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वाहन पर दुकान ले सकेंगे दिव्यांग, योजना को लागू करने किए गए बदलाव
- 40 फिसदी से अधिक विकलांगता वालों को मिलेगा योजना का लाभ
- 1018-19 के बजट में हुई थी घोषणा
- योजना को लागू करने किए गए बदलाव
- आरटीओ में नियुक्त होंगे विशेष अधिकारी
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। दिव्यांग व्यक्तियों को ग्रीन ऊर्जा पर चलने वाला मोबाइल वैन (मोबाइल शॉप ऑन व्हीकल) देने की योजना अब प्रभावी रूप से लागू होगी। राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग ने इस योजना को लागू करने के लिए इसमें अहम बदलाव किया है। इससे अब दिव्यांगों को वाहन चलाने के लिए लाइसेंस आसानी से उपलब्ध हो सकेगा। जिससे दिव्यांग वाहन पर किराना, स्टेशनरी, सब्जी-फल, जेरॉक्स, पानी पुरी, इडली-डोसा, बेकरी सहित अन्य व्यवसाय के लिए दुकान खोल सकेंगे।
प्रदेश के दिव्यांग कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि राज्य में 10 जून 2019 से दिव्यांगों को मुफ्त में मोबाइल वैन देने की योजना लागू करने का फैसला किया गया था। इसके तहत 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगों को चलता-फिरतादुकान शुरू करने के लिए मोबाइल वैन दिया जाना था। लेकिन दिव्यांगों को वाइन (मोबाइल वैन)चलाने के लिए लाइसेंस न मिल सकने और प्रशासनिक कारणों के कारण अभी तक यह योजना लागू नहीं हो पाई थी। इसके चलते दिव्यांग कल्याण विभाग ने बीते दिनों राज्य केपरिवहन विभाग के अफसरों के साथ एक बैठक की थी। इसमें राज्य के परिवहन आयुक्त विवेक भिमनवार और परिवहन सहायक आयुक्त जितेंद्र पाटील मौजूद थे। इस बैठक में योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
आरटीओ में नियुक्त होंगे विशेष अधिकारी
राज्य के आरटीओ कार्यालय में दिव्यांगों की सभी प्रकार के सहायता के लिए शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। केंद्र सरकार के मोटर वाहन कानून में दिव्यांगों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। दिव्यांगों को इन प्रावधानों के बारे में बताने के लिए एक पुस्तिका तैयार की जाएगी। परिवहन आयुक्त कार्यालय व दिव्यांग कल्याण विभाग में समन्वय के लिए नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही मोबाइल वैन खरीदने के लिए टैक्स में छूट मिल के लिए गृह (परिवहन) विभाग को एक प्रस्ताव भी भेजने का फैसला लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि दिव्यांग व्यक्तियों को वाहन चलाने के लिए जिला सिविल सर्जन से ड्राइविंग फिटनेस सर्टिफिकेट मिल सकेगा। एक दिव्यांग व्यक्ति को दो वाहनों के लिए लाइसेंस दिया जा सकेगा।
किन दिव्यांगों को मिल सकता है योजना का लाभ
राज्य में 18 से 55 साल आयु वर्ग वाले दिव्यांगों को मोबाइल वैन योजना का लाभ मिल सकेगा। लेकिन दिव्यांग व्यक्तियों की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना के लाभ के लिएदिव्यांगों के विकलांगता का प्रमाण 40 प्रतिशत होना चाहिए। मोबाइल वैन योजना को राज्य अपंग (दिव्यांग) वित्त व विकास महामंडल के माध्यम से लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत दिव्यांगों को 3 लाख 75 हजार रुपए की कीमत वाला मोबाइल वैन मुफ्त में दिया जाएगा। इससे दिव्यांग मोबाइल वैन पर दुकान खोल सकेंगे। इस योजना के लाभ के लिए राज्य अपंग वित्त व विकास महामंडल की ओर से विज्ञापन प्रकाशित किया जाएगा। इसके बाद राज्य अपंग (दिव्यांग) वित्त व विकास महामंडल के अध्यक्ष युवराज पवार की अध्यक्षता वाली समिति लाभार्थियों का चयन करेगी।
क्या है मोबाइल वैन योजना
राज्य सरकार ने साल 2018-19 के बजट में दिव्यांगों को स्वावलंबीबनाने के लिए ग्रीन ऊर्जा पर चलने वाले वाहनोंपर दुकान चालू करने की योजना शुरू करने की घोषणा की थी। जिसके बाद इस योजना को लागू करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने 22 जनवरी 2019 को मंजूर दी थी। सरकार की ओर से 10 जून 2019 को इस योजना को लागू करने के संबंध में शासनादेश भी जारी किया गया था। दिव्यांगों को रोजगार उपलब्ध कराना और उनका आर्थिक व सामाजिक पुनर्वसन करना इस योजना का उद्देश्य है।
Created On :   13 July 2023 5:22 PM IST