Jabalpur News: 89 अस्पतालों की जांच रिपोर्ट को लेकर नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग में तनातनी

89 अस्पतालों की जांच रिपोर्ट को लेकर नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग में तनातनी
  • एमपीएनएचए के सदस्यों के साथ सीएमएचओ कार्यालय में हुई बैठक
  • स्वास्थ्य विभाग ने कलेक्टर से मांगा मार्गदर्शन, 2022 में हुए निरीक्षण में मिलीं कमियाें से जुड़ा है मामला

Jabalpur News: शहर के 89 अस्पतालों में निरीक्षण के बाद मिलीं कमियाें की रिपोर्ट और कार्रवाई को लेकर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग में तनातनी चल रही है। 2022 में यह निरीक्षण नगर निगम द्वारा कराया गया था, जिसमें 89 अस्पतालों में कुछ कमियां मिली थीं। नगर निगम ने 2 माह पूर्व इन अस्पतालों के पंजीयन रद्द करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा था।

इधर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि एक साथ 89 अस्पतालों का पंजीयन रद्द करने से 30 लाख की आबादी के जिले में लोगों को उपचार मिलना संभव नहीं होगा। उपचार सुविधाओं की कमी हो जाएगी। पूरे मामले को लेकर सीएमएचओ कार्यालय द्वारा कलेक्टर को पत्र लिखा गया है और मार्गदर्शन मांगा गया है।

वहीं मप्र नर्सिंग होम एसोसिएशन जबलपुर शाखा के पदाधिकारियों का कहना है कि 2022 में हुए निरीक्षण के बाद 2023, 2024 और 2025 में लगातार अस्पतालों को पंजीयन मिला है, जिसके लिए सभी तरह की शर्तें और फायर एनओसी समेत सभी दस्तावेज दिए गए हैं, इसके बाद भी 2022 में हुए निरीक्षण के आधार पर कार्रवाई की बात हो रही है। पदाधिकारियों का आरोप है कि इसके पीछे कुछ कतिपय लोग हैं, जाेकि अस्पतालों को ब्लैकमेल करना चाहते हैं। ऐसे लोग सूचना के अधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

89 अस्पतालों में 3834 बेड

स्वास्थ्य विभाग ने कलेक्टर और नगर निगम को पत्र में यह बताया कि जिले में चल रहे कुल निजी अस्पतालों में 6494 बेड हैं, जिसमें से 3834 बेड, उन 89 अस्पतालों में हैं, जिनके लिए निगम द्वारा पत्र लिखा गया है। अगर इन अस्पतालों का पंजीयन रद्द कर दिया जाता है तो जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ेगा, शासकीय अस्पतालों में अत्यधिक भार आएगा, आयुष्मान योजना की उपलब्धता बाधित होगी और आपातकालीन गंभीर रोगियों का उपचार बाधित होगा।

विभाग पंजीकरण रद्द करे, उसके बाद निगम कमियां दूर कराएगा

गुरुवार को उक्त मामले के संबंध में एक बैठक का आयोजन जिला अस्पताल में हुआ, जिसमें सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा के साथ एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमरेंद्र पांडेय, सिविल सर्जन डॉ. नवीन कोठारी, नोडल अधिकारी डॉ. आदर्श विश्नोई, आईएमए अध्यक्ष अविजीत विश्नोई, डॉ. अभिजीत मुखर्जी, डॉ. नचिकेत पांसे, जॉग्स अध्यक्ष डॉ. राखी बाजपेई, डॉ. केसी देवानी, डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. शब्बीर हुसैन समेत एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर मौजूद रहे।

बैठक में सीएमएचओ डॉ. मिश्रा ने कहा कि नगर निगम का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों का पंजीकरण रद्द करे, उसके बाद निगम कमियां दूर कराएगा। जबकि नगर निगम को यह कमियां नर्सिंग होम्स के साथ मिलकर दूर करनी चाहिए। इसके लिए दोबारा निरीक्षण किया जा सकता है और कमियां मिलने पर उन्हें दूर करने के लिए तय समय-सीमा दी जानी चाहिए।

आरटीआई में मांगी जा रही निजी जानकारी

बैठक में मौजूद डॉक्टरों का कहना था कि कमियों के बाद मिले नोटिस का जवाब अस्पतालों द्वारा दिया गया था। इसके बाद भी प्रताड़ित करने के लिए कुछ लोगों द्वारा 2022 के निरीक्षण के आधार पर अस्पतालों की जानकारी आरटीआई के माध्यम से निकालकर ब्लैकमेलिंग की जा रही है।

ऐसे लोगों की वजह से अस्पतालों को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जो जानकारी आरटीआई से मांगी जा रही है, उसमें निजी जानकारियां भी हैं, जोकि सुरक्षा के नजरिए से साझा करना उचित नहीं है। ऐसे में वह जानकारी न दी जाए, जो निजता से जुड़ी है।

Created On :   20 Jun 2025 6:51 PM IST

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