मराठा आंदोलन: सीएम बोले - जरांगे के कंधे पर बंदूक रखकर सियासी फायदा उठाने का प्रयास, शिवनेरी किले से हुआ पलटवार - चाहें तो मार दें गोली, आजाद मैदान में तैयार मंच

सीएम बोले - जरांगे के कंधे पर बंदूक रखकर सियासी फायदा उठाने का प्रयास, शिवनेरी किले से हुआ पलटवार - चाहें तो मार दें गोली, आजाद मैदान में तैयार मंच
  • फडणवीस बोले- सरकार का इरादा दो समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना नहीं
  • इस बार आरक्षण लेकर ही मानेंगे, समाज के लिए आरपार की लड़ाई, चाहे तो गोली मार दें
  • मराठा आरक्षण यात्रा में शामिल व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत

Mumbai / Pune News. मराठा आंदोलक मनोज जरांगे-पाटील के आंदोलन के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसी का नाम लिए बिना विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरांगे-पाटील के कंधे पर बंदूक रखकर कुछ राजनीतिक दल अपना फायदा करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इन दलों को सफलता नहीं मिलेगी। फडणवीस का इशारा राकांपा (शरद) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (उद्धव) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोग जान रहे हैं कि आंदोलन के लिए संसाधन कौन लोग जुटा रहे हैं? लेकिन हमारे लिए यह राजनीतिक आंदोलन नहीं है। बीते 27 अगस्त को जालना से मुंबई की ओर निकले जरांगे-पाटील शुक्रवार से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करेंगे। जरांगे-पाटील सभी मराठों को कुनबी (ओबीसी) के रूप में मान्यता दिए जाने की मांग कर रहे हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन ने उन्हें केवल एक दिन अनशन की अनुमति दी है। दूसरी तरफ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज ने भी अनशन की घोषणा की है। इस पर गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मराठा और ओबीसी दोनों समाज के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का इरादा दोनों समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का नहीं है। इसलिए ओबीसी समाज को सरकार पर विश्वास रखना चाहिए। हम लोग ओबीसी समाज पर अन्याय नहीं होने देंगे। मराठा समाज को समझना चाहिए कि पूर्व में मेरी सरकार ने आरक्षण लागू किया था। इसके बाद शिंदे सरकार ने मराठा समाज को दस प्रतिशत आरक्षण दिया था। यह आरक्षण फिलहाल लागू है।

समझ नहीं आ रहा है कि आंदोलन क्यों हो रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को किसी भी लोकतांत्रिक आंदोलन से कोई ऐतराज नहीं है। मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण देने की मांग की जा रही है। लेकिन मैं यह समझ नहीं आ रहा हूं कि मराठ समाज को पहले से ही दस प्रतिशत आरक्षण लागू है। फिर भी आरक्षण की मांग क्यों की जा रही है? जबकि ओबीसी आरक्षण का लाभ 350 से अधिक उपजातियों को मिल रहा है। यह मेरे समझ से परे है कि ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग से मराठा समाज को कितना भला हो पाएगा। इसलिए मराठा नेताओं को समझना चाहिए कि भलाई समाज की भलाई कैसे होगी। उन्हें अध्ययन के बाद ही कोई मांग करनी चाहिए।

ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए मानसिकता तैयार नहीं हुई

मुख्यमंत्री ने कहा ने कहा कि आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण लागू होने के बाद दूसरे राज्यों में विभिन्न समुदायों का आंदोलन बंद हो गया है। लेकिन महाराष्ट्र में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का लाभ लेने के लिए अब भी मानसिकता तैयार नहीं हुई है। इसलिए मराठा आरक्षण के लिए कुछ विषय जटिल बन गए हैं। सरकार इसके समाधान के लिए प्रयास कर रही है।

हर्षवर्धन सपकाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा मुख्यमंत्री को दिल्ली जाकर आरक्षण की 50 प्रतिशत के दायरे को शिथिल करने की मांग केंद्र सरकार से करनी चाहिए। राजधर्म का पालन करते हुए उन्हें तत्काल मराठा आरक्षण की घोषणा करनी चाहिए।

