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Mumbai News: पहले मतदाता सूची में सुधार करो, उसके बाद चुनाव कराओ, आघाडी नेताओं की चुनाव आयुक्त से मांग

- ठाकरे बंधू समेत महाविकास आघाडी के नेताओं की राज्य चुनाव आयुक्त से मांग
- पहले मतदाता सूची में सुधार करो, उसके बाद चुनाव कराओ
Mumbai News. महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने बुधवार को राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे से मुलाकात कर मतदाता सूची में मौजूद भारी गड़बड़ियों को लेकर नाराजगी जताई। इस विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने वाघमारे से कहा कि पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची में सुधार करे उसके बाद ही चुनाव कराए। बैठक में शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे, राकांपा (शरद) प्रदेशाध्यक्ष शशिकांत शिंदे, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार समेत दूसरे विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद रहे। राज ठाकरे ने चुनाव आयोग का मजाक उड़ाते हुए कहा कि हमें कई जगह ये पता ही नहीं लग रहा है कि बाप बड़ा है या बेटा। इससे पहले मंगलवार को इन्हीं नेताओं ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस चोकलिंगम से मुलाकात की थी।
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बैठक में क्या हुआ?
शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आयोग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि क्या चुनाव आयोग के अधिकारी किसी के इशारों पर चलने वाली कठपुतलियां हैं? हर सवाल पर वे एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हैं। आयोग इस बैठक के बाद क्या फैसला लेता है, इसके बाद हम अपनी भूमिका तय करेंगे। बैठक में नेताओं ने विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान सामने आई मतदाता सूचियों की त्रुटियों के सबूत भी आयोग के सामने रखे। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मतदाता सूची में उम्र को लेकर हुई गड़बड़ियों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि कई जगह तो मतदाता अपने पिता से बड़े दिख रहे हैं। आखिर कौन किसका पिता है, यह तय करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची तक पहुंच नहीं दी जा रही, जिससे पारदर्शिता खत्म हो रही है।
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विधानमंडल में कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने बताया कि राजुरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेता के मोबाइल पर वोटिंग ओटीपी आया था। जब हमने शिकायत की, तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, आयोग की वेबसाइट का काम भी भाजपा पदाधिकारी देवांग दवे को ठेके पर दिया गया था। अगर स्थानीय निकाय चुनाव निष्पक्ष नहीं हुए तो यह लोकतंत्र के लिए सीधा खतरा होगा। राकांपा (शरद) नेता जयंत पाटील ने कहा कि मतदाताओं के पते गलत हैं, कई मतदाता उन पते पर रहते ही नहीं हैं। एक ही मकान में सैकड़ों मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। नाशिक में एक ही घर में 813 मतदाताओं की एंट्री मिली।
सर्वदलीय शिष्टमंडल ने स्पष्ट कहा कि जब तक मतदाता सूची पूरी तरह दुरुस्त नहीं होती, तब तक स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव कराना लोकतंत्र के साथ अन्याय होगा। चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद विपक्ष की साझा प्रेस कांफ्रेंस में सभी नेताओं ने बारी-बारी से आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने हाल के समय में निष्पक्ष चुनाव कराना बंद कर दिया है। हम अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र नहीं, बल्कि सबसे बड़े ‘लोकतंत्र का दिखावा करने वाले’ देश बन चुके हैं। मतदाता सूचियों में गड़बड़ी साफ दिखती है। नेताओं ने कहा अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष होता तो इन मतदाता सूचियों की सफाई उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी होती। लेकिन ऐसा लग रहा है कि आयोग सिर्फ एक राजनीतिक दल के लिए काम कर रहा है।
Created On :   15 Oct 2025 10:22 PM IST