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Jabalpur News: करोड़ों की सरकारी जमीन कर दी निजी व्यक्ति के नाम, 2 रीडर सस्पेंड

- डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर शासन की साढ़े 4 एकड़ जमीन के मामले में हुआ फर्जीवाड़ा
- निलंबित किए गए कर्मचारी तहसीलदार अधारताल एवं अतिरिक्त तहसीलदार अधारताल के रीडर रहे हैं।
- प्रकरण सामने आने पर दोनों कर्मचारियों के पृथक से कथन लिए गए, लेकिन ये दोनों समाधानकारक जवाब नहीं दे सके।
Jabalpur News: तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर अधारताल तहसील के अंतर्गत ग्राम रैगवां की शासन की 1.90 हेक्टेयर यानी 4.695 एकड़ भूमि निजी व्यक्ति के नाम दर्ज करने के मामले में कलेक्टर के निर्देश पर तहसील कार्यालय अधारताल में पदस्थ सहायक ग्रेड-तीन रमाशंकर मिश्रा और मिलन वरकड़े को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित किए गए कर्मचारी तहसीलदार अधारताल एवं अतिरिक्त तहसीलदार अधारताल के रीडर रहे हैं। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर अपर कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह द्वारा जारी किए गए कर्मचारियों के निलंबन आदेश में कहा गया है कि निलंबन की यह कार्यवाही तत्कालीन तहसीलदार अधारताल दीपक पटेल वर्तमान में तहसीलदार कुंडम के प्रतिवेदन के आधार पर की गई है।
इन कर्मचारियों ने उनकी अभिरक्षा में रखे गए तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर ग्राम रैगवां की शासन के हित में निहित भूमि को जिस निजी व्यक्ति के नाम किया था, उसने इस भूमि को खुर्द-बुर्द कर अन्य व्यक्तियों को बेच दिया है।
दोनों नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
प्रकरण सामने आने पर दोनों कर्मचारियों के पृथक से कथन लिए गए, लेकिन ये दोनों समाधानकारक जवाब नहीं दे सके। बिना अनुमति के तहसीलदार के डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के आरोप में निलंबित किए गए कर्मचारियों में से तहसीलदार अधारताल के रीडर रहे रमाशंकर मिश्रा का निलंबन अवधि में मुख्यालय अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यालय सिहोरा एवं मिलन वरकड़े का मुख्यालय अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यालय तत्कालीन कुंडम नियत किया गया है।
मात्र एक पंक्ति का आदेश पारित कर पोर्टल पर किया अपलोड
अधारताल के तत्कालीन तहसीलदार दीपक पटेल ने अपने प्रतिवेदन में कहा था कि उनके कार्यकाल के दौरान पूर्व में निराकृत न्यायालयीन प्रकरण अनिल चढार पिता हुब्बीलाल चढार में उनके डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग किया गया है। इस प्रकरण का पंजीयन 25 जनवरी 2024 को हुआ था तथा 19 फरवरी 2024 को पूर्ववर्ती तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे द्वारा इसका निराकरण मात्र एक पंक्ति का आदेश पारित कर आर्डर-शीट अपने डिजिटल सिग्नेचर से आरसीएमएस पोर्टल पर अपलोड की गई थी।
लेकिन आरसीएमएस पोर्टल पर अपलोड किए गए इस आदेश में श्री धुर्वे ने 25 जनवरी 2024 को उनके द्वारा हस्तलिखित आदेश की वह आर्डर-शीट संलग्न नहीं की, जिसमें शासन के हित वाली ग्राम रेगवां की खसरा नम्बर-69 की 1.90 हेक्टेयर भूमि निजी व्यक्तियों के नाम कर दी गई थी।
तत्कालीन तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे के इस हस्तलिखित आदेश की मूल प्रति को 1 मई 2024 को तहसीलदार दिलीप पटेल के कार्यभार ग्रहण करने के बाद बिना उनकी अनुमति के उनके डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग कर तत्कालीन रीडर रमाशंकर मिश्रा एवं तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार के रीडर मिलन वरकड़े द्वारा आरसीएमएस में पृथक से अपलोड कर दिया गया।
Created On :   4 July 2025 4:54 PM IST