Jabalpur News: नए मास्टर प्लान में हो न्यू जबलपुर की झलक, तो क्या कहने

नए मास्टर प्लान में हो न्यू जबलपुर की झलक, तो क्या कहने
  • जबलपुर संघर्ष समिति की बैठक में वक्ताओं ने कहा- मास्टर प्लान में शामिल होनी चाहिए नई सैटेलाइट सिटी
  • प्रैक्टिसिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन (पीईए) नए मास्टर प्लान के लिए प्रशासन से संवाद करेगा।

Jabalpur News: जबलपुर के नए मास्टर प्लान को बेहतर बनाने के लिए नागरिक संगठनों ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। मंगलवार को जबलपुर संघर्ष समिति के तत्वावधान में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में वक्ताओं ने कहा- मास्टर प्लान भविष्य का आईना होता है। जिससे सभी नागरिकों का सरोकार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे जनता यदि अछूती रहेगी तो मास्टर प्लान कभी भी सफल नहीं हो पाएगा। नए मास्टर प्लान में न्यू जबलपुर की झलक दिखनी चाहिए।

समिति के संयोजक हिमांशु खरे ने कहा कि जबलपुर को अब भोपाल एवं इंदौर की तर्ज पर मेट्रोपॉलिटन रीजन में लाने की आवश्यकता है।

सभी वर्गों को जोड़ा जाएगा

जबलपुर संघर्ष समिति के बलदीप मैनी, मनु शरत तिवारी, हिमांशु राय, प्रीति चौधरी एवं रंजना तिवारी ने बताया कि समिति के तत्वावधान में नियमित बैठकें कर शासन एवं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को हर स्तर पर विभिन्न वर्गों से सुझाव लेकर प्रेषित किए जाएंगे। वहीं प्रैक्टिसिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन (पीईए) नए मास्टर प्लान के लिए प्रशासन से संवाद करेगा।

इसके साथ ही मेरा शहर मेरी जिम्मेदारी, सुनियोजित विकास सबकी जिम्मेदारी विषय पर सेमिनार का आयोजन किया जाएगा। पीईए के सचिव इंजीनियर संजय वर्मा ने बताया कि यह निर्णय पीईए की वार्षिक बैठक में लिया गया। बैठक में महासचिव आरके श्रीवास्तव, अध्यक्ष मनीष दुबे, दिनेश दवे, संजीव जैन, दिनेश कोष्टा एवं प्रदीप जायसवाल मौजूद थे।

एजेंसियों की भी जिम्मेदारी

उद्योगपति कैलाश गुप्ता ने कहा कि मास्टर प्लान से संबंधित प्रमुख संस्थानों नगर निगम, जेडीए तथा कैंटोनमेंट बोर्ड की भी जिम्मेदारियां तय होनी चाहिए। मास्टर प्लान का क्रियान्वयन इन्हीं एजेंसियों को करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व के मास्टर प्लानों का भी ऑडिट किया जाना चाहिए।

आधुनिकता तथा विरासत का संगम जरूरी

प्रैक्टिसिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन के संजय वर्मा, पीएस राजपूत, इंटैक के संजय मेहरोत्रा एवं ब्रजेश सिंह ने भविष्य का ब्लूप्रिंट ऐसा हो जिसमें समग्र तथा समावेशी विकास के आधुनिक मॉडल को जोड़ने के साथ विरासत को भी अक्षुण्ण रखा जा सके।

Created On :   30 July 2025 2:31 PM IST

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