मंत्रिमंडल की मंजूरी: नाशिक-नागपुर जिला मध्यवर्ती बैंक को 827 करोड़ की शेयर पूंजी, पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें 31 मार्च 2026 तक लागू, हिंगोली के तालाब के लिए रकम मंजूर

नाशिक-नागपुर जिला मध्यवर्ती बैंक को 827 करोड़ की शेयर पूंजी, पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें 31 मार्च 2026 तक लागू, हिंगोली के तालाब के लिए रकम मंजूर
  • पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को 31 मार्च 2026 तक लागू
  • हिंगोली के डिग्रस तालाब के लिए 90 करोड़ रुपए मंजूर
  • सेनगांव के सुकली परियोजना के लिए 124 करोड़ रुपए
  • न्यायालय परिसर और न्यायाधीशों के लिए अतिरिक्त 8 हजार 282 सुरक्षा रक्षक

Mumbai News. नाशिक, नागपुर और धाराशिव जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक को शेयर पूंजी के रूप में 827 करोड़ रुपए देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। जिसमें नाशिक जिला बैंक को 672 करोड़, नागपुर जिला बैंक को 81 करोड़ और धाराशिव जिला बैंक को 74 करोड़ रुपए प्रदान किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने नाशिक, नागपुर और धाराशिव जिला बैंक को पुनर्पूंजीकरण तथा पुनरुज्जीवन करने के लिए सरकार को अवगत कराया है। इसके तहत सरकार ने तीनों जिला बैंकों को शेयर पूंजी के रूप में आर्थिक सहायता मंजूर किया है। किसानों को फसल कर्ज उपलब्ध कराने के लिए जिला बैंकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जिला बैंकों की आर्थिक स्थिति पर सेवा विकास संस्था का भी अस्तित्व टिका होता है। नाशिक जिला बैंक को इस आर्थिक वर्ष में 336 करोड़ और अगले साल 336 करोड़ रुपए वितरित करने को मान्यता दी गई है। नाशिक और नागपुर जिला बैंक पर फिलहाल प्रशासक कार्यरत हैं। जबकि धाराशिव जिला बैंक पर संचालक मंडल है। धाराशिव जिला बैंक की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। इसके मद्देनजर धाराशिव जिला बैंक के निदेशक मंडल को बर्खास्त करके प्रशासक नियुक्त करने के लिए सहकारिता आयुक्त को निर्देश देने की मान्यता भी दी गई है।

पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को 31 मार्च 2026 तक लागू किया जा सकेगा

इसके अलावा पांचवें महाराष्ट्र वित्त आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने की अवधि एक साल बढ़ाने को राज्य मंत्रिमंडल ने मान्यता दी है। इससे अब पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों को 31 मार्च 2026 तक लागू किया जा सकेगा। पांचवें वित्त आयोग की स्थापना 28 मार्च 2018 को हुई थी। इस आयोग को 1 अप्रैल 2019 से अगले पांच साल के लिए रिपोर्ट और सिफारिशों को पेश करना था। इसके बाद आयोग को रिपोर्ट सौंपने के लिए 20 अप्रैल 2019 तक समय दिया गया था। फिर आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशों की कार्यवाही का प्रस्ताव विधानमंडल में मंजूरी किया गया था। इसके बाद इस आयोग की अवधि 16 दिसंबर 2020 से मार्च 2025 तक निश्चित की गई थी। इसके बाद छठवें वित्त आयोग की स्थापना 27 मार्च 2025 को की गई। छठवें वित्त आयोग को रिपोर्ट और सिफारिशों को पेश करने के लिए 31 दिसंबर 2025 का समय दिया गया था। लेकिन इस दौरान आयोग के अध्यक्ष मुकेश खुल्लर का निधन हो गया। इस कारण छठवें वित्त आयोग के नए अध्यक्ष पद पर डॉ. नितीन करीर को नियुक्त किया गया है। यह आयोग 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा। जो अगले पांच साल की अवधि में रिपोर्ट और सिफारिशों को पेश करेगा।

हिंगोली के डिग्रस तालाब के लिए 90 करोड़ रुपए मंजूर

इसके अलावा हिंगोली के डिग्रस भंडारण तालाब परियोजना और उसके लिए 90 करोड़ 61 लाख रुपए के प्रावधान को राज्य मंत्रिमंडल ने मान्यता दी है। डिग्रस भंडारण तालाब लघु परियोजना है। गोदावरी मराठवाड़ा सिंचाई विकास महामंडल के जरिए डिग्रस गांव के नाले के पास 3.71 दलघमी (दस लाख घन मीटर) क्षमता का मिट्टी का बांध बनाया जाएगा। इस परियोजना से हिंगोली तहसील के डिग्रस, लोहगाव और दाटेगांव के गांवों की 603 हेक्टेयर जमीन सिंचित हो सकेगी। पीने के पानी की समस्या का समाधान होगा। इस परियोजना से हिंगोली में औद्योगिकीकरण, शाश्वत खेती और अन्य विकास कामों को गति मिल सकेगी।

सेनगांव के सुकली परियोजना के लिए 124 करोड़ रुपए

हिंगोली के सेनगांव तहसील के सुकली भंडारण तालाब परियोजना के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने 124 करोड़ 36 लाख रुपए का प्रावधान करने को मंजूरी दी है। सुकली भंडारण तालाब लुघ परियोजना है। सुकली गांव के नाले के पास 4.07 दलघमी क्षमता का मिट्टी का बांध बनाया जाएगा। इस परियोजना से सेनगांव तहसील के सुकली और दाताला गांव की 677 हेक्टेयर जमीन सिंचाई के दायरे में आ सकेगी।

न्यायालय परिसर और न्यायाधीशों के लिए अतिरिक्त 8 हजार 282 सुरक्षा रक्षक

प्रदेश के न्यायालय के परिसर, होईकोर्ट के न्यायमूर्ति और जिला अदालत के न्यायाधीशों के घरों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त 8 हजार 282 सुरक्षा रक्षकों की नियुक्ति करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की है। जिसमें से 4 हजार 742 सुरक्षा रक्षक न्यायालयों और 3 हजार 540 सुरक्षा रक्षक न्यायमूर्ति और न्यायाधीशों के आवास पर नियुक्त किए जाएंगे। इन सुरक्षा रक्षकों के वेतन के लिए आवश्यक 443 करोड़ 24 लाख 84 हजार 560 रुपए का प्रावधान करने को मंजूरी दी गई है। महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा महामंडल (एमएसएससी) के माध्यम से सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य के न्यायालयों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बाम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर औरंगाबाद खंडपीठ ने सरकार को नीतिगत फैसला लेने के निर्देश दिए थे। इसके अनुसार राज्य के गृह विभाग और विधि व न्याय विभाग ने सुरक्षा के लिए सर्वेक्षण करके सरकार को रिपोर्ट सौंपा था। इसके तहत पहले चरण में मानव संसाधन और दूसरे चरण में आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है। इसके अनुसार बाम्बे हाईकोर्ट, औरंगाबाद व नागपुर खंडपीठ, कोल्हापुर सर्किट बेंच, जिला न्यायालय और अन्य अदालतों और न्यायाधीशों के आवास पर सुरक्षा रक्षक तैनात किए जाएंगे।


Created On :   11 Nov 2025 9:18 PM IST

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