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जबलपुर: जाँच अधिकारी द्वारा जानबूझकर की गई लापरवाही को नहीं कर सकते नजरअंदाज
- एसपी को अनुशासनात्मक कार्रवाई के दिए निर्देश
- अधिवक्ता एचआर नायडू व नितिन सिंह ने पक्ष रखा
- अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं
डिजिटल डेस्क,जबलपुर| प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अंबुज श्रीवास्तव की अदालत ने तल्ख टिप्पणी में कहा कि जाँच अधिकारी द्वारा जानबूझकर की गई लापरवाही को नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस मत के साथ कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक को संबंधित अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं। मामला अवैध शराब से संबंधित है। राज्य की ओर से सहायक जिला लोक अभियाेजन अधिकारी वर्षा मेहता और अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता एचआर नायडू व नितिन सिंह ने पक्ष रखा।
दलील दी गई कि 26 जनवरी, 2023 को रांझी थाने के सहायक उपनिरीक्षक को सूचना मिली थी कि पानी की टंकी के समीप बगिया टोला में रामनारायण उर्फ नाटी चौधरी व्यापक मात्रा में अवैध शराब लेकर खड़ा है। जिसके बाद घेराबंदी कर उसे पकड़ा गया। आरोपी के पास लाइसेंस नहीं था। लिहाजा, प्रकरण कायम कर लिया गया। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई की प्रक्रिया में कई तरह से लापरवाही बरती। जिससे अभियोजन अदालत में दोष सिद्ध करने में सफल नहीं हो सका है।
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अनुकंपा नियुक्ति का आदेश सही, कंपनी की अपील निरस्त
मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने एकलपीठ के अनुकंपा नियुक्ति के आदेश को सही ठहराते हुए पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की अपील निरस्त कर दी। पिता की मृत्यु के बाद पंकज केवट ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट की एकलपीठ ने 2017 में कंपनी को निर्देश दिए थे कि याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डॉ. एकनाथ ज्योतिषी व कल्पना ज्योतिषी ने बताया कि कंपनी द्वारा आदेश नहीं मानने पर दोबारा याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट ने कहा कि चूँकि याचिकाकर्ता पूर्ण शैक्षणिक योग्यता रखता है, अत: उसे बिना किसी विलंब के अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए।
Created On :   9 Jan 2024 5:17 PM IST