सदन की कार्यवाही: भिवंडी में जांच के बाद ढहाए जाएंगे अवैध गोदाम, राज्य में 78 ट्रॉमा केयर यूनिट शुरू

भिवंडी में जांच के बाद ढहाए जाएंगे अवैध गोदाम, राज्य में 78 ट्रॉमा केयर यूनिट शुरू
  • विधान परिषद में मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन
  • राज्य में 78 ट्रॉमा केयर यूनिट शुरू, विप में स्वास्थ्य मंत्री आबिटकर ने दी जानकारी
  • छत्रपति संभाजीनगर के होटल के टेंडर के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच होगी
  • राज्य में 12 हजार 438 बच्चों की मौत

Mumbai News. विधान परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि ठाणे के भिवंडी में स्थित सभी गोदामों की जांच की जाएगी। इस जांच के लिए मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को एक विशेष दस्ता तैयार किया जाएगा। इस दस्ते के लिए प्रदेश के राजस्व विभाग को मानव संसाधन भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस जांच में अवैध पाए जाने वाले गोदामों को नियमित करने के लिए एक मौका दिया जाएगा। यदि उसको नियमित नहीं किया तो सभी अवैध गोदामों को ढहा दिया जाएगा। साथ ही अवैध गोदाम के लिए जिम्मेदार संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई जाएगी। फडणवीस ने कहा कि एमएमआरडीए को भिवंडी में गोदामों के निर्माण पर निगरानी के लिए जियो स्पेशियल तकनीक का इस्तेमाल करने के आदेश दिए जाएंगे। सोमवार को सदन में भाजपा सदस्य निरंजन डावखरे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए भिवंडी के गोदामों में आग लगने की घटना का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि भिवंडी मनपा की सीमा के बाहर बड़े पैमाने पर गोदाम बनाए जा रहे हैं। केवल ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिव से रसीद लेकर गोदाम बनाए जा रहे हैं। कुछ लोगों को नियम और कानून का बिल्कुल डर नहीं है। इसलिए भिवंडी के सभी गोदामों की जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध गोदामों को नियमित करने के लिए सरकार की एक नियमावली है। इसलिए अवैध पाए गए गोदामों को नियमित करने के लिए एक मौका दिया जाएगा। लेकिन जो गोदाम मालिक नियमित करने के लिए आवेदन नहीं करेंगे। ऐसे अवैध गोदामों को ढहाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अवैध गोदामों के निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों के सरपंच और सचिव को दोषी मानकर उनके खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि भिवंडी में ऐसे जगहों पर गोदाम बनाए गए हैं, जहां पर फायर ब्रिगेड को पहुंचने में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। इसलिए एमएमआरडीए को नए फायर ब्रिगेड स्टेशन (दमकल केंद्र) स्थापित करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे।

अवैध गोदाम में रखा था केमिकल

मुख्यमंत्री ने बताया कि भिवंडी शहर के अंजूर फाटा- दापोडा स्थित गोदाम श्री स्वामी समर्थ वेयर हाउस पूरी तरह से अवैध था। इस गोदाम में रखा गया अतिसंवेदनशील रासायनिक पदार्थ और फर्टिलाइजर व्यक्तियों और प्राणियों के लिए धोखादायक था। इस गोदाम में विस्फोट होने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जिसके बाद इस घटना को लेकर श्री स्वामी समर्थ वेयर हाउस के प्रबंधक और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ नारपोली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। लेकिन अब संबंधित आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

समृद्धि महामार्ग किनारे बनाए जाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागपुर- मुंबई समृद्धि महामार्ग के किनारे नए गोदाम बनाए जाएंगे। इसके लिए राज्य के उद्योग विभाग और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) मिलकर काम करेगा।

राज्य में 78 ट्रॉमा केयर यूनिट शुरू, विप में स्वास्थ्य मंत्री आबिटकर ने दी जानकारी

प्रदेश सरकार ने राज्य में 117 ट्रॉमा केयर यूनिट सेंटर मंजूर किया गया है। जिसमें से 78 ट्रॉमा केयर सेंटर शुरू है। विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने यह जानकारी दी। आबिटकर ने बताया कि 39 ट्रॉमा केयर सेंटर को कार्यान्वित करने की कार्यवाही शुरू है। इसमें से 8 ट्रॉमा केयर सेंटर का काम पूरा हुआ है। जबकि 6 ट्रॉमा केयर सेंटर का निर्माण कार्य शुरू है। सरकार ने पहले निर्माणाधीन ट्रॉमा केयर सेंटर का काम पूरा करने का फैसला लिया है। इसलिए फिलहाल बचे हुए 25 ट्रॉमा केयर सेंटर बनाने के नए काम की शुरुआत नहीं की जाएगी। भाजपा सदस्य निरंजन डावखरे और भाजपा सदस्य प्रवीण दरेकर समेत अन्य सदस्यों ने राज्य के महामार्गों के सरकारी अस्पतालों में ट्रॉमा केयर सेंटर स्थापित करने के बारे में सवाल पूछा था।

