवाब देने लगे। इस संबंध में मंडी बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर हरिराम लारिया से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
कटघरे में दुकानोें का आवंटन
उल्लेखनीय है कि औरिया में नई कृषि उपज मंडी को लेकर मंडी प्रशासन ने 136 दुकानों के आवंटन के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें शुरुआती दौर से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगने शुरू हो गए थे। इसके बाद मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था, जहां से निविदाएं निरस्त कर दी गई थीं।
मंडी प्रशासन ने 350 व्यापारियों द्वारा टेंडर के सीलबंद लिफाफे अपने पास रख लिए थे। नियम के तहत सभी लिफाफे व्यापारियों को वापस करने थे। व्यापारियों ने आरोप लगाया था कि मार्च में टेंडर प्रक्रिया होनी थी, लेकिन मंडी सचिव आरके सय्याम के साथ अन्य लोगों ने गैरकानूनी तरीके से लिफाफे खोल दिए थे और कई फाॅर्म फाड़कर हेरफेर करने की कोशिश की थी, जिसकी जांच मंडी बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर हरिराम लारिया द्वारा की जा रही है।
Created On :   14 May 2025 6:44 PM IST