संग्राम सागर: "इतिहास की लहरों में बहती जबलपुर की धड़कन"

इतिहास की लहरों में बहती जबलपुर की धड़कन
  • "झील नहीं विरासत है ये: जानिए संग्राम सागर की पूरी कहानी"
  • 15वीं शताब्दी में गोंड राजा संग्राम शाह ने इस झील का निर्माण करवाया था।
  • झील के बीच बसा है एक खामोश इतिहास

Jabalpur News: जबलपुर शहर के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में स्थित संग्राम सागर झील एक ऐतिहासिक जलाशय है, जो अपनी सुंदरता, शांति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह झील न केवल एक दर्शनीय स्थल है, बल्कि अतीत की विरासत और गोंड शासन की स्थापत्य कला का भी अद्भुत उदाहरण है।

इतिहास की झलक:

15वीं शताब्दी में गोंड राजा संग्राम शाह ने इस झील का निर्माण करवाया था। राजा संग्राम शाह गोंडवाना साम्राज्य के शक्तिशाली और दूरदर्शी शासकों में से एक थे। उन्होंने कई जलस्रोत और संरचनाएं बनवाईं, जिनमें संग्राम सागर प्रमुख है।

इस झील का निर्माण उस समय की जल संरक्षण प्रणाली का भाग था, साथ ही यह आसपास के महलों और बस्तियों की जल आपूर्ति के लिए भी जरूरी था।

संग्राम सागर महल:

झील के बीच में स्थित है संग्राम सागर महल, जो कभी गोंड राजाओं का विश्राम स्थल हुआ करता था। यह महल अब भी अपनी पारंपरिक वास्तुकला और खूबसूरत नक्काशी के लिए जाना जाता है। हालांकि अब यह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, फिर भी इसके खंडहरों से अतीत की गौरवगाथा झलकती है।

प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता:

झील के चारों ओर फैली हरियाली, शांति और पक्षियों की चहचहाहट इसे एक प्राकृतिक उपहार बनाती है।

यहां अनेक प्रकार के स्थानीय और प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं, जिससे यह स्थान बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए आदर्श बन चुका है।

आसपास के क्षेत्र में कमल के फूल, बबूल, पीपल जैसे वृक्ष आमतौर पर दिखाई देते हैं।

पर्यटन की दृष्टि से महत्त्व:

संग्राम सागर झील न केवल इतिहास और संस्कृति से जुड़ी है, बल्कि यह लोकल टूरिज़्म को भी बढ़ावा देती है।

सुबह और शाम के समय यहां लोग सैर करने आते हैं।

कई फोटोग्राफर इस झील की सुंदरता को कैमरे में कैद करने आते हैं।

आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग पिकनिक मनाने यहां आते हैं।

विशेषताएं:

ऐतिहासिक और प्राकृतिक संगम

शांत वातावरण और हरियाली

दुर्लभ पक्षियों का बसेरा

गोंड राजवंश की स्थापत्य शैली की झलक

शहर की हलचल से दूर शांति का अनुभव

संरक्षण की ज़रूरत:

वर्तमान समय में झील और आसपास का क्षेत्र धीरे-धीरे उपेक्षा का शिकार हो रहा है।

झील में कचरा और प्लास्टिक की समस्या बढ़ती जा रही है।

ऐतिहासिक महल जीर्ण-शीर्ण हो चुका है और किसी पुनर्संरक्षण की बाट जोह रहा है।

यदि जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो यह धरोहर केवल इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह जाएगी।

निष्कर्ष:

संग्राम सागर झील जबलपुर के अतीत की वह अमूल्य धरोहर है, जिसे वर्तमान में संजोने की आवश्यकता है। यह स्थान इतिहास, संस्कृति और प्रकृति के संगम का प्रतीक है। यदि इसे सही तरीके से संरक्षित और प्रचारित किया जाए, तो यह राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बन सकता है।

यदि आप इतिहास में रुचि रखते हैं, या प्रकृति की गोद में कुछ शांत पल बिताना चाहते हैं, तो एक बार संग्राम सागर ज़रूर जाएं — यह झील आपको अतीत की कहानी भी सुनाएगी और मन को भी सुकून देगी।

Created On :   21 July 2025 5:06 PM IST

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