छत्रपति संभाजीनगर के होटल के टेंडर के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच होगी

छत्रपति संभाजीनगर के होटल विट्स को बेचने के लिए जारी ई-टेंडर में अनियमितता के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। विधान परिषद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए। इसलिए होटल विट्स की नीलामी के टेंडर में नियम और शर्तों के उल्लंघन अथवा अन्य प्रक्रिया में अनियमितता के आरोपों की जांच की जाएगी। सोमवार को सदन में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए होटल विट्स के टेंडर आवंटन मुद्दा उठाया। दानवे ने कहा कि प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत शिरसाट की कंपनी को नियमों को ताक पर रखकर टेंडर आवंटित किया गया था। दानवे ने दावा करते हुए कहा कि सिद्धांत की कंपनी पंजीकृत नहीं है। उनकी कंपनी ने तीन साल से आयकर नहीं भरा है। ऐसे में उनकी कंपनी होटल विट्स खरीदने के लिए कैसे पात्र हो गई ? होटल विट्स का बाजार मूल्य 150 करोड़ रुपए है। लेकिन शिरसाट के बेटे को फायदा पहुंचाने के लिए होटल विट्स का मूल्यांकन को कम करके 64 करोड़ 53 लाख रुपए किया गया। इस कंपनी के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसके जवाब में प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि विट्स होटल सरकार के कब्जे में है। अदालत के आदेश से इस होटल विट्स को बेचने के लिए टेंडर जारी किया गया था। लेकिन सिद्धांत की कंपनी ने होटल की कीमत की 25 प्रतिशत राशि तय समय पर नहीं भर पाई थी। इसलिए अब टेंडर प्रक्रिया को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। बावनकुले ने कहा कि इस होटल के खरीदने में किसी प्रकार का घोटाला भी नहीं हुआ है। इस होटल को बेचने के लिए नया टेंडर जारी किया जाएगा। टेंडर के नियम को और सख्त किया जाएगा। इस होटल की नीलामी से 6 हजार 600 शेयर धारकों को पैसा वापस करने का प्रयास किया जाएगा। इस बीच शिवसेना (उद्धव) के सदस्य अनिल परब ने भी गंभीर अनियमितता का आरोप लगाया। इस पर परब और मंत्री शिरसाट आमने-सामने आ गए। सदन में विपक्ष के सदस्यों ने शिरसाट के इस्तीफे की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। इसके बाद शिरसाट ने सफाई देते हुए कहा कि होटल की कीमत सरकार के अधिकारियों ने नहीं बल्कि अदालत के निर्देश के अनुसार तय किए हैं। शिरसाट ने कहा कि इस होटल को बेचने के लिए छह बार टेंडर जारी किया गया था। लेकिन किसी कंपनी ने होटल को खरीदने के लिए रुचि नहीं दिखाई थी। इसलिए अदालत के आदेश के अनुसार होटल की राशि को कम की गई थी। इसलिए यदि कोई आपत्ति है तो विपक्ष को अदालत में जाना चाहिए।

राज्य में 12 हजार 438 बच्चों की मौत

प्रदेश में अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच 12 हजार 438 बच्चों की मौत हुई है। सोमवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। भाजपा सदस्य उमा खापरे ने बाल मृत्यु को लेकर सवाल पूछा था। इस पर लिखित जवाब में आबिटकर ने कहा कि यह बात सच है कि अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच 12 हजार 438 बच्चों की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में कोल्हापुर मनपा क्षेत्र में 1344, जिला स्वास्थ्य अधिकारी स्तर पर 318, जिला सर्जन स्तर पर 74 कुल 1736 बच्चों की मौत हुई है। अप्रैल 2025 के दौरान प्रति एक हजार बच्चों के जन्म पर 11 नवजात बच्चों की मौत हुई है। आबिटकर ने बताया कि भारत के महापंजीयक (आरजीआई) की ओर से जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट-2021 के अनुसार महाराष्ट्र में नवजात मृत्यु दर 11 है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र की शाश्वत विकास नीति के अनुसार साल 2030 तक महाराष्ट्र में नवजात मृत्यु दर 12 करने का लक्ष्य है। आबिटकर ने कहा कि नवजात मृत्यु दर कम करने के लिए नियमित टीकाकरण, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, जननी सुरक्षा कार्यक्रम समेत अन्य योजनाओं को लागू किया जा रहा है।

Created On :   7 July 2025 9:05 PM IST

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