Jabalpur News: कठौंदा वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट से दूर-दूर तक फैल रहे धूल के कण

कठौंदा वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट से दूर-दूर तक फैल रहे धूल के कण
  • एनजीटी ने लिया स्वत: संज्ञान, निगमायुक्त और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांगी विस्तृत रिपोर्ट
  • स्थानीय नागरिकों की सेहत पर खतरा
  • एनजीटी ने कहा कि 26 सितंबर 2024 को प्रस्तुत रिपोर्ट में कुछ गंभीर खामियां पाई गई हैं।

Jabalpur News: नगर निगम की सीमा के अंतर्गत कठौंदा में स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट से दूर-दूर तक धूल के कण फैल रहे हैं। इससे जनस्वास्थ्य को खतरा हो रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) दिल्ली ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, ज्यूडिशियल मेम्बर जस्टिस सुधीर अग्रवाल और एक्सपर्ट मेम्बर ए. सेंथिल वेल ने जबलपुर निगमायुक्त और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई 15 सितंबर को नियत की गई है।

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि हाल ही में मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि कठौंदा स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट से धूल के कण फैल रहे हैं। इससे प्रदूषण फैल रहा है, जो नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए घातक है। इसके पूर्व कठौंदा स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट से हो रहे प्रदूषण को लेकर 12 जुलाई 2024 और 26 सितंबर 2024 को केंद्रीय व मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण मंत्रालय और जबलपुर कलेक्टर से जवाब मांगा गया था।

बफर जोन तय है या नहीं

एनजीटी ने कहा है कि पूर्व में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में यह बताया गया कि प्लांट का बफर जोन तय है या नहीं। प्लांट के चारों ओर कितने पेड़ लगाए गए हैं। रिपोर्ट में केवल धूल के कण की रिपोर्ट दी गई है, जबकि अन्य जरूरी प्रदूषण मापदंडों की जानकारी नहीं दी गई है।

कहां-कहां फैला है कचरा

एनजीटी ने नगर निगम को यह भी बताने के लिए कहा है कि प्लांट में पुराना कचरा केवल 95 हजार मीट्रिक टन एकत्रित है या फिर कचरा अन्य जगह पर भी फैला हुआ है। नगर निगम से कचरे की ऊष्मा क्षमता के बारे में भी जानकारी मांगी गई है।

गीले कचरे को कैसे करते हैं प्रोसेस

शहर से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में गीला कचरा भी एकत्रित होता है। कठौंदा प्लांट में एकत्रित होने वाले गीले कचरे काे किस तरीके से प्रोसेस किया जाता है, एनजीटी द्वारा इसको लेकर भी विस्तार से जानकारी मांगी गई है।

रोज जलाया जाता है 600 टन कचरा

एनजीटी ने कहा कि 26 सितंबर 2024 को प्रस्तुत रिपोर्ट में कुछ गंभीर खामियां पाई गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लांट में रोजाना 600 टन कचरा जलाया जाता है। जिससे 11.5 मेगावाॅट बिजली का उत्पादन होता है। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि प्लांट में कितना अतिरिक्त ईंधन डाला जाता है।

अतिरिक्त ईंधन के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। प्लांट से प्रतिदिन कितनी राख निकलती है। राख का डिस्पोजल किस तरीके से किया जाता है। रिपोर्ट में इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

Created On :   21 July 2025 7:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story