संजय राऊत, शिवसेना (उद्धव) के सांसद ने कहा शिवसेना (उद्धव) मराठा आरक्षण पर राजनीति नहीं कर रही है। प्रदेश और केंद्र में सत्ता के लिए बीते 10 सालों में अलग-अलग जातियों को आपस में लड़ाने का प्रयास हो रहा है। मुख्यमंत्री को आंदोलनकारियों से चर्चा करनी चाहिए। जरांगे-पाटील को मुंबई में आंदोलन करने से सरकार को रोकना नहीं चाहिए।


इस बार आरक्षण लेकर ही मानेंगे, समाज के लिए आरपार की लड़ाई, चाहे तो गोली मार दें

उधर मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे का मार्च गुरुवार सुबह शिवनेरी किला पहुंच गया। शिवाई मंदिर में दर्शन कर मनोज जरांगे ने राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। जरांगे ने कहा कि कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही आंदोलन जारी है। हमारे लोग कानून नहीं तोड़ेंगे,परंतु आंदोलन को प्रशासन ने हाथ लगाया तो यह लड़ाई आर-पार हो जाएगी। हर हाल में इसबार आरक्षण लेकर ही रहेंगे। छत्रपति शिवाजी के विचारों पर चलनेवाले मराठों पर गोलियां दागी तो उसका सामना करने के लिए भी तैयार हैं हम। सरकार को चेताते हुए जरांगे ने कहा कि सरकार हमें एक दिन का धरना करने को कह रही है, तो एक दिन में हमें आरक्षण क्यों नहीं देती। क्योंकि मैं मैनेज नहीं होता इसलिए बार बार मेरे समाज का अपमान किया जाता है।

विरोध प्रदर्शन के लिए लगाई गई शर्तें हटाए सरकार

मीडिया से जरांगे ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के लिए सरकार ने कई शर्तें थोप दी है उसे हटा ले।हमें ज्यादा समय दिया जाए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मराठा समाज का दर्द समझना चाहिए और गरीब मराठों को न्याय देना चाहिए। अगर वे आज आरक्षण लागू करते हैं, तो हम शिवनेरी से गुलाल फेंककर वापस चले जाएंगे। अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम मुंबई के आजाद मैदान में धरना देंगे। उन्होंने बताया कि गुरुवार रात तक वे मुंबई पहुंच जाएंगे और 29 अगस्त को आजाद मैदान पहुंचकर भूख हड़ताल करेंगे। मुंबई पुलिस ने मनोज जरांगे को आजाद मैदान में अनशन करने के लिए दिन के साथ ही 5000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी नहीं शामिल होने की शर्त लगाई है। गरीब मराठों के खिलाफ सरकार को अड़ियल रुख छोड़ देना चाहिए। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी जाना चाहिए। जरांगे ने कहा कि आजाद मैदान के साथ राज्य के हर गांवों और तहसीलों में भी विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है। मुख्यमंत्री फडणवीस को अनुरोध करते हुए पाटिल ने कहा कि हम पर कोई शर्त न थोपें। ये लोग मुझे छोड़ने आए हैं, जो आना चाहते हैं, उन्हें आने दें। मुझे मुंबई छोड़कर वे गांव और तहसील में विरोध प्रदर्शन करेंगे।

