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Mumbai News: सीएसआर निधि से बनी इमारतों को अब नहीं दिया जा सकेगा दानदाता का नाम

- स्वास्थ्य विभाग ने सीएसआर निधि के इस्तेमाल के लिए नीति में किया संशोधन
- सीएसआर निधि से बनी इमारतों को अब नहीं दिया जा सकेगा दानदाता का नाम
Mumbai News. प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) निधि के इस्तेमाल के लिए नीति में संशोधन किया है। इसके अनुसार सीएसआर निधि से बनाई जाने वाली इमारतों, सुविधा अथवा स्थापना को दानदाता से संबंधित नाम नहीं दिया जा सकेगा। मगर दानदाता के योगदान का उल्लेख करने के लिए विभाग की ओर से निश्चित पद्धति के तहत केवल शिलालेख बनाया जा सकेगा। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया है। सीएसआर निधि के उपयोग के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय नियामक समिति बनाई गई है। नियामक समिति सीएसआर के तहत पांच करोड़ रुपए से अधिक राशि वाले प्रस्तावों और परियोजनाओं को मान्यता प्रदान करेगी। नियामक समिति की तीन महीने में कम से कम एक बार बैठक आयोजित करना अनिवार्य होगा।
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वहीं राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सचिव (1) डॉ. निपुण विनायक की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कार्यकारी समिति गठित की गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के सचिव (2) वीरेंद्र सिंह कार्यकारी समिति के सह अध्यक्ष बनाए गए हैं। यह कार्यकारी समिति पांच करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं को मान्यता देगी। साथ ही सीएसआर के तहत किए जाने वाले कामों के प्रबंधन और एक समानता के लिए आवश्यक प्रारूप तैयार करेगी। सीएसआर के उपक्रमों को लागू करने संबंधित निदेशालय, जिला, तहसील, मनपा और क्षेत्रिय कार्यालय के स्वास्थ्य अधिकारी से प्रभावी रूप से समन्वय स्थापित करेगी। कार्यकारी समिति की बैठक भी तीन महीने में एक बार आयोजित करना अनिवार्य होगा। सीएसआर के तहत बेहतर तरीके से काम करने के लिए राज्यस्तरीय समन्वय अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। मुंबई स्थित स्वास्थ्य सेवा आयुक्तालय में स्वतंत्र सीएसआर बनाया जाएगा। समन्वय अधिकारी के पास सीएसआर निधि देने के लिए तैयार कंपनी के साथ करार करने की जिम्मेदारी होगी।
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सीएसआर निधि का लक्ष्य और दायरा
सीएसआर के तहत विभिन्न उपक्रमों को लागू करने के लिए नीतिगत और कानूनी दायरा तय किया जाएगा। इसके सीएसआर उपक्रमों का नियोजन और मूल्यांकन सुसंगत और पारदर्शी तरीके से हो सकेगा। सीएसआर परियोजनाओं के जरिए स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन और उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
निधि का यहां किया जा सकेगा इस्तेमाल
केंद्र सरकार के कंपनी कानून -2013 के तहत कंपनियों से मिलने वाली सीएसआर निधि का इस्तेमाल विभिन्न कामों के लिए किया जा सकेगा। सीएसआर निधि से गरीबी और कुपोषण और स्वास्थ्य सेवा को प्रोत्साहन, पीने के शुद्ध पानी का व्यवस्था, महिलाओं, बुजुर्गों, विकलांगों को व्यावसायिक कौशल्य बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। महिलाओं और अनाथ बच्चों के लिए घर व छात्रावास, वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धाश्रम, डे केयर सेंटर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। पूर्व सैनिक, विधवा, आश्रित परिवारों को मदद के लिए उपाय योजना लागू की जा सकेगी। ग्रामीण खेल,
Created On :   15 Oct 2025 10:30 PM IST