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Jabalpur News: फार्म लैंड के नाम पर लोगों को लगाया करोड़ों का चूना

- अर्थ डेवलपर्स एंड बिल्डर्स के प्रोपराइटर नीरज ललित प्रताप सिंह पर एफआईआर दर्ज, गिरफ्तार
- करीब 25 लोगों ने फार्म लैंड के नाम पर धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी।
Jabalpur News: बरगी थाना क्षेत्र स्थित ग्राम जोगीढाना और हर्रई में ग्राहकों, अनुबंधकर्ताओं और इन्वेस्टर्स से जालसाजी कर 1 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी करने के आरोप में पुलिस ने अर्थ बिल्डर एवं डेवलपर्स के प्रो. नीरज ललित प्रताप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी डेवलपर को देर शाम गिरफ्तार भी कर लिया गया। उससे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस के अनुसार मूलत: रीवा निवासी नीरज ललित प्रताप सिंह शहर के संजीवनी नगर स्थित सतपुड़ा एवेन्यू में रहता है। उसके खिलाफ करीब 25 लोगों ने फार्म लैंड के नाम पर धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी।
इसमें आरोप लगाया था कि आरोपी बिल्डर ने लुभावने ब्रोशर एवं पैंफलेट के माध्यम से उन्हें विश्वास में लिया और बरगी के हर्रई में फार्म लैंड में निवेश के लिए आमंत्रित किया। विश्वास में आकर उन्होंने फार्म लैंड में प्लॉट्स आदि की बुकिंग भी कर ली, लेकिन पैसा जमा कराने के बाद बिल्डर नीरज प्रताप सिंह अपने वादों से मुकर गया।
निवेश कराने के बावजूद नहीं कराई गई रजिस्ट्री
पुलिस के समक्ष पहुंचे सतपुड़ा एवेन्यू निवासी सुनील चौकसे ने बताया कि उन्होंने 10 लाख रुपए फार्म लैंड के लिए दिए। लेकिन इस निवेश के बावजूद रजिस्ट्री नहीं की गई। इसी तरह की शिकायतें कंचनपुर निवासी राजेश महोबिया ने करते हुए 18 लाख, पीपी कॉलोनी निवासी नितिन श्रीवास्तव ने 6 लाख 66 हजार 320, सुहागी निवासी कृष्ण कुमार ने साढ़े सात लाख, मिलौनीगंज निवासी राकेश साहू ने 7 लाख, अधारताल निवासी राजेंद्र सोनी ने 2 लाख 30 हजार, गढ़ा निवासी प्रवीण सोनी ने 5 लाख 30 हजार, द्वारका नगर निवासी दीपक सावलानी ने 7 लाख 20 हजार, रांझी निवासी शैलेंद्र पटले ने 8 लाख 60 हजार और विजय नगर निवासी हरीश सचदेवा ने भी साढ़े 4 लाख रुपए देकर फार्म लैंड बुक कराने संपर्क किया लेकिन इसके बाद नीरज गायब हो गया।
लिख दिया दूसरों के खसरे का नंबर
पुलिस के अनुसार नीरज ने भीम नगर निवासी अजय पेशवानी को जो जमीन दी वह दूसरे की थी, वहीं पंचशील नगर निवासी पवन खत्री के साथ भी इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया। उक्त दोनों लोगों से नीरज ने मोटी रकम भी ली जिसे हड़प कर लिया।
इस दौरान गोरखपुर निवासी अतुल अरोरा, त्रिमूर्ति नगर निवासी देव शर्मा और मदन महल निवासी हितेश पटेल के साथ भी नीरज ने इसी तरह फर्जीवाड़ा किया। अतुल और देव की रजिस्ट्री तो की लेकिन नामांतरण नहीं कराया, वहीं हितेश को अनुबंध में लिखे खसरे नंबर की जगह दूसरा खसरा नंबर दे दिया।
रुपए डबल करने का दिया लालच
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई कि नीरज ने दमोह निवासी उमाशंकर को भी अपने जाल में फंसाया और उनसे 23 लाख रुपए ले लिए। इस दौरान उन्हें यह बताया कि इसके एवज में या तो उन्हें फॉर्म लैंड दिया जाएगा अथवा दोगुनी राशि वापस की जाएगी, लेकिन यह राशि भी नीरज हड़प कर गया। इतना ही नहीं बिल्डर ने शासकीय भूमि मेंं भी अतिक्रमण कर उसे खुर्द-बुर्द कर दिया।
Created On :   21 Jun 2025 6:03 PM IST