बॉम्बे हाईकोर्ट: प्राइवेट बिल्डरों के हित के लिए केंद्र के हितों से समझौता नहीं कर सकते

प्राइवेट बिल्डरों के हित के लिए केंद्र के हितों से समझौता नहीं कर सकते
  • डीआरडीओ के प्रयोगशाला के पास अवैध निर्माण को पीएमसी के जारी नोटिस पर रोक लगाने से इनकार
  • अदालत ने प्रत्येक याचिकाकर्ताओं पर लगाया 1 लाख का जुर्माना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुणे के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संचालित एक प्रयोगशाला के आस-पास अवैध निर्माणों को पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) के ध्वस्त करने की नोटिस पर रोकने से इनकार कर दिया।

अदालत ने प्रत्येक याचिकाकर्ताओं एक लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए कहा कि वह निजी बिल्डरों के लिए केंद्र के हितों से समझौता नहीं कर सकते हैं।

न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ के समक्ष पुणे में उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के 500 गज के भीतर निर्माण को ध्वस्त करने के लिए पीएमसी द्वारा जारी की गई नोटिस को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई।

खंडपीठ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो जानकारी छिपाकर अदालत से आदेश प्राप्त करता है, वह किसी भी राहत का हकदार नहीं है। हम किसी भी परिस्थिति में निजी बिल्डरों के हित के लिए भारत संघ और रक्षा मंत्रालय के हित से समझौता नहीं करेंगे।

खंडपीठ ने 8 फरवरी को नोटिस पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हालांकि बाद में पीएमसी अधिकारियों द्वारा बताया गया कि याचिकाकर्ताओं ने उचित विवरण दिए बिना स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था।

इसके बाद खंडपीठ ने नोटिस के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के अपने पहले के आदेश को वापस ले लिया और प्रत्येक याचिकाकर्ताओं पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए याचिकाएं खारिज कर दी।



Created On :   27 Feb 2024 3:53 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story