बॉम्बे हाई कोर्ट: ओएनजीसी से कथित 1.55 अरब डॉलर की गैस चोरी को लेकर याचिका दाखिल, सीबीआई जांच का अनुरोध

ओएनजीसी से कथित 1.55 अरब डॉलर की गैस चोरी को लेकर याचिका दाखिल, सीबीआई जांच का अनुरोध
  • याचिका में गैस चोरी की सीबीआई जांच का अनुरोध
  • अदालत ने सीबीआई एवं रिलायंस कंपनी को जारी किया नोटिस
  • 18 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई

Mumbai News. बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) पर आंध्र प्रदेश के तट से दूर कृष्णा गोदावरी बेसिन में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के कुएं से कथित तौर पर 1.55 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की प्राकृतिक गैस चोरी करने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। याचिका में अदालत से सीबीआई जांच का अनुरोध किया गया है। न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति रंजीत सिंह भोंसले की पीठ के समक्ष जितेंद्र मारू की याचिका पर सुनवाई गुई। याचिका में दावा किया गया कि कथित षड्यंत्र मुंबई में रचा गया था, जिससे सीबीआई को जांच का अधिकार प्राप्त हो गया। इसमें आरआईएल और उसके निदेशकों के खिलाफ चोरी, बेईमानी से गबन और विश्वासघात के लिए आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने इस मामले में सीबीआई को नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर 2025 को रखी गई है। याचिका में दावा किया गया कि आरआईएल ने कथित तौर पर 2004 से 2014 तक कृष्णा गोदावरी बेसिन में अपने अनुबंधित गहरे समुद्री कुओं से सटे ओएनजीसी कुओं में ड्रिलिंग कर के और अवैध रूप से प्राकृतिक गैस निकालकर एक गैस चोरी किया है। ओएनजीसी के अधिकारियों ने 2013 में अनधिकृत गैस निकालने का पता लगाया और सरकार को इसकी सूचना दी।

आरआईएल ने बिना अनुमति के ओएनजीसी कुओं से गैस निकाली थी। इसके बाद ए.पी.शाह समिति ने चोरी की गई गैस की मात्रा 1.55 अरब डॉलर से अधिक आंकी है। इससे पहले आरआईएल ने ओएनजीसी के साथ अपने विवाद में अपने पक्ष में मध्यस्थता पुरस्कार प्राप्त किया था, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने 14 फरवरी 2025 के अपने आदेश में सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया और पुरस्कार को रद्द कर दिया। पीठ ने निष्कर्ष निकाला कि पुरस्कार सार्वजनिक नीति के विरुद्ध था और रिलायंस के पक्ष में दिए गए आदेश को रद्द कर दिया।

Created On :   11 Nov 2025 9:02 PM IST

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