Jabalpur News: अपनों को उपकृत करने मनमाने तरीके से रख लिए गेस्ट और विजिटिंग फैकल्टी

अपनों को उपकृत करने मनमाने तरीके से रख लिए गेस्ट और विजिटिंग फैकल्टी
  • रादुविवि के बीए डिपार्टमेंट का कारनामा बना चर्चा का विषय
  • बीए डिपार्टमेंट में रखे गए गेस्ट और विजिटिंग टीचर्स की नियुक्तियाँ राजनैतिक हैं।
  • विश्वविद्यालय की बैठकों में यह मुद्दा कई बार उठ चुका है, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

Jabalpur News: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के बीए डिपार्टमेंट में पदस्थ किए गए गेस्ट और विजिटिंग फैकल्टी की संख्या लोगों को हैरत में डाल रही है। छात्रों की दर्ज संख्या के मुताबिक जितने शिक्षक होने चाहिए उससे कई गुना ज्यादा पदस्थ हैं। विश्वविद्यालय की बैठकों में यह मुद्दा कई बार उठ चुका है, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

रेगुलर प्राध्यापकों से कराया जाना था अध्यापन

कुछ सीनियर प्राध्यापकों का इस मामले में कहना है कि पहले यह तय हुआ था कि एमए पढ़ाने वाले शिक्षक एवं गेस्ट टीचर्स ही बीए की कक्षाओं में अध्यापन कराएँगे, लेकिन फिर नियमों को नजरअंदाज कर बीए में गेस्ट और विजिटिंग फैकल्टी पदस्थ किए गए। यह निर्णय राजनीति शास्त्र, इतिहास, हिंदी, इंग्लिश, समाज शास्त्र, अर्थ शास्त्र, ज्योग्राॅफी, दर्शन शास्त्र, संस्कृत, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और योग सहित तमाम विषयों को लेकर लिया गया था। जिसमें तय हुआ था कि जिन विषयों में एमए करने की सुविधा है उन्हीं विषयों में बीए की कक्षाएँ प्रारंभ कराई जाएँगी, लेकिन मनमाने ढंग से बीए के कई विषय चालू कर दिए गए। उन विषयों में छात्रों की दर्ज संख्या नहीं के बराबर है।

राजनीतिक भर्तियों से बिगड़ी स्थिति, विवि पर भार

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीए डिपार्टमेंट में रखे गए गेस्ट और विजिटिंग टीचर्स की नियुक्तियाँ राजनैतिक हैं। दिग्गज नेताओं और अधिकारियों के चहेतों को उपकृत करने हेतु जरूरत नहीं होने पर भी नियुक्तियाँ दे दी गई हैं। मनमाने तरीके से की गई नियुक्तियों की वजह से विश्वविद्यालय पर करीब 8 लाख रुपए प्रति माह का अतिरिक्त व्यय भार पड़ रहा है। इस भार को कम करने के लिए छात्रों से वसूली जाने वाली फीस और रजिस्ट्रेशन फीस को बढ़ाया गया है। इसका सीधा असर गरीब छात्रों पर पड़ रहा है, यदि नियमानुसार गेस्ट फैकल्टी और विजिटिंग फैकल्टी को रखा जाता तो विश्वविद्यालय पर पड़ने वाले अतिरिक्त खर्च को बचाया जा सकता था।

नियमों को ताक पर रख कर की गईं नियुक्तियाँ

यूजीसी के नियमानुसार 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए, लेकिन बीए और एमए में करीब 300 छात्र हैं, जिनके लिए 20 गेस्ट फैकल्टी और 13 विजिटिंग फैकल्टी पदस्थ कर दिए गए हैं, जबकि 5 नियमित प्रोफेसर भी कार्यरत हैं। यानी 300 विद्यार्थियों पर 38 शिक्षक हैं। जानकारों का कहना है कि जहाँ 10 शिक्षकों से काम चल सकता था, वहाँ 38 शिक्षक तैनात हैं। कुल मिलाकर 20 नियुक्तियाँ सवालों के घेरे में हैं।

विश्वविद्यालय में मची है भीतरी कलह

सूत्रों पर भरोसा करें तो यह पूरा मामला विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए भीतरी कलह की वजह बना हुआ है। कई बैठकों में इस मुद्दे पर गरमा गरम बहस हो चुकी है। अब आगामी बैठक जो 10 दिन बाद होनी है उसमें भी इस विषय पर चर्चा होना तय है, लेकिन जिम्मेदार इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

बीए और एमए के लिए अलग-अलग शिक्षक नहीं रखे जाते हैं। ये पदस्थापनाएँ पूर्व की हैं, इनके बारे में जानकारी लेकर ही कुछ कह पाना संभव हो पाएगा। यदि कुछ अनियमितताएँ हैं तो उन पर जरूर विचार किया जाएगा।

-प्रो. राजेश कुमार वर्मा, कुलगुरु, रादुविवि

Created On :   30 Nov 2024 6:40 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story