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Mumbai News: वसई विरार महानगर पालिका के पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार की गिरफ्तारी अवैध करार, रिहाई का निर्देश

- अदालत ने पवार की रिहाई के आदेश पर रोक लगाने की ईडी की मांग को मानने से किया इनकार
- पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार की गिरफ्तारी अवैध करार
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की निलंबित आईएएस अधिकारी और वसई विरार महानगर पालिका पूर्व आयुक्त अनिल कुमार पवार की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया। अदालत ने उन्हें रिहा करने का आदेश देते हुए कहा कि 13 अगस्त को पवार की हिरासत के समय एजेंसी के पास पर्याप्त सबूत नहीं थे।
मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने अनिल कुमार पवार की याचिका पर कहा कि याचिकाकर्ता की हिरासत और उसके बाद की न्यायिक हिरासत दोनों ही गैरकानूनी थीं। पीठ ने विशेष अदालत के आदेश को रद्द करते हुए पवार की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया। सुनवाई के दौरान पीठ ने एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह को यह स्पष्ट करने को कहा कि गिरफ्तार करने वाले अधिकारी ने किन सबूतों का सहारा लिया था? क्या यह मामला केवल धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज गवाहों के बयानों पर आधारित है?
इसके जवाब में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पवार और नगर नियोजन के उप निदेशक तथा मामले में सह-आरोपी वाई.एस.रेड्डी के बीच कथित रूप से हुई व्हाट्सएप चैट का हवाला दिया। चैट में आर्किटेक्ट और बिल्डरों के बयानों में पैसे के लेनदेन की बात की गई। इस पर पीठ ने कहा कि क्या आप पीएमएलए की धारा 50 के तहत दिए गए बयानों और व्हाट्सएप चैट पर भरोसा कर रहे हैं। याचिकाकर्ता के घर पर छापेमारी के दौरान कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली।
पीठ ने पवार को शर्तों के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया। पवार रिहा होने के बाद सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। ईडी ने 300 करोड़ रुपए के अधिक के धन शोधन मामले में पवार और कई अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें से लगभग 169 करोड़ रुपए पवार से जुड़े हैं।
Created On :   15 Oct 2025 10:09 PM IST