Jabalpur News: मात्र 20 रुपए में मरीजों का इलाज करने वाले पद्मश्री डॉ. डावर नहीं रहे

मात्र 20 रुपए में मरीजों का इलाज करने वाले पद्मश्री डॉ. डावर नहीं रहे
1971 की जंग में घायल जवानों का किया इलाज

jabalpur News । गरीबों और जरूरतमंद मरीजों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले प्रख्यात चिकित्सक डॉ. एमसी डावर का शुक्रवार सुबह लगभग 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इस खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया। चिकित्सा के क्षेत्र में कई पुरस्कारों से सम्मानित होने के साथ उन्हें भारत सरकार ने 2 वर्ष पूर्व पद्मश्री से भी नवाजा था। दो वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डुमना एयरपोर्ट पर पद्मश्री डॉ. डावर से मुलाकात की थी। बताया गया है कि डॉ. डावर बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे और एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। खास बात यह है कि अस्वस्थ होने के बाद भी कुछ दिन पहले तक वे अपने क्लीनिक पर मरीजों को परामर्श दे रहे थे। शुक्रवार की शाम उनका अंतिम संस्कार हाथीताल स्थित मुक्तिधाम में किया गया। उनके बेटे डॉ. ऋषि डावर ने उन्हें मुखाग्नि दी।

2 रुपए से की थी इलाज की शुरुआत

बताया गया है कि डॉ. डावर ने 1972 से जबलपुर में प्रैक्टिस शुरू की थी। 1986 तक उन्होंने मात्र 2 रुपए फीस लेकर अनेक जरूरतमंदों का इलाज किया। वर्ष 2021 से उन्होंने फीस 20 रुपए की थी। उनके निधन को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अाशीष दुबे ने चिकित्सा जगत की अपूर्णनीय क्षति बताया। भाजपा अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, मेडिकल एसो. ऑफ जनरल प्रैक्टिशनर्स, एसोसिएशन ऑफ चेस्ट फिजिशियन्स, आईएमए से जुड़े चिकित्सकों सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के व्यक्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

1971 की जंग में घायल जवानों का किया इलाज

डॉ. डावर का जन्म आज के पाकिस्तान में 1946 में हुआ था। उन्होंने स्कूली पढ़ाई पंजाब के जालंधर से की। एमबीबीएस की पढ़ाई जबलपुर से की और भारतीय सेना में लंबे समय तक डॉक्टर रहे। उन्होंने भारत-पाकिस्तान की 1971 की जंग में भी हिस्सा लिया और घायल जवानों का इलाज भी किया। जंग के दौरान उनकी पोस्टिंग बांग्लादेश में की गई थी।

Created On :   5 July 2025 12:30 AM IST

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