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Jabalpur News: परीक्षा फाॅर्म भरने में मिलेगा भाषा चुनने का विकल्प, इसी सत्र से होगी शुरुआत

- मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ने शुरू की तैयारी, मातृभाषा चुनने पर परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट
- विद्यार्थियों को प्रश्न-पत्र दोनों भाषाओं हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
- महाकौशल क्षेत्र के सभी मेडिकल कॉलेजों से 4-4 चिकित्सा शिक्षक शामिल हो रहे हैं।
Jabalpur News: मातृभाषा में चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई को सुदृढ़ बनाने और स्टूडेंट्स और टीचर्स के सामने आ रही समस्याओं को दूर करने मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है। एक ओर जहां कार्यशाला का आयोजन कर चिकित्सा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, वहीं इसी सत्र से ही परीक्षा फाॅर्म भरने में भाषा चुनने का विकल्प मिलने लगेगा।
इससे उन विद्यार्थियों को चिन्हित किया जा सकेगा, जिन्होंने मातृभाषा हिन्दी में परीक्षा दी। इसके लिए सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा है। एमबीबीएस पाठ्यक्रम की आगामी परीक्षाओं में हिंदी और अंग्रेजी, दो भाषाओं का विकल्प मिलेगा। विश्वविद्यालय द्वारा चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मातृ-भाषा हिंदी को सशक्त बनाने के लिए सतत नवाचार किए जा रहे हैं।
मौखिक एवं लिखित परीक्षाओं में हिंदी का प्रयोग कर रहे विद्यार्थी
कुलसचिव डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल ने बताया कि वर्ष 2022 में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकों का विमोचन किया गया था और शैक्षणिक सत्र 2023-24 से विद्यार्थियों के लिए पुस्तकें उपलब्ध कराई गईं। यह नवाचार अभी अपने प्रारंभिक चरण में है, केवल प्रथम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। लगभग 15 से 20 प्रतिशत छात्रों ने मौखिक एवं लिखित परीक्षाओं में हिंदी अथवा मिश्रित भाषा का उपयोग किया है। सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद स्पष्ट आंकड़े सामने आ सकेंगे।
ऐसे परीक्षक चुनें जो मातृभाषा समझें, उसी में करें संवाद
जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों को प्रश्न-पत्र दोनों भाषाओं हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिससे छात्र अपनी सुविधा के अनुसार उत्तर दे सकें। चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा संकाय से संबद्ध सभी महाविद्यालयों को मातृ-भाषा में अध्ययन को प्रोत्साहित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
महाकौशल के सभी मेडिकल कॉलेजों से आएंगे शिक्षक
विवि द्वारा मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन से जुड़ी चुनौतियों के निदान और शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए 22 जुलाई को कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें महाकौशल क्षेत्र के सभी मेडिकल कॉलेजों से 4-4 चिकित्सा शिक्षक शामिल हो रहे हैं। वर्कशॉप में विषय-विशेषज्ञ ट्रेनिंग देंगे। बाद में प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज से भी चिकित्सक शामिल होंगे।
Created On :   19 July 2025 6:15 PM IST