Jabalpur News: मालवीय चौक से करमचंद चौक तक फल के ठेले बने मुसीबत

मालवीय चौक से करमचंद चौक तक फल के ठेले बने मुसीबत
  • कब्जों ने शहर के मध्य हिस्से के एक से डेढ़ किलोमीटर के एरिया को कस्बाई रूप दे दिया है।
  • 100 फीट से ज्यादा चौड़ी सड़क की स्थिति ऐसी है कि 20 से 25 फीट की सीमा तक यहां ठेले जमा रहते हैं।
  • चौराहे के किनारे से लेकर कहीं-कहीं तो सड़क के बीच की सीमा तक इनका बेधड़क कब्जा है।

Jabalpur News: शहर का सेंटर प्वॉइंट मालवीय चौक गर्मियों के इन दिनों में फल के ठेलों की वजह से कस्बाई हालत में बदल गया है। मालवीय चौक से लेकर करमचंद चौक तक फल के ठेलों की वजह से हालात ऐसे हैं कि पीक ऑवर्स में इन दो चौराहों के आसपास की सड़कों से निकलना किसी मुसीबत से कम नहीं। 100 फीट से ज्यादा चौड़ी सड़क की स्थिति ऐसी है कि 20 से 25 फीट की सीमा तक यहां ठेले जमा रहते हैं।

चौराहे के किनारे से लेकर कहीं-कहीं तो सड़क के बीच की सीमा तक इनका बेधड़क कब्जा है। इस हिस्से से परेशान होकर निकलने वाले लोग कहते हैं कि नगर निगम का अतिक्रमण हटाने वाला दस्ता यहां किसी तरह से अस्थाई अवैध कब्जों पर कार्रवाई ही नहीं करता, जिससे इनके हौसले बुलंद हैं। गर्मियों के इन दिनों में शाम के समय जब ज्यादा ट्रैफिक होता है, उन हालातों में तो यहां से निकलना एकदम फजीहतों से भरा है। एक-एक कदम पर अतिक्रमण ने शहर के प्रमुख चौराहे और उनके नजदीक की सड़कों पर ट्रैफिक का पूरी तरह से कबाड़ा कर दिया है।

एक किमी के एरिया को कस्बाई रूप दे दिया -

कब्जों ने शहर के मध्य हिस्से के एक से डेढ़ किलोमीटर के एरिया को कस्बाई रूप दे दिया है। चौक एक नहीं बल्कि हर हिस्से में ठेले वाले बड़ी आजादी से खड़े रहते हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इन फल के ठेले वालों के लिए हाॅकर्स जोन बनाया जाए या फिर स्थाई रूप से इनको कहीं शिफ्ट किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो ये आने वाले समय में और बड़ी मुसीबत साबित होने वाले हैं।

एक नजर इस पर

फेस्टिवल सीजन में ठेले यहां सड़क ज्यादा घेरते हैं

बाजार बैठकी की वसूली कर इनको सड़क पर कब्जा कराया जा रहा।

नगर निगम कार्रवाई करता है तो इनको पहले सूचना दे दी जाती है

कार्रवाई वाले दिन ये नजर नहीं आते, अगले दिन फिर कब्जा

किसी अन्य शहर के सेंटर प्वाॅइंट पर ऐसा नजारा नहीं देखा जा सकता

स्थाई दुकानों के सामने अस्थाई कब्जे

इस एरिया में स्थाई दुकानों का सामान सड़क की सीमा तक पसरा रहता है। इसके बाद अस्थाई दुकान यानी ठेले वाले अतिक्रमण करते हैं। इस तरह दो तरह से सड़कों को घेर लिया जाता है। मढ़ाताल की ओर से मालवीय चौक जाना हो या फिर ओमती की ओर से करमचंद चौक की ओर आना हो, तो वाहन चालक इन हिस्सों में अस्थाई कब्जों की वजह से बड़ी मशक्कत के बाद ही आगे बढ़ पाता है। इन चौराहों के नजदीक दुकानों के सामने ही होने वाली वाहनों की पार्किंग समस्या को और बढ़ा देती है।

Created On :   14 May 2025 6:24 PM IST

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