Jabalpur News: मानसून में बढ़े स्नेक बाइट के केस, अस्पतालों ने बढ़ाया एंटी वेनम का स्टॉक

  • मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में रोजाना आ रहे पीड़ित
  • ग्रामीण क्षेत्रों से सबसे ज्यादा मरीज, 10% मामलों में देरी की वजह से मौत
  • विशेषज्ञों की मानें तो जुलाई-अगस्त माह में सांप के काटने के केस अधिक आते हैं।

Jabalpur News: मानसून के चलते स्नेक बाइट के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम के स्टॉक को बढ़ाया गया है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल विक्टोरिया में रोजाना पीड़ित पहुंच रहे हैं। राहत की बात ये है कि अस्पताल पहुंचने वाले करीब 90 प्रतिशत मरीजों की जान बच जाती है, वहीं 10 प्रतिशत मामलों में जो मौतें होती हैं उनमें मरीज देर से अस्पताल पहुंचते हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो जुलाई-अगस्त माह में सांप के काटने के केस अधिक आते हैं। ज्यादा केस ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सांप के काटने के मामले में मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना चाहिए। 108 एम्बुलेंस से मिले डाटा के अनुसार जबलपुर जिले में जून माह तक 137 सर्पदंश के मामले सामने आए जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। कई मामले ऐसे भी सामने आते हैं जिनमें परिवार के लोग मरीज को अस्पताल ले जाने की बजाय अंधविश्वास के चक्कर में पड़ जाते हैं, जोकि बाद में मरीज की जान के लिए खतरा बन जाता है।

मल्टी वैरिएंट वाला एंटी स्नेक वेनम

मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में मल्टी वैरिएंट वाला एंटी स्नेक वेनम हर वक्त उपलब्ध कराया गया है, जोकि हीमोटॉक्सिक और न्यूरोटॉक्सिक, दोनों ही तरह के जहर पर कारगर है। जो मरीज बिना समय गंवाए एडमिट होते हैं, उनकी जान को खतरा बेहद कम होता है। एंटी स्नेक वेनम के कितने वायल एक मरीज को लगेंगे, यह गंभीरता पर निर्भर करता है।

दो तरह से इफेक्ट करता है जहर

सिटीजन फॉर नेचर के डॉ. विजय सिंह यादव ने बताया कि जिन सांपों में हीमोटॉक्सिक जहर होता है, वह खून काे प्रभावित करता है। ब्लड सेल को डिस्ट्राय करता है। आगे जाकर इसमें किडनी फेल होने समेत अन्य समस्याएं होती हैं। वाइपर प्रजाति के सांपों में उक्त जहर होता है। वहीं न्यूरोटॉक्सिक जहर लंग्स को प्रभावित करता है, सांस रुकने समेत अन्य समस्याएं सामने आती हैं। कोबरा और करैत प्रजाति के सांपों में यह जहर हाेता है। कुछ मामलों में करैत बाइट में हीमोटॉक्सिक जहर के लक्षण भी देखे जाते हैं।

रखें ये सावधानियां

{घर की नालियां साफ रखनी चाहिए।

{घरों में पड़ी हुई दरार और घर के मुख्य गेट की दरार को बंद रखना चाहिए।

{जमीन पर सोने से परहेज करना चाहिए।

{सांप के काटने पर घबराना नहीं चाहिए और मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाना जरूरी।

{पैरों में जूते पहनकर खेत अथवा बगीचे में जाना चाहिए।

दो बड़े शासकीय अस्पतालों की स्थिति

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नवीन कोठारी ने बताया कि इस मौसम में केस बढ़ जाते हैं। रोजाना 1 से 3 मामले आ रहे हैं। कैजुअल्टी में 100 वायल एंटी स्नेक वेनम का स्टॉक मेनटेन किया गया है, जिसकी मॉनिटरिंग भोपाल से होती है। वहीं स्टाफ को भी हर वक्त तैयार रहने के निर्देश हैं, ताकि मरीज को तुरंत उपचार दिया जा सके।

इधर मेडिकल कॉलेज अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि रोजाना 3 से 5 मरीज सर्पदंश के आ रहे हैं। विशेषतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक हैं। मल्टी वैरिएंट वाले एंटी स्नेक वेनम का स्टॉक है। पिछले वर्ष कुल 20 हजार वायल विभिन्न मरीजों को लगे थे।

Created On :   21 July 2025 2:55 PM IST

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