झुकी राज्य सरकार: खत्म हुआ जरांगे-पाटील का अनशन, मराठवाड़ा अंचल में हैदराबाद गजेटियर होगा लागू

खत्म हुआ जरांगे-पाटील का अनशन, मराठवाड़ा अंचल में हैदराबाद गजेटियर होगा लागू
  • सरकार ने जरांगे-पाटील की छह मांगों को माना, दो पर दिया आश्वासन
  • सरकार ने ये मांगें मंजूर की, शासनादेश भी जारी
  • मराठवाड़ा के मराठों को मिलेगा कुनबी प्रमाणपत्र

Mumbai News. मराठा आंदोलक मनोज जरांगे-पाटील ने राज्य सरकार की ओर से अधिकांश मांगों को मंजूर करके शासनादेश जारी किए जाने के बाद पांचवें दिन बेमियादी अनशन खत्म कर दिया है। सरकार ने मराठवाड़ा अंचल में हैदराबाद गजेटियर (राजपत्र) के आधार पर मराठा समाज के व्यक्तियों को कुनबी या मराठा-कुनबी अथवा कुनबी-मराठा प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है। मंगलवार को जरांगे-पाटील से आजाद मैदान में सरकार की ओर से मराठा आरक्षण के लिए गठित राज्य मंत्रिमंडल के उपसमिति के अध्यक्ष तथा प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री राधाकृष्ण-विखे पाटील ने मुलाकात की। इसके बाद विखे-पाटील ने जरांगे-पाटील से विभिन्न मांगों को लेकर आश्वासन दिया। विखे-पाटील के साथ कई मंत्री और सरकार के अफसर मौजूद थे। लेकिन जरांगे-पाटील ने कहा कि सरकार पहले सभी आश्वासनों को लागू करने के संबंध में शासनादेश (जीआर) जारी करें। इसके बाद ही मैं अनशन खत्म करने के बारे में फैसला लूंगा। इस पर विखे-पाटील ने हैदराबाद गजेटियर को लागू करने के लिए शासनादेश का प्रारूप दिखा। जिसमें लिखा था कि मराठा समाज के पात्र व्यक्तियों को ही प्रमाणत्र दिए जाएंगे। इस पर जरांगे-पाटील ने सरकार से पात्र शब्द डिलिट (हटाएं) करें। इसके बाद ही वह अनशन खत्म करेंगे। फिर लगभग एक घंटे बाद राज्य सरकार के समाजिक न्याय विभाग की ओर से नया शासनादेश जारी किया गया। इस शासनादेश की प्रति विखे-पाटील ने जरांगे-पाटील को सौंपी। इसके बाद जरांगे-पाटील अनशन खत्म करने के लिए तैयार हुए। विखे-पाटील ने नींबू पानी पिलाकर जरांगे-पाटील का अनशन खत्म करवाया। अनशन खत्म करने के बाद भावुक हुए जरांगे-पाटील के आंखों में आंसू नजर आए। इससे पहले बीते 29 अगस्त से जरांगे-पाटील मराठा समाज को ओबीसी कोटे से दस प्रतिशत आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी अनशन पर बैठे थे। राज्य में मराठा समाज को दस प्रतिशत स्वतंत्र आरक्षण लागू है। लेकिन जरांगे-पाटील मराठों को हैदराबाद गजेटियर के आधार पर कुनबी प्रमाणत्र देने की मांग कर रहे थे। जिससे मराठवाड़ा के कुनबियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।

मराठवाड़ा के मराठों को मिलेगा कुनबी प्रमाणपत्र

सरकार मराठवाड़ा अंचल के मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र दिया मिल सकेगा। इस प्रमाणपत्र के आधार पर मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। सरकार के शासनादेश के अनुसार कुनबी प्रमाणपत्र देने के लिए एक कार्यपद्धति तय की है। कुनबी प्रमाणपत्र को लेकर जांच करके सक्षम प्राधिकारी को सहयोग करने के लिए गांव स्तर पर तीन सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। इसमें ग्राम राजस्व अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी और सहायक कृषि अधिकारी का समावेश होगा।

फायदा होने की उम्मीद

प्रदेश में इस साल के आखिरी महीने में स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। इसलिए माना जा रहा है कि मराठा समुदाय को कुनबी जाति का प्रमाणत्र मिलता है तो इसका फायदा सत्तारूढ़ दल महायुति को निकाय चुनाव में हो सकता है।

सरकार ने ये मांगें मंजूर की, शासनादेश भी जारी

1) मराठवाड़ा में हैदराबाद गैजेटियर के आधार पर मराठा समाज के व्यक्तियों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा

2) मराठा आरक्षण आंदोलन में मृत हुए व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी दी जाएगी। पुराने प्रलंबित प्रकरणों का निपटारा जल्द होगा।

3) मराठा आंदोलकों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की बाकी प्रक्रिया सितंबर 2025 तक पूरी की जाएगी।

4) अभी तक मराठों के मिले 58 लाख अभिलेखों को सभी ग्राम पंचायतों के नोटिस बोर्ड पर लगाया जाएगा। इस बारे में जिलाधिकारी कार्यवाही पूरी करेंगे।

5) मराठों को जाति प्रमाणपत्र और जाति वैधता प्रमाणपत्र देने की कार्यवाही अभ्यर्थी के आवेदन से 90 दिनों के भीतर पूरी होगी।

6) सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे की समिति की अवधि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई है। यह समिति मराठा-कुनबी के पुराने अभिलेखों को खोजने की कार्यवाही जारी रखेगी।

इन मांगों पर जरांगे-पाटील को मिला आश्वासन

1) सरकार ने सातारा गैजेटियर को लागू करने के लिए एक महीने का समय मांगा।

2) मराठा और कुबनी एक होने संबंधी शासनादेश जारी करने के लिए दो महीने की अवधि मांगी।


Created On :   2 Sept 2025 10:13 PM IST

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