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Jabalpur News: दिसंबर में बनकर तैयार होगा रिंग रोड का पहला हिस्सा

- 550 करोड़ में बरेला से मानेगांव चूल्हा गोलाई तक बनाया जा रहा पहला हिस्सा, जल्द पूरा करने की कवायद
- इसमें मुख्य सड़क के साथ 20 फीट की सर्विस रोड भी, निर्माण पूरा होने पर 16 किलोमीटर के एरिया में तेज होगा ट्रैफिक
Jabalpur News: शहर के चारों ओर 114 किलोमीटर के दायरे में रिंग रोड का निर्माण किया जा रहा है। इस रिंग रोड का पहला हिस्सा जो बरेला से भटौली आगे चूल्हा गोलाई मानेगांव तक निर्मित किया जा रहा है यह दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा।
इस रिंग रोड के पहले हिस्से को 16 किलोमीटर के दायरे में बनाया जा रहा है। इसके निर्माण की समीक्षा में बताया गया कि यह अब 80 प्रतिशत बन चुका है। इसमें अंडर व्हीकल पास, पैसेंजर पास और छोटे ब्रिज बनकर तैयार कर लिये गये हैं। नर्मदा के ब्रिज को छोड़कर शेष हिस्सा अगले 3 माह में बनकर ट्रैफिक के लिए पूरा हो जाएगा। अभी इस निर्माणाधीन हिस्से से वाहन निकल रहे हैं लेकिन जगह-जगह डायवर्सन प्वाॅइंट हैं।
इस पहले हिस्से के तैयार होने पर सभी डायवर्सन प्वाॅइंट खत्म होंगे और इसमें ट्रैफिक तेज दौड़ सकेगा। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि मानसून सीजन के खत्म होते ही इसके बहुत सारे ऐसे हिस्सों को भी खोल दिया जाएगा जो अभी कुछ एरिया में ब्लॉक रखे गये हैं। इससे लोगों को आवागमन में आसानी होगी। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत लाल साहू कहते हैं कि साल के अंत तक पहले हिस्से को हर हाल में निर्मित कर दिया जाएगा।
सर्विस रोड से बीच में प्रवेश नहीं कर सकेंगे
रिंग रोड के किनारे सर्विस रोड को तैयार किया जा रहा है इसमें मुख्य हिस्से की रिंग रोड को ऐसे निर्मित किया जा रहा है कि इसमें सर्विस रोड से बड़े टाउन से ही मुख्य सड़क में आ सकते हैं। सर्विस रोड से किसी भी वक्त कहीं से भी मुख्य सड़क में नहीं आ सकते हैं। सर्विस रोड से छोटे कस्बों वाले हिस्से में या गांव में आना-जाना होगा। इसमें सर्विस रोड के किनारे मुख्य हिस्से को डिवाइड करने में ग्रिल लगाई जा रही है, ताकि कहीं से भी कोई वाहन तेज चलने वाले वाहनों को व्यवधान पैदा न कर सकें।
ऐसे बन रही रिंग रोड
शहर के चारों ओर 114 किलोमीटर का रिंग रोड निर्माण।
इसमें पूरी निर्माण लागत 3 हजार करोड़ से अधिक।
पहला हिस्सा 16 किलोमीटर का है जो 550 करोड़ से बन रहा।
इसको सबसे पहले बनाना शुरू किया गया, पहले तैयार होगा।
इसके बनने से पूर्वी हिस्से में आना-जाना आसान होने वाला है।
फिलहाल कई डायवर्सन प्वाॅइंट हैं जिसमें निकलना आसान नहीं।
Created On :   19 Sept 2025 6:28 PM IST












