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भाजपा से नाराज पंकजा मुंडे ने लिया दो महीने का ब्रेक, बोलीं - आत्मचिंतन भी जरुरी
- पंकजा बोलीं पार्टी की हूं वफादार नेता
- लेकिन आत्मचिंतन करना भी जरुरी
- लिया दो महीने का ब्रेक
डिजिटल डेस्क, मुंबई. भाजपा की राष्ट्रीय सचिव और कद्दावर नेता पंकजा मुंडे ने अपनी पार्टी से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। बताया जा रहा है कि पंकजा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सरकार में शामिल होने के बाद से नाराज बताई जा रही हैं। पंकजा ने कहा कि फिलहाल वह दो महीने के लिए राजनीति से दूर रहकर चिंतन करना चाहती हैं। उसके बाद ही आगे के भविष्य पर कोई फैसला लिया जा सकेगा। पंकजा ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से किसी भी मुलाकात से इनकार किया है। उनका कहना है कि जानबूझकर कुछ लोग इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं।
पंकजा मुंडे ने शुक्रवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह पार्टी के हर आदेश को मान रही हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं, अगर उन्हें कुछ कहना है तो मेरे सामने आकर कहें। पंकजा ने कहा कि मेरे लिए पार्टी और देश सबसे पहले है। मैं ईश्वर की शपथ लेकर कहती हूं कि मैं किसी भी पार्टी में नहीं जा रही हूं।
अगले 2 महीने छुट्टी पर रहूंगी
पंकजा ने कहा कि वह पिछले कई साल से पार्टी के कार्यों में भाग-दौड़ की वजह से काफी मानसिक और शारीरिक रूप से थक गई हैं, जिसकी वजह से मैं अपने परिवार को समय नहीं दे पा रही हूं। मैं अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों से भी नहीं मिल पा रही हूं। इसलिए मैंने दो महीने की छुट्टी पर जाने का फैसला किया है। मैं इस ब्रेक के दौरान अपने राजनीतिक और पारिवारिक विषयों को लेकर चिंतन करूंगी।
राकांपा के सरकार में शामिल होने से नाराज हैं पंकजा !
बताया जा रहा है कि अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद से पंकजा मुंडे नाराज बताई जा रही हैं। दरअसल, पंकजा को उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे ने परली विधानसभा सीट से हराया था। ऐसे में अब उनके सरकार में शामिल होने से उनकी विधानसभा सीट से उनकी दावेदारी कमजोर होती दिख रही है। खबरें हैं कि इस फैसले के खिलाफ ही उन्होंने राजनीति से दो महीने के लिए ब्रेक लिया है।
पंकजा की नाराजगी का एक कारण यह भी
पंकजा मुंडे साल 2019 से नाराज हैं। उस समय ऐसी खबरें आईं थी कि भाजपा के कुछ नेताओं ने ही मिलकर उन्हें हरा दिया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंकजा ने कहा कि पार्टी ने मुझे दो बार विधान परिषद चुनाव में पर्चा भरने के लिए कहा था, लेकिन दोनों ही बार मुझे विधान परिषद की उम्मीदवारी नहीं मिली। पंकजा ने कहा कि एक बार तो मुझे पार्टी की तरफ से सुबह 9 बजे विधान परिषद का पर्चा भरने के लिए फोन आया, लेकिन अगले 10 मिनट में ही मुझे पर्चा भरने से मना कर दिया गया। पंकजा ने कहा कि हर बार मैंने पार्टी का आदेश माना, अब मैं कुछ आत्मचिंतन करना चाहती हूं।
पंकजा से वरिष्ठ नेता कर रहे हैं बात-फडणवीस
पंकजा की नाराजगी पर राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पंकजा मुंडे भाजपा की राष्ट्रीय सचिव हैं और उनसे पार्टी के वरिष्ठ नेता बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पंकजा मुंडे पार्टी की एक वफादार नेता रही हैं और वह पार्टी में बनी रहेंगी।
Created On :   7 July 2023 9:21 PM IST