Jabalpur News: मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में अगस्त 2022 से लागू ग्रीन बिलिंग

  • बिजली बिल कागज से डिजिटल पर आया, 39 करोड़ से रोशन हो गया खजाना और 24 हजार पेड़ भी बचा लिए
  • डिजिटल भविष्य योजना की रिपोर्ट से सामने आए अच्छे परिणाम

Jabalpur News: डिजिटल इंडिया मिशन और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने अगस्त 2022 से 100 प्रतिशत पेपरलेस बिल वितरण प्रणाली लागू की। यह पहल पर्यावरण अनुकूल शासन और उपयोगिता सेवाओं में डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम था। इस प्रणाली के तहत बिजली बिल और सूचनाएं एसएमएस-ई-मेल और व्हाॅट्सएप के माध्यम से तुरंत भेजी जाती हैं, जिससे पारंपरिक कागजी बिलों की आवश्यकता समाप्त हो गई है।

यह व्यवस्था शुरुआती दौर में विवादों में थी, लेकिन समय के साथ यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक हो गई, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव में भी इसके सुखद परिणाम सामने आए हैं। तीन वर्ष पूरे होने पर कंपनी ने विभागीय तौर पर एक रिपोर्ट बनाई है, जिसके तहत पेपरलेस बिलिंग के जरिए कंपनी ने 20.81 ए-4 साइज की शीट्स और 26 हजार पेड़ बचाने का दावा किया है। इतना भर नहीं, इससे 39 करोड़ रुपए की बचत भी हुई है।

ऐसे किया गया आकलन

अगस्त 2022 में पेपरलेस बिलिंग व्यवस्था लागू होने के समय पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी में 53.23 लाख एलटी उपभोक्ता और 10.83 लाख फ्लैट रेट उपभोक्ता थे। जुलाई 2025 तक इन उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 57.38 लाख एलटी उपभोक्ता और 11.50 लाख फ्लैट रेट उपभोक्ता हो गई है, जिन्हें डिजिटली ही बिल भेजा जा रहा है। कंपनी ने पीआईटीए इन्वायरमेंटल पेपर नेटवर्क यूएसडीए फॉरेस्ट सर्विस नियमों के तहत अपना आकलन किया।

पीआईटीए के अनुसार एक पेड़ से 14 हजार कागज और उनसे 8 हजार ए-4 साइज की शीट्स तैयार होती हैं। इस लिहाज से विगत तीन वर्ष में कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं की संख्या और पेपरलेस बिलिंग से अभी तक 20.81 करोड़ ए-4 साइज की शीट्स और लगभग 26 हजार पूर्ण विकसित पेड़ों की सुरक्षा करने का अनुमान लगाया है।

20.81 करोड़ कागज की शीट से 39 करोड़ की बचत हुई

कंपनी ने इस समय अवधि में तकरीबन 39 करोड़ रुपए की बचत की। जानकारों का कहना है कि 20.81 करोड़ कागज की शीट की कीमत तकरीबन 43.34 करोड़ रुपए पहुंचती है। दूसरी तरफ बिल के लिए मैसेजिंग में टेलीकॉम कंपनियों को करीब 4 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इस हिसाब से देखा जाए तो कंपनी ने कुल 39 करोड़ की बचत की।

उपभोक्ताओं के लिए लाभ

कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार डिजिटली बिलिंग होने से उपभोक्ताओं को काफी फायदें हैं, क्योंकि माेबाइल पर संदेश के साथ व्हाॅट्सएप पर बिल मिलने के बाद समय रहते उसके सुधार के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। इसके पारदर्शी और सुरक्षित संचार से बिल जमा किया जाना। भुगतान और अलर्ट के लिए रीयल-टाइम नोटिफिकेशन मिलने से किसी तरह की गड़बड़ी न हो पाना जैसे फायदे हैं।

पेपरलेस बिलिंग योजना पर्यावरण की सुरक्षा के क्षेत्र में काफी असरदार साबित हुई है। हमारी कंपनी और हमारे उपभोक्ताओं ने इस योजना के जरिए हजारों पेड़ों की रक्षा में योगदान दिया, जो भविष्य के लिए काफी सार्थक साबित होगा।

-अनय द्विवेदी, एमडी मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी

Created On :   8 Sept 2025 7:20 PM IST

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