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प्रशासनिक उदासीनता: मास्टर प्लान लागू नहीं होने से 62 गांवों में करोड़ों के प्रोजेक्ट्स अटके

- मास्टर प्लान 2041 का ड्राफ्ट तैयार पर संशोधन के लिए अभी लंबित
- 2021 में शुरू हुई थी आधा सैकड़ा से ज्यादा गांवों को मास्टर प्लान में शामिल करने की अधिसूचना, 4 साल बाद प्रक्रिया अधूरी
Jabalpur News: जबलपुर का मास्टर प्लान लागू नहीं होने से 62 गांवों में करोड़ों के 25 से अधिक प्रोजेक्ट्स अटके हुए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि मप्र टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम की धारा 16 के तहत भी प्रोजेक्ट्स को मंजूरी नहीं दी जा रही है। धारा 16 के तहत प्रोजेक्ट्स को अनुमति दिए जाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग के एसीएस और टीएनसीपी के डायरेक्टर से कई बार बातचीत की जा चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
राज्य शासन ने 7 जुलाई 2021 को शहर के 62 गांवों को नए मास्टर प्लान में शामिल करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसके लिए बाकायदा दावे और आपत्तियों की सुनवाई की गई। इसके बाद भी नए गांवों को मास्टर प्लान में शामिल करने की अधिसूचना जारी नहीं की जा रही है। इससे यहां पर चल रहे करोड़ों के लगभग 25 प्रोजेक्ट्स अटक गए हैं। मप्र टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम के अनुसार जब नए मास्टर प्लान को लागू करने में देरी होती है तो ऐसी स्थिति में धारा 16 के अंतर्गत प्रोजेक्ट्स को अनुमति दी जा सकती है।
अब जबलपुर का मास्टर प्लान 2041 के लिए प्रस्तावित है, जो फाइनल नहीं हो पा रहा है। टीएंडसीपी मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार जबलपुर के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट लगभग तैयार कर लिया गया था, लेकिन इसमें कुछ संशोधन किए गए है। इसके कारण मास्टर प्लान फाइनल करने में विलंब हो रहा है। पिछले सप्ताह टीएंडसीपी के डायरेक्टर श्रीकांत बनोठ ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 3 महीने में जबलपुर का मास्टर प्लान जारी कर दिया जाए।
अब जबलपुर का मास्टर प्लान 2041 के लिए प्रस्तावित है, जो फाइनल नहीं हो पा रहा है। टीएंडसीपी मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार जबलपुर के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट लगभग तैयार कर लिया गया था, लेकिन इसमें कुछ संशोधन किए गए है। इसके कारण मास्टर प्लान फाइनल करने में विलंब हो रहा है। पिछले सप्ताह टीएंडसीपी के डायरेक्टर श्रीकांत बनोठ ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आगामी 3 महीने में जबलपुर का मास्टर प्लान जारी कर दिया जाए।
इन गांवों में लागू होना है मास्टर प्लान
जबलपुर के 62 गांवों को नए मास्टर प्लान में शामिल किया जाना है। इनमें जबलपुर तहसील के जमुनिया, सिलुवा, आमा हिनौता, छतरपुर, बारहा, चौखड़ा, पड़रिया, पिंडरई, हिनौतिया, खम्हरिया, सिलुआ, सालीवाड़ा, नीमखेड़ा, कोसमघाट, पिपरिया कलां और नीमखेड़ा शामिल हैं। पाटन तहसील के आरछा, बिनैकी, लुहारी, बेनीखेड़ा, चौपरा, टिमरी और शहपुरा तहसील के खम्हरिया और मनगुवा शामिल हैं।
पनागर तहसील के उमरिया चौबे, ब्याथखेड़ा, बिहर, विजौरी, बिजौरा, बम्हनौदा, ककरतला, गधेरी, घुघ्घूटोला, जैतपुरी, घाना, फूटाताल, बघेली, उर्दुआखुर्द, मनियारीकला, धुवहा, सरसवा, जटवा, गुडगवां, मनियारीखुर्द, बरोदा, जुनवानी, पौड़ी, खम्हरिया, मंगेला, पिपरिया, पटना, पडवारकलां, सूरतलाई, बिहरिया, बिलखरवा, पडवारखुर्द, सरखेड़ी, रैयाखेड़ा, सूखा, डीहा, पिपरिया बनियाखेड़ा और सरूपा गांव शामिल हैं।
संयुक्त संचालक से वापस लिए धारा 16 के अधिकार
अधिनियम की धारा 16 के अनुसार प्रस्तावित मास्टर प्लान क्षेत्र में संयुक्त संचालक के पास प्रोजेक्ट्स को अनुमति देने के अधिकार थे, लेकिन 2 साल पहले राज्य शासन ने संयुक्त संचालक से अनुमति देने का अधिकार वापस ले लिया। अब अनुमति देने का अधिकार टीएनसीपी मुख्यालय को सौंप दिया गया है। मास्टर प्लान लागू होने के पहले प्रोजेक्ट्स को अनुमति दिए जाने से विवाद की स्थिति बन सकती है, इसलिए अधिकारी प्रोजेक्ट्स को अनुमति नहीं दे रहे हैं।
जबलपुर का नया मास्टर प्लान पिछले चार साल से लागू नहीं हुआ है। इसके कारण मास्टर प्लान में प्रस्तावित 62 गांवों में प्रोजेक्ट्स को अनुमति नहीं मिल रही है। मास्टर प्लान लागू नहीं होने की स्थिति में राज्य सरकार मप्र टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिनियम की धारा 16 के तहत प्रोजेक्ट्स को अनुमति देने का प्रावधान है, लेकिन राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इस संबंध में एडीशनल चीफ सेक्रेटरी से भी चर्चा की जा चुकी है।
-धीरेश खरे, अध्यक्ष, क्रेडाई मप्र
Created On :   21 July 2025 3:07 PM IST