Jabalpur News: एल्गिन में टूटा पुराना नर्सिंग हॉस्टल, ओपीडी, ओटी बनाने की प्लानिंग

एल्गिन में टूटा पुराना नर्सिंग हॉस्टल, ओपीडी, ओटी बनाने की प्लानिंग
  • रिडेंसिफिकेशन स्कीम के तहत 14 करोड़ से होगा निर्माण, डिजाइन फाइनल होने का इंतजार
  • एल्गिन के नए भवन के लिए पुराने नर्सिंग हॉस्टल की जगह को चिन्हित किया गया था

Jabalpur News: रानी दुर्गावती एल्गिन अस्पताल के विस्तार के लिए पुराने नर्सिंग हॉस्टल को तोड़ने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यहां 100 बेड की क्षमता वाले नए भवन का निर्माण होना है। रीडेंसिफिकेशन के तहत इस भवन के निर्माण के 14 करोड़ का बजट तय हुआ है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी हो गई है। बिल्डिंग का निर्माण हाउसिंग बोर्ड द्वारा किया जाना है। नए भवन के निर्माण की मंजूरी पिछले वर्ष मिल गई थी, जिसके बाद चिन्हित जगह पर बने हॉस्टल को खाली कराकर तोड़ दिया गया है।

प्रबंधन की मंशा नए बेड बढ़ाने के बजाय नई ओपीडी, ओटी, लेबर रूम, कैजुअल्टी और लैब बनाने की है, ताकि एनक्यूएएस के मापदंडों के तहत अस्पताल को नया स्वरूप मिल सके। अधिकारियों के अनुसार एल्गिन में 122 बेड स्वीकृत हैं, जबकि वर्तमान में करीब 230 बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। पहले ही 100 बेड बढ़ाकर उपचार दिया जा रहा है, ऐसे में अन्य सुविधाएं और संसाधन दुरुस्त होंगे तो मरीजों का फायदा होगा।

कुछ दिनों पूर्व ही भोपाल से आए एक अधिकारी नए भवन की डिजाइन को लेकर निरीक्षण करके गए हैं। प्रबंधन ने जरूरताें के मुताबिक इनपुट दिया है, ताकि डिजाइन फाइनल हो सके। बता दें कि एल्गिन अस्पताल में वर्ष भर मरीजों का दबाव बना रहता है। न सिर्फ शहर, बल्कि ग्रामीण अंचलों से भी प्रसूति से जुड़े गंभीर मामले यहां रेफर किए जाते हैं।

शीर्ष अधिकारियों को दी जानकारी

अस्पताल की अधीक्षक डॉ. नीता पाराशर ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल की एंट्री और एग्जिट प्वाॅइंट एक ही है। इससे ओपीडी के वक्त भीड़भाड़ बढ़ जाती है। एनक्यूएस के मुताबिक यह अलग-अलग होना चाहिए। समय के साथ मरीज भी बढ़ रहे हैं, ऐसे में नई ओपीडी की जरूरत है। ओटी-लेबर रूम आदि भी नई बिल्डिंग में बनाने का विचार है। इस संबंध में शीर्ष अधिकारियों को अवगत करा दिया है, ताकि नए भवन की डिजाइन उसी मुताबिक बने।

एल्गिन के नए भवन के लिए पुराने नर्सिंग हॉस्टल की जगह को चिन्हित किया गया था, जिसे तोड़ दिया गया है। जरूरतों को देखते हुए प्रबंधन से सुझाव दिए गए हैं। टेंडर प्रक्रिया हो गई है, भोपाल से डिजाइन फाइनल होना बाकी है।

-डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ

Created On :   26 Jun 2025 6:08 PM IST

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