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Mumbai News: कतराने के बाद मंत्रियों ने किया जरांगे-पाटील का सामना, दो फाड़ हुआ राज्य मंत्रिमंडल!

- मराठा आंदोलक मनोज की मुख्यमंत्री के साथ कटुता कायम
- जरांगे-पाटील पर दो फाड़ हुआ राज्य मंत्रिमंडल!
- सीएम नहीं आएंगे तो मुझे मार दोगे क्या- जरांगे-पाटील
Mumbai News. मराठा आंदोलक मनोज जरांगे-पाटील ने बेमिदायी अनशन खत्म कर दिया है। इस आंदोलन को खत्म कराने के लिए आखिकार राज्य सरकार के मंत्रियों को जरांगे- पाटील का सामना करना पड़ा। मराठा आरक्षण के लिए गठित राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति के अध्यक्ष तथा प्रदेश के जलसंसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील ने जरांगे-पाटील को नींबू पानी पीलाकर अनशन खत्म करवाया। इस मौके पर राज्य के सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री शिवेंद्र सिंह भोसले, राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत, प्रदेश के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे, राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक समेत कई मंत्री मौजूद थे। दरअसल, जरांगे-पाटील ने बीते 29 अगस्त से आजाद मैदान में अनशन शुरू किया था। लेकिन जरांगे-पाटील से चर्चा करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री नहीं जाए। इसके बजाय 30 अगस्त को मंत्री विखे-पाटील ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को जरांगे-पाटील से चर्चा के लिए भेजा। लेकिन इसके बाद 31 और 1 सितंबर को जरांगे-पाटील से चर्चा के लिए सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं आया। 1 सिंतबर को पुणे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि आंदोलनकारियों से चर्चा माइक पर नहीं हो सकती है। हम चर्चा करे तो किससे करें? दूसरी तरफ बाम्बे हाईकोर्ट ने आंदोलन को लेकर सख्त रुख अपना। अदालत ने सरकार के खिलाफ आंदोलनकारियों को नियंत्रित नहीं करने को लेकर कड़ी टिप्पणी की। इससे आंदोलन को खत्म कराने के लिए सरकार पर दबाव भी बढ़ा था। इस कारण जरांगे-पाटील का अनशन खत्म कराने के लिए मंत्रिमंडल उपसमित के सदस्यों को जाना पड़ा।
जरांगे-पाटील पर दो फाड़ हुआ राज्य मंत्रिमंडल!
जरांगे-पाटील के आंदोलन के दौरान राज्य मंत्रिमंडल भी दो फाड़ नजर आया। मराठा आरक्षण के लिए गठित राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति के अध्यक्ष तथा प्रदेश के जलंसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील आंदोलनकारियों को लेकर नरम रूख अपनाते रहे। जबकि राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने स्पष्ट बयान दिया था कि सभी मराठों को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने संभव नहीं है। वहीं प्रदेश के बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने कहा कि सभी मराठों को कुनबी के रूप में वर्गीकृत करने उन्हें ओबीसी कोटे का आरक्षण देने की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। प्रदेश के फलोत्पादन मंत्री भरत गोगावले ने जरांगे-पाटील के आंदोलन का समर्थन किया। दूसरी तरफ ओबीसी समाज से आने वाले मंत्री गोलबंद नजर आए। राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने साफ कहा कि यदि सरकार ने मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिया तो हम लोग अदालत में जाएंगे। हालांकि भुजबल ने कहा कि हमें दस्तावेज के आधार पर कुनबी प्रमाणपत्र देने को लेकर कोई ऐतराज नहीं है। वहीं प्रदेश के गृह राज्य मंत्री (ग्रामीण) पंकज भोयर ओबीसी आंदोलन में शामिल हुए।
सीएम नहीं आएंगे तो मुझे मार दोगे क्या- जरांगे-पाटील
सरकार की तरफ से शासनादेश जारी किए जाने के बाद जरांगे-पाटील चाह रहे थे कि उनका अनशन खत्म कराने के लिए आजाद मैदान में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के लिए आएं। हालांकि मुख्यमंत्री मुंबई में नहीं बल्कि नागपुर में थे। जरांगे-पाटील ने उपसमिति के अध्यक्ष विखे-पाटील से मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को बुलाने के लिए आग्रह भी किया। इस पर विखे-पाटील ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही फैसले लिए हैं। इसके जवाब में जरांगे-पाटील ने कहा कि हम लोगों और मुख्यमंत्री के बीच कटुता पैदा हुई है। मैं चाहता था कि यह कटुता खत्म हो जाए। इसलिए मैं मुख्यमंत्री को बुलाने का आग्रह किया था। मैं तो कोतवाल के हाथों से पानी पीकर अनशन खत्म करने के लिए तैयार हूं। मुख्यमंत्री नहीं आएंगे तो यह कटुता बनी रहेगी। इसी बीच जरांगे-पाटील ने आजाद मैदान में बैठे आंदोलनकारियों से पूछा कि अनशन करूं या नहीं? आंदोलनकारियों ने कहा- नहीं। इस पर जरांगे-पाटील ने कहा कि मुख्यमंत्री नहीं आएंगे तो आप लोग मुझे मार दोगे क्या क्या? इसके बाद जरांगे-पाटील ने अनशन खत्म कर दिया। अनशन खत्म होते ही आजाद मैदान में आंदोलनकारियों ने जश्न मनाया।
किस दिन क्या हुआ
27 अगस्त - जरांगे-पाटील जालना के अंतरवाली- सराटी गांव से निकले
28 अगस्त - जरांगे-पाटील अहिल्यानगर होते हुए देर रात पुणे पहुंचे।
29 अगस्त- जरांगे-पाटील का अनशन शुरू
30 अगस्त - जरांगे-पाटील से शिंदे समिति ने की मुलाकात
31 अगस्त - जरांगे-पाटील बोले- मुंबई से जीत लेकर जाऊंगा याफिर मेरी अंतिम यात्रा निकलेगी
1 सितंबर - जरांगे-पाटील ने हैदराबाद और सातारा गजेटियर लागू करने की मांग
2 सितंबर- सरकार ने हैदराबाद गजेटियर लागू करने का शासनादेश होने के बाद जरांगे-पाटील का अनशन खत्म
मैं आलोचना से विचलित नहीं हुआ - मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में कहा कि राजनीतिक जीवन में हमेशा आलोचनाएं सहन करनी पड़ती है। कई बार फूल की मलाएं भी पहनाते हैं। मराठा आंदोलन के दौरान मुझे पर लगातार टिप्पणी की गई। लेकिन मैं इस आलोचना से विचलित नहीं हुआ। क्योंकि मेरा लक्ष्य मराठा समाज को न्याय देने का था। मेरी कोशिश थी कि मराठा और ओबीसी में संघर्ष न शुरू हो जाए। मुझे दोष दिया गया। गाली दी गई। फिर भी मैं मराठा, ओबीसी समेत दूसरे समाज के लिए काम करता रहूंगा। फडणवीस ने कहा कि आंदोलन खत्म कराने का श्रेय विखे-पाटील की अध्यक्षता वाली राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति को जाता है।
मुंबई वासियों को हुई समस्या के लिए खेद
मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा आंदोलन के दौरान मुंबई वासियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। इसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं। फडणवीस ने कहा कि हाईकोर्ट ने सरकार पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। सरकार अदालत के आदेश का पालन करेगी।
Created On :   2 Sept 2025 10:06 PM IST