राजनीतिक जीवन दांव पर लगाने के लिए नेता तैयार नहीं

राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण कैबिनेट उपसमिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे और मंत्री उदय सामंत को जरांगे से मिलने के लिए भेजने का फैसला किया था। मंगलवार रात 12 बजे राधाकृष्ण विखे पाटिल ने जरांगे को फोन किया, लेकिन वे सो रहे थे। अतरवाली सराटी के सरपंच ने उन्हें सुबह फोन करने को कहा। विखे पाटिल ने कहा कि अगर जरांगे पाटिल अभी चर्चा के लिए तैयार हैं, तो मैं अभी आने को तैयार हूं। जरांगे ने कहा कि अब तो राजनीतिक नेता भी चर्चा के लिए आने को तैयार नहीं हैं। ऐसा लगता है कि वे राजनीतिक जीवन को दांव पर नहीं लगाना चाहते। राजनेता गरीब मराठाओं की नाराजगी मोल लेने को तैयार नहीं हैं। जरांगे ने कहा कि अगर मराठों को ओबीसी से आरक्षण नहीं दिया गया, तो हम अब पीछे नहीं हटेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए स्वर्णिम अवसर है। गरीब मराठाओं को वे ओबीसी आरक्षण का लाभ दें। शिवनेरी किले के सीढियों पर खड़े होकर कहता हूं कि गरीब मराठा सीएम को कभी नहीं भूलेंगे।

हमारे हाथ में बंदूक है क्या?

अंतरवाली सराटी से हजारों की ताताद में मराठा आंदोलक ट्रक , टेम्पो , जीप ,बाइक पर सवार हो कर गुरुवार सुबह शिवनेरी पहुंच गए। शिवाई मंदिर में शिवाई देवी की आरती की। मीडिया ने जब उनसे कहा कि आंदोलन के कारण गणेशोत्सव में बाधा आ रही है। इसपर जरांगे ने कहा कि हमारे हाथ में बंदूक है क्या, जिससे बाधा आएगी। जब अंतरवाली में आंदोलन जारी था, तब गणेशोत्सव नहीं था क्या? तब हमारे लोगों पर लाठीचार्ज किया, यह सरकार को चलता है क्या?

मराठा आरक्षण यात्रा में शामिल व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत

जरांगे की आरक्षण यात्रा के दौरान दुखद घटना घटी। जुन्नर के पास यात्रा के दौरान एक मराठा आंदोलनकारी की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। मृतक का नाम सतीश ज्ञानोबा देशमुख (45) है। देशमुख बीड के वराडगांव स्थित केज के निवासी थे। रैली के दौरान उनकी तबियत बिगड़ गई। इलाज के लिए उन्हें तुरंत नारायणगांव के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन डॉक्टरों ने इलाज से पहले ही उनको मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए नारायणगांव के ग्रामीण अस्पताल भेज दिया गया है। गुरुवार दोपहर को आंबेगाव तहसील के कलंब गांव में पुणे-नाशिक हाईवे पार करते समय एक मराठा प्रदर्शनकारी को मोटरसाइकिल ने टक्कर मार दी, जिससे वह घायल हो गया। घायल व्यक्ति की पहचान प्रो. गणेश भीमराव धपाटे (53, केज, बीड) के रूप में हुई है। उनका इलाज मंचर के निजी अस्पताल में चल रहा है। यह घटना मनोज जरांगे के आने से पहले हुई। प्रो. गणेश धपाटे अपने साथी की कार से उतरकर कलंब -नारायणगांव सड़क पार कर रहे थे, तभी एक मोटरसाइकिल सवार ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर से वह सड़क पर गिर गए।


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आजाद मैदान में तैयार किया गया मंच

मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे-पाटील के अनशन के लिए आजाद मैदान में गुरुवार देर रात तक मंच तैयार करने का काम चलता रहा। जरांगे-पाटील शुक्रवार से आजाद मैदान में अनशन शुरू करने वाले हैं। यहां बनाए गए मंच पर केवल जरांगे-पाटील और उनके सहायक बैठेंगे। बाकी आंदोलक मंच के सामने बैठेंगे। मुंबई मराठा क्रांति मोर्चा के प्रमुख समन्यवक महेश राणे ने यह जानकारी दी। राणे ने कहा कि सरकार और मुंबई मनपा प्रशासन को आंदोलनकारियों को पीने के पानी और शौचालय की व्यवस्था करनी चाहिए। देर रात तक मुंबई मनपा ने केवल एक टैंकर पानी भेजा है। लोगों के भोजन की व्यवस्था हम लोग अपने स्तर पर कर रहे हैं।


Created On :   28 Aug 2025 10:42 PM IST

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