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Mumbai News: संजय राऊत - मैंने सपकाल को लेकर कांग्रेस आलाकमान को नहीं लिखा कोई पत्र

- मनसे पर सपकाल की नाराजगी के बदले राऊत के पत्र लिखने की थी चर्चा
- मैंने सपकाल को लेकर कांग्रेस आलाकमान को नहीं लिखा कोई पत्र
Mumbai News. राज्य में होने वाले स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे महाविकास आघाड़ी और महायुति में नए समीकरण बनते दिख रहे हैं। इस बीच मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के संभावित गठबंधन के बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल की मनसे को लेकर शंका और शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राऊत द्वारा कांग्रेस हाईकमान को लिखे गए कथित पत्र को लेकर महाविकास आघाड़ी में असहमति की खबरें भी सामने आ रही हैं। हालांकि इन खबरों के बीच अब राऊत ने खुद सामने आकर इन सभी अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है। उनका कहना है कि मैंने कांग्रेस हाईकमान को कोई पत्र नहीं लिखा है। इससे पहले सोशल मीडिया पर खबरें वायरल हुई कि राऊत ने सपकाल की शिकायत पत्र के जरिए कांग्रेस आलाकमान से की है।
क्या है पूरा मामला?
मनसे और उद्धव गुट के एक साथ आने की खबरों के बीच राज ठाकरे, विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर चुनाव आयोग के अधिकारियों से भी मिले। जिसके बाद कयास लगने लगे कि क्या मनसे और कांग्रेस एक साथ आएंगे। लेकिन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सपकाल ने तीन दिन पहले ही साफ कर दिया था कि उन्हें मनसे की ओर अभी तक कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं मिला है। हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं ने मनसे को साथ लेने पर परप्रांतीय मतदाताओं के नाराज होने की आशंका जाहिर की। जिसके बाद सपकाल ने भी इसी तरह की शंका अपने हाईकमान के समक्ष रखी। सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि इसी शंका से नाराज होकर राऊत ने दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को सपकाल के खिलाफ पत्र लिखा। लेकिन राऊत ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है। राऊत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पत्र लिखे जाने की खबर कहां से आई, मुझे नहीं पता। हर्षवर्धन सपकाल हमारे मित्र हैं, अच्छे सहयोगी हैं और महाविकास आघाड़ी में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। हमारे बीच नियमित संवाद होता है। उनके वरिष्ठ नेताओं से बात करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि सपकाल को दिल्ली जाना था, तो उनके स्थान पर कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात हमारी चुनाव आयोग के साथ बैठक में शामिल हुए थे। अभी जो चर्चाएं चल रही हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं है।
सपकाल की सफाई
उधर मामला बढ़ता देख पत्रकारों से बातचीत में हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि मैंने मनसे के साथ आने या न आने पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। मैंने जो भी कहा, वह संगठन के हित में था। सपकाल ने कहा कि मनसे के साथ गठबंधन के बारे में कांग्रेस नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, वह सभी को मान्य होगा। हालांकि तीन दिन पहले प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा था कि मेरे साथ बैठक में ज्यादातर कांग्रेस नेताओं ने मनसे की भूमिका को देखते हुए गठबंधन नहीं करने को कहा था। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता चाहते हैं कि हम स्थानीय चुनाव अकेले लड़ें। उन्होंने कहा था कि कार्यकर्ताओं की भावना का सम्मान किया जाएगा।
Created On :   16 Oct 2025 10:06 PM IST