Mumbai News: पवार, उद्धव और राज चुनाव आयोग से मिले, पूछा इतनी गड़बड़ी तो कैसे निष्पक्ष होगा चुनाव

पवार, उद्धव और राज चुनाव आयोग से मिले, पूछा इतनी गड़बड़ी तो कैसे निष्पक्ष होगा चुनाव
  • चुनाव आयोग के साथ बैठक में उठाया सवाल
  • पूछा - कहीं राजनीतिक दबाव तो नहीं
  • विधानसभा मतदाता सूची में बदलाव का अधिकार राज्य चुनाव आयोग के पास नहीं- वाघमारे

Mumbai News. महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की आहट के साथ ही राजनीतिक तापमान चढ़ने लगा है। महाविकास आघाड़ी के दलों सहित राज्य के प्रमुख विपक्षी दलों ने मंगलवार को चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए मतदाता सूची में भारी गड़बड़ियों का मुद्दा उठाया है। विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकलिंगम से मुलाकात कर शिकायतों का अंबार लगा दिया। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बैठक के दौरान चोकलिंगम पर सीधे सवाल दागते हुए तीखे लहजे में पूछा, जब अभी चुनाव की घोषणा भी नहीं हुई है, तो मतदाता पंजीकरण क्यों बंद कर दिया गया? राज ने आरोप लगाया कि हजारों युवाओं को मतदान प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है।

चुनाव आयोग के साथ बैठक में क्या हुआ?

बैठक में राज ठाकरे ने कहा कि मतदाता सूची में भारी अनियमितताएं हैं। कई लोगों के नाम दो-दो जगह दर्ज हैं। कई जगह पिता की उम्र बेटे से कम दिख रही है, और कई वैध मतदाताओं के नाम बिना सूचना के काट दिए गए हैं। ऐसे में निष्पक्ष चुनाव कैसे संभव है? विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को सौंपे ज्ञापन में कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली पर जनता का विश्वास डगमगाने लगा है। पत्र में कहा गया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए थे, उनकी जानकारी सार्वजनिक की जाए और वेबसाइट पर मतदाता सूची की नवीनतम जानकारी तत्काल जारी की जाए।

कहीं राजनीतिक दबाव तो नहीं?

विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में अनियमितताओं के पीछे किसी राजनीतिक दबाव या छुपे हुए एजेंडे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर पारदर्शिता नहीं बरती गई तो आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की साख पर गहरा असर पड़ेगा। मुंबई, पुणे, ठाणे जैसे शहरों में अन्य राज्यों से आने वाले लाखों लोग रहते हैं, जिनके नाम उनके गृह राज्य की मतदाता सूची में भी दर्ज हैं। विपक्ष का कहना है कि बिहार जैसे राज्यों में दोहरे नाम हटाने के लिए अभियान चलाया गया, तो महाराष्ट्र में ऐसी पहल क्यों नहीं हो रही? विपक्ष ने दावा किया कि चुनाव आयोग वीवीपैट मशीनों के साथ ईवीएम उपलब्ध नहीं करा रहा, जबकि इन चुनावों की तैयारी पिछले 4 वर्षों से चल रही है। सवाल यह भी उठा कि अगर हजारों करोड़ रुपये खर्च करके मशीनें मंगवाई गईं, तो वे अब कहां हैं? विपक्ष ने कहा कि जनता का ईवीएम पर से भरोसा उठ चुका है और वीवीपैट ही एकमात्र पारदर्शी उपाय है।

इनकी रही मौजूदगी

इस बैठक में शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार, मनसे प्रमुख राज ठाकरे, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात, शेकाप नेता जयंत पाटील और सपा नेता रईस शेख और दूसरे अन्य नेता उपस्थित रहे।

विधानसभा मतदाता सूची में बदलाव का अधिकार राज्य चुनाव आयोग के पास नहीं- वाघमारे

महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय चुनावों को लेकर उठे विवादों के बीच राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने स्पष्ट किया कि विधानसभा मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या बदलाव करने का अधिकार राज्य चुनाव आयोग के पास नहीं है। यह अधिकार केवल भारत के चुनाव आयोग के पास है। मुंबई स्थित कार्यालय में मंगलवार को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें यह स्पष्टीकरण दिया गया। वाघमारे ने कहा कि स्थानीय चुनाव में वही विधानसभा मतदाता सूची उपयोग में लाई जाती है, जिसे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचित किया गया है। इन चुनावों के लिए 1 जुलाई 2025 को जो मतदाता सूची अस्तित्व में थी, उसी को आधार मानकर चुनाव प्रक्रिया संचालित की जाएगी।

Created On :   14 Oct 2025 10:29 PM IST

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