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बॉम्बे हाई कोर्ट: रोड रेज अपहरण मामले में निलंबित पूजा खेडकर के पिता को मिली अग्रिम जमानत

- अदालत ने दिलीप खेडकर को पीड़िता को 4 लाख का मुआवजा और पुलिस कल्याण कोष में 1 लाख का अतिरिक्त भुगतान करने का दिया निर्देश
- बॉम्बे हाई कोर्ट से रोड रेज अपहरण मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता को मिली अग्रिम जमानत
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट से रोड रेज अपहरण मामले में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर को अग्रिम जमानत मिल गई है। अदालत ने उन्हें पीड़िता को 4 लाख रुपए का मुआवजा और पुलिस कल्याण कोष में 1 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति एन.आर.बोरकर की एकल पीठ के समक्ष दिलीप खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। सरकारी वकील रंजना हुंबाने ने उनकी अग्रिम जमानत का विरोध किया और कथित तौर पर याचिकाकर्ता की हिरासत में प्रहलाद कुमार को लगी चोटों का हवाला दिया। अपराध की गंभीरता और पीड़ित की चोटों के बारे में अभियोजन पक्ष की आपत्तियों के बावजूद पीठ ने खेडकर को अग्रिम जमानत दे दी।
पीठ ने उन पर 5 लाख रुपए की निर्धारित वित्तीय शर्तों को पूरा करने का निर्देश दिया। खेडकर को पीड़िता को 4 लाख रुपए का मुआवजा और पुलिस कल्याण कोष में 1 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। उन्हें गिरफ्तारी पूर्व जमानत से पहले की राहत की शर्त के रूप में कुल 5 लाख रुपए चुकाने होंगे।
क्या है पूरा मामला
इस साल सितंबर में व्यवसायी विलास ढेंगारे की शिकायत पर दिलीप खेडेकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। पुलिस के अनुसार जब चंदकुमार चव्हाण द्वारा चलाए जा रहे ढेंगारे के ट्रांजिट मिक्सर ट्रक की मुलुंड-ऐरोली रोड पर खेडेकर के कार से कथित तौर पर टक्कर हो गई, तो ट्रक पर मौजूद हेल्पर प्रहलाद कुमार को कार में बैठे लोगों ने जबरन कार में डाल लिया और कहा कि वे उसे पुलिस स्टेशन ले जा रहे हैं। जब कुमार ने कॉल का जवाब नहीं दिया, तो चव्हाण ने कथित तौर पर आस-पास के नवी मुंबई पुलिस स्टेशन में पूछताछ की, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस ने कार के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर उसका पता लगाया और उसे खेडकर के घर पर पाया।
खेडेकर के वकील अशोक मुंदरगी ने दलील दी कि उनकी कार का निरीक्षण करने और नुकसान का आकलन करने के बाद खेडकर और ट्रक चालक एक मैकेनिक से नुकसान का आकलन करने पर सहमत हुए थे। जब कोई उपयुक्त गैराज नहीं मिला, तो ट्रक चालक ने कथित तौर पर खेडकर से हेल्पर को अपने साथ ले जाने के लिए कहा था। गलत तरीके से बंधक बनाने का आरोप काल्पनिक था और सबूतों से समर्थित नहीं था। सेशन कोर्ट ने खेडेकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।
Created On :   16 Oct 2025 9:17 PM IST