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Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एनपीसीआईएल के चिकित्सा अधिकारी डॉ.श्याम बिहारी को नहीं दी राहत

- अदालत ने यौन उत्पीड़न के मामले से बरी करने की डॉ. बिहारी की याचिका किया खारिज
- एनपीसीआईएल के चिकित्सा अधिकारी डॉ.श्याम बिहारी को नहीं दी राहत
- कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में राहत नहीं
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के चिकित्सा अधिकारी डॉ.श्याम बिहारी को राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत उनकी याचिका खारिज कर दी। उन पर एनपीसीआईएल में कार्यरत वैज्ञानिक की बेटी से चिकित्सा के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप है।
न्यायमूर्ति रवींद्र वी घुगे और न्यायमूर्ति अश्विन डी.भोबे की पीठ ने डॉ.श्याम बिहारी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि अनुशासनात्मक प्राधिकारी अनुशासनात्मक कार्यवाही को समाप्त करने का निर्णय लेता है, तो दूसरा चरण भी पूरा नहीं होता है। इस प्रकार कर्मचारी का रिपोर्ट प्राप्त करने का अधिकार जांच के पहले चरण में अपना बचाव करने के उचित अवसर का एक हिस्सा है। यदि उसका यह अधिकार अस्वीकार कर दिया जाता है, तो उसे वास्तव में अनुशासनात्मक कार्यवाही में अपना बचाव करने और अपनी बेगुनाही साबित करने के अधिकार से वंचित कर दिया जाता है। इसलिए समिति के नोटिस में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।
याचिकाकर्ता 2005 से एनपीसीआईएल में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत है। एनपीसीआईएल के साथ कार्यरत एक वैज्ञानिक अधिकारी ने 27 जुलाई 2024 को अपनी बेटी की ओर से एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें याचिकाकर्ता पर उनकी बेटी की चिकित्सा जांच के दौरान यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। एनपीसीआईएल की आंतरिक शिकायत समिति ने याचिकाकर्ता के विरुद्ध लगाए गए आरोपों की जांच की।
समिति ने 14 जुलाई 2025 को अपनी जांच रिपोर्ट याचिकाकर्ता को प्रस्तुत की, जिसमें उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को सिद्ध माना गया। इसके बाद समिति ने उन्हें 31 जुलाई 2025 को नोटिस भेजी, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि वह अपना बचाव लिखित रूप में प्रस्तुत करें, ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक प्राधिकारी आगे उचित आदेश पारित करेंगे। याचिकाकर्ता ने समिति की नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी।
Created On :   15 Oct 2025 10:47 PM IST